गोरखपुर: दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की छात्रा के यौन शोषण आरोप में घिरे, असिस्टेंट प्रोफेसर को कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन ने शुक्रवार देर शाम सस्पेंड कर दिया है. यही नहीं विश्वविद्यालय में आंतरिक मामलों की जांच के लिए जो कमेटी पहले से कार्य कर रही थी उसे भी उन्होंने भंग करते हुए नई कमेटी का गठन कर दिया है. इसका अध्यक्ष प्राचीन इतिहास विभाग की एक महिला प्रोफेसर को बनाया गया है. छात्रा के शोषण के मामले को लेकर परिसर में लगातार गर्माहट बढ़ रही थी. कई छात्र संगठन मामले को लेकर पिछले तीन दिनों से आंदोलन कर रहे थे और कार्रवाई की मांग कर थे.
यह था पूरा मामलाः जिस छात्रा ने असिस्टेंट प्रोफेसर पर, यौन शोषण का आरोप लगाया है उसने अपनी शिकायत कुलपति से लेकर राजभवन तक मेल और पत्र के जरिए पहुंचा दी गई है. वह इस मामले में न्याय की गुहार भी लगाई है. वहीं कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन ने मामले की शिकायत मिलते ही इसकी जांच के लिए, एक आंतरिक टीम का गठन कर दिया है. छात्रा का आरोप है कि असिस्टेंट प्रोफेसर उसे अक्सर अच्छे नंबर देने का प्रलोभन देते हुए, विभाग में छेड़छाड़ और गंदी नीयत, गंदे शब्दों के साथ बातचीत करते थे. हद तो तब हो गई जब उन्होंने 21दिसंबर की रात को मोबाइल पर फोनकर, अश्लील बातें की और उनके पास नहीं आने पर परीक्षा में परिणाम भुगतने की धमकी भी दी. छात्रा के पास इसकी कॉल रिकॉर्डिंग भी है. छात्र ने न्याय न मिलने पर आत्महत्या की चेतावनी भी दी है. शिकायत पत्र के मुताबिक वह परीक्षा से पहले प्रायोगिक परीक्षा के लिए, फाइल की जांच करने के लिए प्रोफेसर के पास गई थी.
पूर्व सहेलियों से पता कर लोः पीड़ित छात्रा ने आरोप लगाया है कि असिस्टेंट प्रोफेसर ने कहा है कि, कुछ पूर्व की अपनी सहेलियों से पता कर लो जिन्होंने उन्हें खुश किया है वह परीक्षा में अच्छे अंक पाईं हैं, टॉप की हैं. इसके बाद से छात्रा की शिकायत पर विश्वविद्यालय प्रशासन और सख्त हो गया है. आंतरिक जांच शुरू हो गई है। इससे पहले भी 21 मई 2023 को भी एक छात्रा ने अपने फेसबुक वाल पर पोस्ट कर, एक प्रोफेसर पर जो बाद में विभाग अध्यक्ष भी हुए, उन पर यौन शोषण का आरोप लगाया था जिसकी जांच महिला आयोग तक पहुंची. राजभवन ने भी जांच कराया लेकिन परिणाम अभी ठण्डे बस्ते में चला गया है लेकिन एक बार फिर विश्वविद्यालय के शिक्षक के कारनामे से विश्वविद्यालय के दामन पर दाग लग रहा है और शिक्षकों के आचरण को लेकर सवाल खड़ा हो रहा है.
तुम ध्यान हीं नहीं देती होः पीड़ित छात्रा का आरोप है कि प्रोफेसर उससे कहते हैं कि हमने कई बार तुमसे बात करने की कोशिश की लेकिन, तुम ध्यान ही नहीं देती. इस वजह से तुमको फोन करना पड़ा. फोन करने के दौरान वह सहेली के साथ मिलने का दबाव भी बना रहे थे. इसके बाद जब वह अगले दिन अपनी क्लास के लिए विभाग में पहुंचती है तो प्रोफेसर उसे यह कहकर अपने कक्ष में बुलाया कि तुम कभी पास नहीं हो पाओगी. तुम्हारा जीवन और रिजल्ट दोनों बर्बाद कर दूंगा. मेरे कमरे में आओ फिर बात होगी. डर के कारण छात्रा और उसकी सहेली प्रोफेसर के कमरें में गए, तो फिर वह उन्हें गलत तरीके से छूने लगा और अश्लील बातें करने लगा. विरोध करने पर धमकी देने लगा. वहीं इस मामले में कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन ने कहा है की छात्रा की शिकायत मिली है. इसकी जांच आंतरिक समिति कर रही है. रिपोर्ट के आधार पर ही कोई कार्रवाई का निर्णय लिया जाएगा.
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