नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा: ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने 76 नए यूनिपोल के लिए टेंडर निकाल दिए हैं. पहली बार इन यूनिपोल पर क्यूआर कोड भी लगाए जाएंगे. 7 साल के लिए यूनिपोल का आवंटन किया जाएगा. इससे ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को सात साल में लगभग 97 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होने का आकलन है.
दरअसल, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने शहर में लगे अवैध यूनिपोल को हटाने और नई यूनिपोल का टेंडर नई सिरे से आवंटित करने के निर्देश दिए हैं. सीईओ के निर्देश पर अमल करते हुए प्राधिकरण के अर्बन सर्विसेस विभाग नए यूनिपोल की लोकेशन के टेंडर निकाल दिए हैं. पांच साल बाद यूनिपोल के टेंडर हुए हैं जिसे प्राधिकरण को करोड़ों रुपए के राजस्व का लाभ होगा.
76 नए यूनिपोल के लोकेशन चिह्नित किए गए
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की एसीईओ अन्नपूर्णा गर्ग ने बताया कि 76 नई यूनिपोल के लोकेशन चिह्नित किए गए हैं, जिनके लिए टेंडर निकाल दिए गए हैं. सर्वाधिक कीमत की बीड़ लगने वाले को यह यूनिपोल आवंटित किए जाएंगे. यूनिपोल के टेंडर की डिटेल और यूनिपोल की लोकेशन को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की वेबसाइट पर भी अपलोड कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि लोकेशन के आधार पर इन 76 यूनिपोल के लिए कंपनियों से आवेदन मांगे गए हैं. इन सभी यूनिपोल का आवंटन हो जाने से ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को सात साल में लगभग 97 करोड रुपए की आमदनी होने की उम्मीद है.
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अन्नपूर्णा गर्ग ने बताया कि चयनित कंपनियां सात साल के लिए इन यूनिपोल पर विज्ञापन लगा सकेंगी. प्राधिकरण ने यूनिपोल की डिजाइन को और आकर्षक बनाने के प्रयास किए हैं. हालांकि यूनिपोल के आकार व डिजाइन प्राधिकरण के मानकों के हिसाब से ही होंगे, यह यूनिपोल एक जैसे रंग के होंगे. जिन पर डिजाइनर फ्रेम लगाए जाएंगे. क्यूआर कोड से हर यूनिपोल की लोकेशन का रिकॉर्ड होगा, जिससे किसी प्रकार की गड़बड़ी नहीं हो सकेगी. यूनिपोल के टेंडर की प्रक्रिया अगस्त माह में पूरी कर ली जाएगी. इसके बाद यूनिपोल के आवंटन जारी कर दिए जाएंगे.
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