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तेलंगाना के छात्र-छात्राओं से मिले राज्यपाल, बोले-'भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए युवा करें योगदान' - One India Best India in Raj Bhavan

Students Of Telangana At Raj Bhavan: राजभवन के दरबार हॉल में 'एक भारत श्रेष्ठ भारत युवा संगम' के तहत बुधवार को तेलंगाना के छात्र-छात्राओं से राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने संवाद किया. राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि बिहार की ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक विरासत अत्यन्त समृद्ध है. प्राचीनकाल में बिहार शिक्षा का प्रमुख केन्द्र था. पढ़ें पूरी खबर.

तेलंगाना के छात्र-छात्राओं से मिले राज्यपाल
तेलंगाना के छात्र-छात्राओं से मिले राज्यपाल
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Mar 20, 2024, 10:20 PM IST

पटना: बिहार के राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने राजभवन के दरबार हॉल में 'एक भारत श्रेष्ठ भारत युवा संगम कार्यक्रम के तहत तेलंगाना के छात्र-छात्राओं से राजभवन के दरबार हॉल में संवाद किया. राज्यपाल ने कहा कि बिहार की ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक विरासत अत्यन्त समृद्ध है. प्राचीनकाल में बिहार शिक्षा का प्रमुख केन्द्र था. विश्व के दो प्राचीन विश्वविद्यालय-नालंदा विश्वविद्यालय एवं विक्रमशिला विश्वविद्यालय बिहार में ही अवस्थित थे.

तेलंगाना के छात्र-छात्राओं से मिले राज्यपाल: राज्यपाल ने विद्यालयों में विद्यार्थियों द्वारा अपने देश के संबंध में प्रतिज्ञा लेने की चर्चा करते हुए कहा कि हम सभी भारतमाता की संतान हैं. यही हमारी एकता का सूत्र है, जिसे सुदृृढ़ बनाने की जरूरत है. उन्होंने वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए युवाओं से योगदान करने को कहा. इस अवसर पर तेलंगाना के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों की छात्र-छात्राएं, शिक्षकगण एवं एनआईटी, पटना के डॉ ओम जी शुक्ला अन्य लोग उपस्थित थे.

बिहार की भूमि काफी उपजाऊ है: उन्होंने कहा कि बोधगया में भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई. यह राज्य माता सीता, भगवान महावीर, चाणक्य, आर्यभट्ट, गुरू गोबिन्द सिंह जैसे मनीषियों की जन्मभूमि रही है. शंकराचार्य ने बिहार के महिषी में मंडन मिश्र के साथ शास्त्रार्थ किया था. भगवान राम भी यहां आये थे. मंदार पर्वत भी यहीं अवस्थित है. बिहार की भूमि काफी उपजाऊ है. राज्यपाल ने कहा कि बिहार में आने के बाद यहां के बारे में अन्य राज्य के लोगों की धारणा सकारात्मक हो जाती है. इस राज्य के लोग दूसरों का सम्मान करनेवाले और परिश्रमी हैं.

दूसरे राज्यों में प्रवास से आपसी समझदारी बढ़ती है: उन्होंने कहा कि 'एक भारत श्रेष्ठ भारत युवा संगम' के तहत विद्यार्थियों के एक दूसरे राज्यों में प्रवास से आपसी समझदारी बढ़ती है. वे दूसरे राज्यों की संस्कृति को समझते हैं. इससे हमारी एकता मजबूत होती है. इतिहास गवाह है कि जब-जब भारत एक रहा, तब-तब यह श्रेष्ठ रहा. वर्ष 1947 में भारत का विभाजन हमारी एकता में कमी के कारण हुआ. हमारे देश में विविधताओं के बावजूद हम एक हैं. हमें एकत्व के इस भाव को मजबूत करना है.

पटना: बिहार के राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने राजभवन के दरबार हॉल में 'एक भारत श्रेष्ठ भारत युवा संगम कार्यक्रम के तहत तेलंगाना के छात्र-छात्राओं से राजभवन के दरबार हॉल में संवाद किया. राज्यपाल ने कहा कि बिहार की ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक विरासत अत्यन्त समृद्ध है. प्राचीनकाल में बिहार शिक्षा का प्रमुख केन्द्र था. विश्व के दो प्राचीन विश्वविद्यालय-नालंदा विश्वविद्यालय एवं विक्रमशिला विश्वविद्यालय बिहार में ही अवस्थित थे.

तेलंगाना के छात्र-छात्राओं से मिले राज्यपाल: राज्यपाल ने विद्यालयों में विद्यार्थियों द्वारा अपने देश के संबंध में प्रतिज्ञा लेने की चर्चा करते हुए कहा कि हम सभी भारतमाता की संतान हैं. यही हमारी एकता का सूत्र है, जिसे सुदृृढ़ बनाने की जरूरत है. उन्होंने वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए युवाओं से योगदान करने को कहा. इस अवसर पर तेलंगाना के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों की छात्र-छात्राएं, शिक्षकगण एवं एनआईटी, पटना के डॉ ओम जी शुक्ला अन्य लोग उपस्थित थे.

बिहार की भूमि काफी उपजाऊ है: उन्होंने कहा कि बोधगया में भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई. यह राज्य माता सीता, भगवान महावीर, चाणक्य, आर्यभट्ट, गुरू गोबिन्द सिंह जैसे मनीषियों की जन्मभूमि रही है. शंकराचार्य ने बिहार के महिषी में मंडन मिश्र के साथ शास्त्रार्थ किया था. भगवान राम भी यहां आये थे. मंदार पर्वत भी यहीं अवस्थित है. बिहार की भूमि काफी उपजाऊ है. राज्यपाल ने कहा कि बिहार में आने के बाद यहां के बारे में अन्य राज्य के लोगों की धारणा सकारात्मक हो जाती है. इस राज्य के लोग दूसरों का सम्मान करनेवाले और परिश्रमी हैं.

दूसरे राज्यों में प्रवास से आपसी समझदारी बढ़ती है: उन्होंने कहा कि 'एक भारत श्रेष्ठ भारत युवा संगम' के तहत विद्यार्थियों के एक दूसरे राज्यों में प्रवास से आपसी समझदारी बढ़ती है. वे दूसरे राज्यों की संस्कृति को समझते हैं. इससे हमारी एकता मजबूत होती है. इतिहास गवाह है कि जब-जब भारत एक रहा, तब-तब यह श्रेष्ठ रहा. वर्ष 1947 में भारत का विभाजन हमारी एकता में कमी के कारण हुआ. हमारे देश में विविधताओं के बावजूद हम एक हैं. हमें एकत्व के इस भाव को मजबूत करना है.

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