मसौढ़ी: बिहार के मसौढ़ी में दिलों में जोश और जुनून के साथ कुछ कर दिखाने का जज्बा लेकर गांव की बेटियों ने आत्मनिर्भर बनने का संकल्प लिया है. बेटियों ने कहा है वो अपने परिवार पर बोझ नहीं बनेंगी बल्कि आने वाले समय में आत्मनिर्भर बनकर दिखाएंगी. उनका कहना है कि वो अपने परिवार और समाज का नाम रौशन करेंगी. साथ ही वो आत्मनिर्भर बनने का संकल्प लेकर बदलाव की नई बयार बहाने की तैयारी कर रही हैं.
"बेटियां बोझ नहीं होती है, हमलोगों ने समाज मे कुछ कर दिखाने का संकल्प लिया है. हम लोग रोज कड़ी मेहनत करते हैं, जिससे एक दिन देश की सेवा कर सकें."-अंजली कुमारी, पुलिस अभयर्थी
41 लड़कियां कर रही देश सेवा: दरअसल मसौढ़ी के गांधी मैदान में हर रोज सुबह और शाम को तकरीबन सैकड़ो की संख्या में गांव के खेत खलिहान से बेटियां प्रैक्टिस करने आ रही हैं. वह देश सेवा के लिए तैयार हो सके इसके लिए जमकर मेहनत कर रही हैं. गांव की बेटियां इन दिनों पुलिस सेवा में जाने के लिए प्रतिदिन दौड़ लगाती दिखती हैं. बता दें कि मसौढ़ी के गांधी मैदान में प्रैक्टिकस कर अबतक 41 लड़कियां दारोगा बन चुकी हैं. वहीं तैयारी कर रही बेटियों ने खुद को परिवार का बोझ नहीं बनाने का संकल्प लिया है.
गांधी मैदान में जनकर हो रही प्रैक्टिस: संकल्प लेने वाली वैसी बेटियां भी शामिल है, जिनके माता-पिता ने कभी स्कूल में पढ़ाई नहीं की है, मजदूरी कर परिवार चलाते हैं. उन्होंने आज संकल्प लिया है कि बेटियां बोझ नहीं है और आगे चलकर कुछ काम करेंगी. गांधी मैदान में प्रैक्टिस कर रही कोमल कुमारी, ममता कुमारी, अंजली कुमारी और अन्य अभ्यर्थियों ने कहा कि वो किसी से काम नहीं हैं, वो सभी लड़कियां अपने समाज में बदलते दौर के साथ अपने देश की सेवा के लिए तैयार हो रही हैं. इसके लिए चाहे कितना भी संघर्ष करना पड़े वो करेंगी.
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