शिमला: अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर शिमला के रिज मैदान में आयोजित समारोह में हिमाचल सरकार की तरफ से कोई प्रतिनिधि शामिल न होने पर राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कड़ी नाराजगी जताई है. राज्यपाल ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस राज्य सरकार की उदासीनता असहनीय है.
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल शाम को रिज मैदान में राष्ट्रीय पुस्तक मेले के शुभारंभ के मौके पर मीडिया से बात कर रहे थे. सुबह के समय योग दिवस के आयोजन के अवसर पर सरकार की तरफ से कोई प्रतिनिधि उपस्थित नहीं था. न तो शिमला के मेयर, न स्थानीय विधायक व न ही आयुष मंत्री आये थे. इन सभी की गैर मौजूदगी को लेकर राजभवन की प्रतिक्रिया के लिए मीडिया ने राज्यपाल से सवाल किया था.
राज्यपाल ने जवाब में कहा कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर प्रदेश सरकार की उदासीनता असहनीय है. राज्यपाल ने कहा कि विश्व के करीब 138 देश योग से जुड़े कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं. वहीं, हिमाचल सरकार उदासीन रही. राज्यपाल ने कहा कि हर आयोजन को राजनीति से नहीं तोलना चाहिए. दुखद है कि प्रदेश सरकार ने यही किया है. राज्यपाल ने कहा कि सुबह योग दिवस के आयोजन के बाद वे इस मामले में कुछ कहना नहीं चाहते थे, लेकिन ये रवैया सहन करने योग्य नहीं है.
उल्लेखनीय है कि 21 जून के अवसर पर पूरी दुनिया योग दिवस मनाती है. इसे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मान्यता मिली हुई है. शुक्रवार को सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू और डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री हमीरपुर एवं देहरा में थे. पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने ऊना में योग दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में शिरकत की थी. शिमला के रिज मैदान में केवल भाजपा एमएलए जीतराम कटवाल मौजूद थे. ऐसे में राजभवन ने सरकारी उदासीनता को गम्भीरता से लिया है.
गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के रिज मैदान पर अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर राज्यस्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. आयोजन आयुष विभाग की ओर से किया गया था. इसके बावजूद आयुष मंत्री इस कार्यक्रम में मौजूद नहीं रहे. आयुष मंत्री यादविंदर गोमा जिला कांगड़ा के पपरोला में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर कार्यक्रम में उपस्थित थे. शिमला के मेयर और स्थानीय विधायक भी कार्यक्रम में नहीं आए. इसी वजह से राज्यपाल ने खुलकर अपनी नाराजगी जाहिर की है.