जबलपुर। सिहोरा जनपद पंचायत के सीईओ द्वारा ग्राम पंचायत गरगढ़ द्वारा वाहनों की आवाजाही पर टोल टैक्स वसूलने पर रोक लगाने पर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई. इस मामले में हाईकोर्ट ने पंचायत सचिव से जांच रिपोर्ट मांगी थी. हाईकोर्ट जस्टिस विशाल धगत की एकलपीठ ने याचिका को खारिज करते हुए आदेश में कहा है कि ग्राम पंचायत के पास मोटर वाहन पर कर लगाने का कोई अधिकार नहीं है.
जनपद सीईओ ने कर लगाने के पक्ष में दिया तर्क
याचिकाकर्ता की तरफ से तर्क दिया गया कि मध्यप्रदेश की धारा 77-ए(2) के अंतर्गत अनुसूची-2 के प्रावधान के अनुसार कर लगाया गया है. पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम के तहत ग्राम सभा द्वारा प्रस्ताव पारित किया गया है. पंचायत द्वारा कोई अवैध टोल या कर एकत्र नहीं किया गया. इसके अलावा सीईओ जनपद पंचायत ग्राम सभा के प्रस्ताव के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए सक्षम प्राधिकारी नहीं है. वहीं, याचिका पर आपत्ति व्यक्त करते हुए कहा गया कि सरपंच को अधिकृत करने के लिए ग्राम पंचायत में कोई प्रस्ताव पारित नहीं हुआ है. प्रस्ताव में पंच के नाम व उनके हस्ताक्षर नहीं हैं.
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हाईकोर्ट ने समझाई मोटर वाहन की परिभाषा
एकलपीठ ने याचिका की सुनवाई के दौरान पाया कि धारा 77 उपधारा (2) के तहत अधिनियमित अनुसूची-2 के अनुसार कर केवल मोटर वाहनों के अलावा अन्य वाहनों पर लगाया जा सकता है. मोटर वाहन की परिभाषा मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 2 में वह सभी वाहन शामिल हैं, जो यांत्रिक रूप से संचालित हैं या सड़कों पर उपयोग के लिए चलते हैं. पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम, 1993 में ग्राम पंचायत क्षेत्र में प्रवेश करने वाले मोटर वाहनों के अलावा अन्य वाहनों पर ऐच्छिक कर लगाने का अधिकार दिया है.