अजमेर: जैन समाज के संत आचार्य विद्यासागर महाराज की प्रथम समाधि दिवस के मौके पर गुरुवार को गुरु गुणानुवाद महोत्सव श्रद्धापूर्वक मनाया गया. सुभाष उद्यान के निकट एक निजी शादी समारोह स्थल में धर्म सभा भी हुई. इससे पहले सकल जैन समाज की ओर से शहर में दो अलग-अलग स्थान से विशाल गौरव यात्रा निकाली गई. दोनों स्थानों से निकली गौरव यात्रा महावीर सर्कल के समीप कीर्ति स्तंभ दीक्षा स्थली पर आकर मिली.
स्वदेशी उत्पादों को दिया बढ़ावा: आयोजन समिति में पदाधिकारी और कांग्रेस शहर अध्यक्ष विजय जैन ने कहा कि आचार्य विद्यासागर महाराज का उपकार उन सभी जीवों पर है, जिनको उन्होंने अहिंसा से जीने का मार्ग बताया. जैन ने बताया कि देश में कई गौशालाएं संचालित की जा रही हैं. समाज की हजारों बेटियां आचार्य विद्यासागर महाराज के आशीर्वाद से शिक्षण संस्थानों में विद्या अर्जित कर रही हैं. हथकरघा के रूप में हजारों लोग स्वरोजगार प्राप्त कर रहे हैं. आचार्य विद्यासागर महाराज ने स्वदेशी उत्पादों को अपनाने और देशी औषधी के उपयोग को ज्यादा बढ़ावा दिया.
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उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में रायपुर के समीप डोंगरगढ़ में 1 वर्ष पहले आचार्य विद्यासागर महाराज का समाधि स्थल बना है. वहीं 30 जून, 1968 को अजमेर में आचार्य विद्यासागर महाराज ने दीक्षा ली थी. यह अजमेर के लोगों का फर्ज है. हमारे गौरव आचार्य विद्यासागर महाराज ने अपने विचारों, परोपकारिक कार्यों और स्वदेशी जन जागरण के माध्यम से देश ही नहीं बल्कि विदेशों में रहने वाले लोगों के दिलों में अपनी अमीठ छाप छोड़ी है.
छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ जाएगी गुरु गौरव यात्रा: आयोजन समिति में पदाधिकारी और नगर निगम में डिप्टी मेयर नीरज जैन ने बताया कि आचार्य विद्यासागर महाराज के प्रथम समाधि के अवसर पर दो अलग-अलग स्थान से गौरव यात्रा शुरू हुई है. वह छत्तीसगढ़ के रायपुर के समीप डोंगरगढ़ में आचार्य के समाधि स्थल पर जाएगी. इस अवसर पर जैन संत नीरज सागर महाराज भी मौजूद रहे.
जैन ने कहा कि धर्मसभा में जैन संतों ने आचार्य विद्यासागर महाराज के विचारों पर प्रकाश डाला. साथ ही संयम, सत्य, अहिंसा के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया. उन्होंने बताया कि आचार्य विद्यासागर महाराज ने स्त्री शिक्षा को बढ़ावा देने, ज्यादा से ज्यादा गौशाला खोलने, हथकरघा को बढ़ावा देने का काम किया. साथ ही पीएम नरेंद्र मोदी ने भी आचार्य विद्यासागर महाराज से प्रेरित होकर ही मेक इन इंडिया स्वदेशी को लेकर अभियान शुरू किया था. आचार्य विद्यासागर महाराज ने इंडिया को इंडिया नहीं भारत कहने पर जोर दिया.
यहां से निकली गुरु गौरव यात्रा: केसरगंज में श्री 1008 पारसनाथ जैसवाल जैन मंदिर से गुरु गौरव यात्रा शुरू हुई. वहीं दूसरी और वैशाली नगर स्थित पारसनाथ कॉलोनी से गुरु गौरव यात्रा आरंभ हुई. दोनों ही गौरव यात्रा में बड़ी संख्या में सकल जैन समाज के पुरुष और महिलाएं शामिल थी. श्लोक, मंत्र और आचार्य विद्यासागर महाराज के विचारों की तख्तियां लेकर गुरु गौरव यात्रा में उत्साह और श्रद्धा के साथ चलते हुए दोनों गुरु यात्रा महावीर सर्किल स्थित कीर्ति स्तंभ पहुंची. यहां से गुरु गौरव यात्रा निजी शादी समारोह स्थल पर पहुंची. जहां धर्मसभा में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए.