हल्द्वानी: उत्तराखंड का पहला सरकारी गौशाला हल्द्वानी में लगभग बनकर तैयार हो गया है. यह गौशाला हल्दूचौड़ में है. जिसे हल्द्वानी नगर निगम ने तैयार किया है. इस गौशाला में करीब 2000 निराश्रित गोवंश रखे जाएंगे. जिससे हल्द्वानी की सड़कों पर आवारा घूम रहे जानवरों से लोगों को निजात मिलेगी.
हल्द्वानी नगर निगम के नगर आयुक्त विशाल मिश्रा ने बताया कि हल्दूचौड़ के गंगापुर कबड़वाल गांव में नगर निगम की ओर से करीब 68 एकड़ में स्थायी गौशाला तैयार किया गया है. जहां 2000 से ज्यादा पशुओं को रखने की व्यवस्था की जा रही है. उन्होंने बताया कि गौशाला लगभग बनकर तैयार हो चुका है. जो 2 करोड़ 30 लाख की लागत से तैयार की गई है.
पहले चरण में 350 हजार गोवंश रखने की कार्रवाई इस हफ्ते शुरू होने जा रही है. वहां रखे जाने वाले गोवंशों के लिए खाने-पीने और लाइटों की व्यवस्था भी कर दी गई है. गौशाला में गोवंशों के रहने के लिए शेड्स, पानी पीने के लिए नांद, ट्यूबवेल टैंक, चारा और भूसा रखने की व्यवस्था भी है. साथ ही मवेशियों के उपचार के लिए डिस्पेंसरी आदि की व्यवस्था की गई है.
कुमाऊं का पहला सबसे बड़ा सरकारी गौशाला तैयार: इसके अलावा नर-मादा पशुओं को अलग-अलग रखे जाएगा. गंगापुर कबड़वाल में तैयार हो चुका गौशाला कुमाऊं का पहला सबसे बड़ा सरकारी गौशाला होगा. गौशाला की दीवारों को आकर्षक बनाने के लिए गौवंश से जुड़ी चित्रकारी भीकी जा रही है.
गौर हो कि हल्द्वानी शहर और उसके आसपास के क्षेत्र में आवारा पशुओं का आतंक है. आवारा पशुओं के हमले से कई लोगों की जान भी जा चुकी है तो कई लोग घायल हो चुके हैं. यहां तक कि एक्सीडेंट में पशु भी घायल हो रहे हैं. जिसको देखते हुए सरकार के निर्देश पर हल्द्वानी नगर निगम ने पहले सरकारी गौशाला तैयार किया है, जहां आवारा निराश्रित पशुओं को रखा जाएगा.
ये भी पढ़ें-