जयपुर. राजस्थान के पशुपालकों के लिए अच्छी खबर है. पशुओं के बीमार होने पर अब उन्हें परेशान नहीं होना पड़ेगा और न ही अस्पतालों के चक्कर काटने की जरूरत होगी. अब आम आदमी की तरह ही प्रदेश के पशुओं का भी घर पर ही इलाज किया जाएगा. इसको लेकर शनिवार को प्रदेश की भजनलाल सरकार ने मोबाइल वेटरनरी यूनिट की शुरुआत की. इन गाड़ियों को प्रदेश स्तरीय कार्यक्रम के तहत सीएम भजनलाल ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इस अभियान के तहत प्रदेश में 536 मोबाइल वेटरनरी इकाइयां संचालित होंगी, जिसके माध्यम से पशुपालकों का इलाज होगा.
प्रदेश में 536 मोबाइल वेटरनरी इकाइयां : मंत्री जोराराम कुमावत ने बताया कि भारत सरकार की केंद्रीय प्रवर्तित योजना, ESVHD-MVU के तहत राज्य में मोबाइल वेटनरी यूनिट का संचालन होगा. इसके माध्यम से पशुपालक को उनके द्वार पर ही पशु चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराई जाएगी. इसके लिए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने 21 वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. मोबाइल वेटनरी यूनिट (1962-मोबाइल पशु चिकित्सा सेवा) के तहत राजस्थान में 536 यूनिट संचालित होगी. कुमावत ने बताया कि प्रदेश में लगभग 5.76 करोड़ पशुधन हैं. प्रत्येक एक लाख पशुओं पर एक मोबाइल वेटनरी यूनिट कार्य करेगी. इस लिहाज से 536 मोबाइल वेटनरी यूनिट के माध्यम से पशु चिकित्सा सेवाएं मुहैया कराई जाएगी.
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सृजित होंगी 1608 नौकरियां : इसके साथ कॉल सेंटर भी खोले जाएंगे. वहीं, आपात स्थिति और चयनित रोगों का प्राथमिकता से उपचार किया जाएगा. वर्तमान में उक्त सेवाओं का संचालन प्रत्येक ब्लॉक में रूट चार्ट के आधार पर पशु चिकित्सा शिविरों का आयोजन कर पशुपालकों को लाभान्वित किया जाएगा. प्रत्येक मोबाइल वेटनरी यूनिट के लिए एक पशु चिकित्सक, एक तकनीकी पशु चिकित्साकर्मी और एक ड्राइवर कम पशु परिचारक की व्यवस्था की सेवा प्रदाताओं के माध्यम से की गई हैं. इस योजना से लगभग 1608 तकनीकी व्यक्तियों के लिए रोजगार का सृजन होगा.
राज्य स्तर पर खुलेंगे कॉल सेंटर : मंत्री कुमावत ने आगे बताया कि मोबाइल वेटनरी सेवा के संचालन के लिए पशुपालक और क्षेत्र में कार्यरत मोबाइल वेटनरी यूनिट के मध्य सामंजस्य स्थापित किए जाने के लिए राज्य स्तर पर कॉल सेंटर की स्थापना व संचालन किए जाने पर भी विचार चल रहा है. सामान्य रोगों के उपचार के लिए टेलीमेडिसिन की भी व्यवस्था राज्य स्तरीय कॉल सेंटर के माध्यम से प्रदान की जाएगी. इसी कॉल सेंटर के माध्यम से पशु प्रबंधन, पोषण आदि के लिए सलाह प्रदान की जाएगी.
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उन्होंने कहा कि 10 पशु चिकित्सकों और तकनीकी पशु चिकित्सा कर्मियों के दल को कॉल सेंटर में लगाया जाएगा. मोबाइल वेटनरी यूनिट सेवा के लिए वाहन भारत सरकार की ओर से 100 प्रतिशत केंद्रीय सहायता के रूप 8576.00 लाख रुपए उपलब्ध कराए गए हैं. इस सेवा के संचालन के लिए केंद्र सरकार से 6040 रुपए के फंडिंग पेटर्न पर आगामी 5 सालों तक 57212.64 लाख रुपए व्यय किया जाना प्रस्तावित है.