नैनीताल: राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) ने नैनीताल के देवस्थल से एशिया की सबसे बड़ी दूरबीन से ब्रह्मांड का नजारा देखा. इस दौरान राज्यपाल ने बेहद चमकीला ध्रुव तारा देखा. राज्यपाल गुरमीत सिंह ने देवस्थल, मुक्तेश्वर स्थित आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज) का भ्रमण किया. देवस्थल में स्थित विज्ञान केंद्र में एरीज के निदेशक प्रोफेसर दीपांकर बनर्जी ने राज्यपाल को देवस्थल में स्थापित दूरबीनों के बारे में विस्तृत जानकारी दी और उन्हें यहां से की गई वैज्ञानिक खोज की जानकारी दी.
इस मौके पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) ने देवस्थल में स्थापित परियोजनाओं को मूर्त रूप देने के लिए उत्कृष्ट कार्य करने वाले पांच अधिकारियों को सम्मानित किया, जिनमें एरिस के डॉक्टर बृजेश कुमार, डॉ. सौरभ, कुंतल मिश्रा ,मोहित जोशी, डीएस नेगी शामिल थे. इस दौरान राज्यपाल ने नवनिर्मित इंजीनियरिंग लैब, मैकेनिकल वर्कशॉप और गेस्ट हाउस का उद्घाटन किया गया. भ्रमण के दौरान राज्यपाल ने भारत की सबसे बड़ी ऑप्टिकल दूरबीन 3.6 मीटर देवस्थल ऑप्टिकल दूरबीन का भ्रमण किया और उन्होंने टेलिस्कोप से की जाने वाली विभिन्न खोजों के बारे में विस्तार से जानकारी ली. साथ ही साथ उनके द्वारा इंटरनेशनल लिक्विड मिरर टेलिस्कोप का भी भ्रमण किया गया.
आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज) की एक अन्य दूरबीन के माध्यम से राज्यपाल ने स्वयं आकाशीय पिंडों का अवलोकन किया और कहा कि तारामंडल को देखना एक अद्भुत अनुभव रहा. राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) ने कहा कि उत्तराखंड का सौभाग्य है कि यहां विश्व प्रतिष्ठित शोध संस्थान है. उन्होंने कहा कि देवभूमि का यह देवस्थल भारत में खगोलीय विज्ञान अनुसंधान के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान दे रहा है. उन्होंने कहा कि यदि हमें परिवर्तन लाना है तो टेक्नोलॉजी, आई- मेटा, स्पेस आदि के क्षेत्र में स्वयं को स्थापित करना होगा. उन्होंने संस्थान में कार्य कर रहे वैज्ञानिकों एवं सभी कार्मिकों की सराहना की.
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