ETV Bharat / state

जिले-संभाग निरस्त कर सरकार ने हाईकोर्ट में लगाई Caveat, सरकार को सुने बिना नहीं लगेगी आदेश पर रोक - RAJASTHAN HIGH COURT

राजस्थान के 9 जिले और 3 संभाग निरस्त करने के बाद हो रहे विरोध को देखते हुए सरकार ने हाईकोर्ट में केविएट लगाई है.

राजस्थान हाईकोर्ट
राजस्थान हाईकोर्ट (ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 31, 2024, 12:17 PM IST

जोधपुर : गहलोत सरकार की ओर से प्रदेश में बनाए नए जिलों और संभाग में से 9 जिले और तीन संभाग को मौजूदा सरकार ने निरस्त कर दिया है. इस निर्णय के बाद से कई जगहों पर आंदोलन हो रहे हैं. सरकार को आशंका है कि इस फैसले के खिलाफ लोग स्टे के लिए हाइकोर्ट जा सकते हैं. इसे ध्यान में रखते हुए सरकार ने राजस्थान हाइकोर्ट की मुख्य पीठ जोधपुर सहित जयपुर पीठ में केविएट (Caveat) दायर कर दी है, जिसका मंगलवार को समाचार पत्रों में प्रकाशन भी हो गया.

सरकार की ओर से जोधपुर मुख्य पीठ में अतिरिक्त महाधिवक्ता श्याम सुंदर लदरेचा की ओर से केविएट लगाई गई है, जिसमें सरकार की ओर से 9 जिलों को समाप्त कर पुरानी यथावत स्थिति करने का निर्णय सरकार ने भू राजस्व अधिनियम 1956 के तहत किया जाना बताया है. इसमें सरकार को नए जिले बनाने और बदलने का अधिकार प्राप्त है. इसी तरह से नए संभाग में भी सरकार बदलाव कर सकती है.

पढे़ं. भजनलाल कैबिनेट का बड़ा फैसला, गहलोत राज में बने 9 नए जिले और 3 संभाग निरस्त, अब 41 जिले रहेंगे

अतिरिक्त महाधिवक्ता ने बताया कि हाईकोर्ट से आग्रह किया गया है कि सरकार के आदेश के विरुद्ध अगर कोई याचिका दायर होती है उस पर किसी तरह का आदेश जारी करने से पहले सरकार के पक्ष को सुना जाए. जोधपुर की तरह ही जयपुर पीठ में अतिरिक्त महाधिवक्ता गुरचरण सिंह गढ़ की ओर से केविएट दायर की गई है, जिसमें कहा गया है कि हाइकोर्ट की डबल बेंच या सिंगल बेंच इस मामले को लेकर आने वाली याचिका पर कोई निर्णय से पहले सरकार को सुनें

निरस्त जिलों में शुरू हुआ आंदोलन : प्रदेश सरकार ने शनिवार को 9 नए जिले और तीन संभागों को खत्म करने का फैसला कर नोटिफिकेशन जारी किया था. इसके बाद से खत्म किए गए जिलों में सांचौर, शाहपुरा, केकड़ी, नीमकाथाना व अनूपगढ़ में लोगों ने सरकार के आदेश के खिलाफ नाराजगी जाहिर की है. इन शहरों में धरने प्रदर्शन शुरू हो गए हैं. सरकार ने उपरोक्त नए जिले के अलावा दूदू, गंगापुर सिटी, जयपुर ग्रामीण, जोधपुर ग्रामीण और को भी खत्म किया है. इसके अलावा पाली, सीकर और बांसवाड़ा संभाग को भी खत्म कर दिया. अब प्रदेश में 41 जिले और 7 संभाग हैं.

जोधपुर : गहलोत सरकार की ओर से प्रदेश में बनाए नए जिलों और संभाग में से 9 जिले और तीन संभाग को मौजूदा सरकार ने निरस्त कर दिया है. इस निर्णय के बाद से कई जगहों पर आंदोलन हो रहे हैं. सरकार को आशंका है कि इस फैसले के खिलाफ लोग स्टे के लिए हाइकोर्ट जा सकते हैं. इसे ध्यान में रखते हुए सरकार ने राजस्थान हाइकोर्ट की मुख्य पीठ जोधपुर सहित जयपुर पीठ में केविएट (Caveat) दायर कर दी है, जिसका मंगलवार को समाचार पत्रों में प्रकाशन भी हो गया.

सरकार की ओर से जोधपुर मुख्य पीठ में अतिरिक्त महाधिवक्ता श्याम सुंदर लदरेचा की ओर से केविएट लगाई गई है, जिसमें सरकार की ओर से 9 जिलों को समाप्त कर पुरानी यथावत स्थिति करने का निर्णय सरकार ने भू राजस्व अधिनियम 1956 के तहत किया जाना बताया है. इसमें सरकार को नए जिले बनाने और बदलने का अधिकार प्राप्त है. इसी तरह से नए संभाग में भी सरकार बदलाव कर सकती है.

पढे़ं. भजनलाल कैबिनेट का बड़ा फैसला, गहलोत राज में बने 9 नए जिले और 3 संभाग निरस्त, अब 41 जिले रहेंगे

अतिरिक्त महाधिवक्ता ने बताया कि हाईकोर्ट से आग्रह किया गया है कि सरकार के आदेश के विरुद्ध अगर कोई याचिका दायर होती है उस पर किसी तरह का आदेश जारी करने से पहले सरकार के पक्ष को सुना जाए. जोधपुर की तरह ही जयपुर पीठ में अतिरिक्त महाधिवक्ता गुरचरण सिंह गढ़ की ओर से केविएट दायर की गई है, जिसमें कहा गया है कि हाइकोर्ट की डबल बेंच या सिंगल बेंच इस मामले को लेकर आने वाली याचिका पर कोई निर्णय से पहले सरकार को सुनें

निरस्त जिलों में शुरू हुआ आंदोलन : प्रदेश सरकार ने शनिवार को 9 नए जिले और तीन संभागों को खत्म करने का फैसला कर नोटिफिकेशन जारी किया था. इसके बाद से खत्म किए गए जिलों में सांचौर, शाहपुरा, केकड़ी, नीमकाथाना व अनूपगढ़ में लोगों ने सरकार के आदेश के खिलाफ नाराजगी जाहिर की है. इन शहरों में धरने प्रदर्शन शुरू हो गए हैं. सरकार ने उपरोक्त नए जिले के अलावा दूदू, गंगापुर सिटी, जयपुर ग्रामीण, जोधपुर ग्रामीण और को भी खत्म किया है. इसके अलावा पाली, सीकर और बांसवाड़ा संभाग को भी खत्म कर दिया. अब प्रदेश में 41 जिले और 7 संभाग हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.