अलवरः शहर के मूंगसका स्थित वन मंडल के अधीन आने वाले क्षेत्र पर विभाग की ओर से शहर वासियों के लिए एक पार्क तैयार करवाया जा रहा है. विभाग की ओर से तैयार होने के वाले इस पार्क का नाम 'ग्रीन लंग्स पार्क' रखा गया है. इस पार्क में वन विभाग की ओर से बड़ी संख्या में पौधे लगाए जाएंगे, जो कि पार्क में आने वाले और आसपास के लोगों को स्वच्छ हवा और सुकून प्रदान करेंगे.
खास बात यह है कि जिस जगह यह पार्क बन रहा है, उसी क्षेत्र में अलवर वन मंडल की नर्सरी है, जहां विभिन्न प्रजातियों के पौधे तैयार किए जाते हैं. इससे यहां आने वाले शोधकर्ताओं को भी जानकारी मिलेगी.
इस साल शुरू हो जाएगा पार्कः अलवर वन मंडल के सहायक वनपाल भीम सिंह ने बताया कि ग्रीन लंग्स पार्क वन मंडल के अधीन 1.75 हेक्टेयर भूमि पर तैयार करवाया जा रहा है. साल 2025 में यह शहर वासियों के लिए शुरू हो जाएगा, हालांकि अभी इसमें कार्य जारी है. उन्होंने बताया कि यह क्षेत्र वासियों को आक्सीजन प्रदान करेगा, इसलिए इसका नाम 'ग्रीन लंग्स पार्क' रखा गया है. उन्होंने बताया की इस पार्क में 4 हजार से ज्यादा फल, फूल, छायादार और औषधीय वृक्ष लगाए जा रहे हैं. पौधों में पानी देने के लिए सोलर पैनल से संचालित बोरिंग की गई है. छाया में लोगों के बैठने के लिए छतरियां और पैदल घूमने के लिए ट्रैक बनाए जा रहे हैं, जिस पर लोग सुबह शाम वॉक कर सकेंगे.
वन्यजीवों के मॉडल भी लगाएः सहायक वनपाल भीम सिंह ने बताया कि ग्रीन लंग्स पार्क सुंदर आकर्षक बनाया जा रहा है. पार्क के अंदर 16 विभिन्न प्रजातियों के वन्यजीवों के मॉडल भी लगाए गए हैं, जिससे पार्क का लुक जंगल की तरह नजर आए. उन्होंने बताया कि इसमें आने वाले लोगों को बैठने के लिए तीन झोपड़ी बनाई गई है, जो दूर से देखने पर लकड़ी द्वारा तैयार की गई प्रतीत होती है. स्थानीय लोगों को जागरूक करने के लिए पार्क की बाहरी दीवारों पर चित्रकारी करवाई गई है.
ओपन ऑडिटोरियम भी हो रहा तैयारः भीम सिंह ने बताया कि ग्रीन लंग्स पार्क में ओपन ऑडिटोरियम भी तैयार करवाया जा रहा है, जहां करीब 180 से 200 लोगों के बैठने की व्यवस्था रहेगी. साथ ही आसपास पर्यावरण को बचाने के संदेश देने वाले चित्र भी उकेरे गए हैं. उन्होंने बताया की पार्क के बीचों-बीच एक पोंड बनाया गया है, जिस पर फव्वारे भी लगे हुए हैं, इसी के ऊपर से निकलता हुआ एक ब्रिज भी बनाया गया.
पौधशाला में तैयार होते हैं लाखों पौधेः भीम सिंह ने बताया कि अलवर वन मंडल की मूंगसका पौधशाला में लाखों पौधे तैयार किए जाते हैं. यहां से दिल्ली भी पौधे भिजवाए जाते हैं. वहीं, पौधों के बारे में शोध कर रहे युवा शोधकर्ता भी यहां आकर जानकारी ले सकते हैं. यहां उन्हें पौधों की कई प्रजातियों के बारे में जानकारियां मिल सकती है.