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कारगिल दिवस पर तोहफा: अजमेर के सोनी परिवार के तीन पाकिस्तानी सदस्यों को मिली भारतीय नागरिकता - Indian citizenship to pak migrants - INDIAN CITIZENSHIP TO PAK MIGRANTS

कारगिल दिवस पर तीन पाकिस्तानी नागरिकों को भारतीय नागरिता का प्रमाण प्रत्र सौंपा गया. तीनों सगे-भाई बहन हैं. उनका कहना है कि 20 वर्ष के लंबे इंतजार के बाद उन्हें कारगिल दिवस पर भारत सरकार की तरफ से ये तोहफा मिला है.

Indian citizenship to pak migrants
तीन पाक विस्थापितों को भारतीय नागरिकता (ETV Bharat Ajmer)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 26, 2024, 8:19 PM IST

तीन बहन-भाई को मिली भारतीय नागरिकता (ETV Bharat Ajmer)

अजमेर: शहर में तीन पाकिस्तानी नागरिकों को भारत की नागरिकता दी गई. केंद्रीय गृह विभाग से आए नागरिकता संबंधी उनके प्रमाण पत्रों को शुक्रवार को एडीएम सिटी गजेंद्र सिंह राठौड़ ने उन्हें सौपा. भारत की नागरिकता पाने के बाद तीनों भाई-बहन के परिवार में खुशी का माहौल है. उन्होंने कहा कि 20 वर्ष की लंबी प्रक्रिया के बाद आज कारगिल दिवस पर भारत सरकार की ओर से शानदार तोहफा मिला है.

शहर के लोहा खान क्षेत्र में रहने वाले सोनी परिवार शुक्रवार की पूरी तरह से भारतीय नागरिक बन गया. सोनी परिवार के तीन सदस्यों के पास पाकिस्तान की नागरिकता थी. 20 वर्ष के लंबे इंतजार के बाद भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने सोनी परिवार के उन तीनों पाकिस्तानी नागरिकों को भारतीय नागरिकता प्रदान कर दी है. शुक्रवार को एडीएम सिटी गजेंद्र सिंह राठौड़ ने महेश राज सोनी, दिनेश राज सोनी और नील कंवर सोनी को भारतीय नागरिकता संबंधी प्रमाण पत्र सौंपे.

पढ़ें: छह पाक विस्थापित बने भारतीय, खुशी से खिले चेहरे, बोले- भारत हमारा देश - indian cityzensip to pak refugee

एडीएम सिटी कार्यालय में नागरिकता मिलने के बाद परिवार के लोगों ने एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर खुशी जाहिर की. अजमेर एडीएम सिटी गजेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि भारत सरकार के गृह विभाग की ओर से अजमेर में रह रहे तीन पाकिस्तानी नागरिकों को भारतीय नागरिता संबंधी प्रमाण पत्र सौंपे गए हैं. उन्होंने बताया कि महेश राज सोनी, दिनेश राज सोनी और नील कंवर सोनी को पुराने भारतीय नागरिकता अधिनियम के तहत ही नागरिकता प्रदान की गई है. तीनों आपस में सगे भाई-बहन हैं.

पढ़ें: छह पाक विस्थापित बने भारतीय, जिला प्रशासन ने सौंपा नागरिकता प्रमाण पत्र

परिवार में है खुशी का माहौल: सोनी परिवार के बड़े बेटे उमेश राज सोनी ने बताया कि सन 2001 में पाकिस्तान से वह भारत आया था. अजमेर में उसका ननिहाल है. उन्होंने बताया कि उनकी मां रामादेवी सोनी जन्म से भारतीय थीं. 2004 में उनका पूरा परिवार भी अजमेर आ गया था. उमेश ने बताया कि सन 2004 में उसके पिता हंसराज सोनी, बहन किरण, सविता, नीलम और सारिका ने भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन किया था. 2019 में उन्हें भारतीय नागरिकता मिली.

पढ़ें: जयपुर में पाक विस्थापितों को दी गई भारतीय नागरिकता, जमकर गूंजे 'भारत मां' के जयकारे

उन्होंने बताया कि परिवार के तीन सदस्य महेश राज सोनी, दिनेश राज सोनी और नील कंवर सोनी ने भी 2004 में भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन किया था, लेकिन नियमों के अंतर्गत तीनों का प्रकरण लंबित चल रहा था. मसलन एक निश्चित समय तक उन्हें भारत में निवास करना था. अवधि पूरी होने के बाद भारत सरकार ने तीनों को अब भारतीय नागरिकता प्रदान की है. उन्होंने बताया कि सन 1990 के बाद से ही पाकिस्तान में हालात सामान्य नहीं रहे थे. ऐसे में वहां से निकलकर अजमेर में उन्होंने शरण ली थी.

रामा देवी की पाकिस्तान के हंसराज से हुई थी शादी: सोनी परिवार में बुजुर्ग रामा देवी सोनी ने बताया कि 45 वर्ष पहले उनका विवाह पाकिस्तान के कराची निवासी हंसराज सोनी से हुआ था. उस वक्त उनकी आयु 16 वर्ष थी. हंसराज सोनी अपने रिश्तेदार से मिलने पाकिस्तान से केकड़ी आए हुए थे. इस दौरान किसी रिश्तेदार ने परिवार में शादी का प्रस्ताव रखा और शादी हो गई. शादी के बाद रामादेवी 2-2 वर्ष के भारतीय पासपोर्ट पर वीजा लेकर पाकिस्तान जाती रही.

उन्होंने बताया कि 2004 में उनकी बहन की शादी अजमेर में थी. पूरा परिवार शादी में शरीक होने के लिए पाकिस्तान से अजमेर आया था. यहां का माहौल देखकर मन यहीं बसने का हुआ. परिवार ने यहीं शरण ले ली. परिवार के सभी सदस्यों ने 2004 में नागरिकता के लिए आवेदन किया था. इनमें से पांच सदस्यों को 2019 में नागरिकता मिल गई. जबकि 3 सदस्यों को अब नागरिकता मिली है. महेश राज सोनी ने बताया कि 20 वर्ष के लंबे इंतजार के बाद आज कारगिल दिवस पर उन्हें और उनके भाई-बहन को भारतीय नागरिकता मिली है. यह भारत सरकार की तरफ से उनके लिए विशेष तोहफा है.

तीन बहन-भाई को मिली भारतीय नागरिकता (ETV Bharat Ajmer)

अजमेर: शहर में तीन पाकिस्तानी नागरिकों को भारत की नागरिकता दी गई. केंद्रीय गृह विभाग से आए नागरिकता संबंधी उनके प्रमाण पत्रों को शुक्रवार को एडीएम सिटी गजेंद्र सिंह राठौड़ ने उन्हें सौपा. भारत की नागरिकता पाने के बाद तीनों भाई-बहन के परिवार में खुशी का माहौल है. उन्होंने कहा कि 20 वर्ष की लंबी प्रक्रिया के बाद आज कारगिल दिवस पर भारत सरकार की ओर से शानदार तोहफा मिला है.

शहर के लोहा खान क्षेत्र में रहने वाले सोनी परिवार शुक्रवार की पूरी तरह से भारतीय नागरिक बन गया. सोनी परिवार के तीन सदस्यों के पास पाकिस्तान की नागरिकता थी. 20 वर्ष के लंबे इंतजार के बाद भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने सोनी परिवार के उन तीनों पाकिस्तानी नागरिकों को भारतीय नागरिकता प्रदान कर दी है. शुक्रवार को एडीएम सिटी गजेंद्र सिंह राठौड़ ने महेश राज सोनी, दिनेश राज सोनी और नील कंवर सोनी को भारतीय नागरिकता संबंधी प्रमाण पत्र सौंपे.

पढ़ें: छह पाक विस्थापित बने भारतीय, खुशी से खिले चेहरे, बोले- भारत हमारा देश - indian cityzensip to pak refugee

एडीएम सिटी कार्यालय में नागरिकता मिलने के बाद परिवार के लोगों ने एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर खुशी जाहिर की. अजमेर एडीएम सिटी गजेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि भारत सरकार के गृह विभाग की ओर से अजमेर में रह रहे तीन पाकिस्तानी नागरिकों को भारतीय नागरिता संबंधी प्रमाण पत्र सौंपे गए हैं. उन्होंने बताया कि महेश राज सोनी, दिनेश राज सोनी और नील कंवर सोनी को पुराने भारतीय नागरिकता अधिनियम के तहत ही नागरिकता प्रदान की गई है. तीनों आपस में सगे भाई-बहन हैं.

पढ़ें: छह पाक विस्थापित बने भारतीय, जिला प्रशासन ने सौंपा नागरिकता प्रमाण पत्र

परिवार में है खुशी का माहौल: सोनी परिवार के बड़े बेटे उमेश राज सोनी ने बताया कि सन 2001 में पाकिस्तान से वह भारत आया था. अजमेर में उसका ननिहाल है. उन्होंने बताया कि उनकी मां रामादेवी सोनी जन्म से भारतीय थीं. 2004 में उनका पूरा परिवार भी अजमेर आ गया था. उमेश ने बताया कि सन 2004 में उसके पिता हंसराज सोनी, बहन किरण, सविता, नीलम और सारिका ने भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन किया था. 2019 में उन्हें भारतीय नागरिकता मिली.

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उन्होंने बताया कि परिवार के तीन सदस्य महेश राज सोनी, दिनेश राज सोनी और नील कंवर सोनी ने भी 2004 में भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन किया था, लेकिन नियमों के अंतर्गत तीनों का प्रकरण लंबित चल रहा था. मसलन एक निश्चित समय तक उन्हें भारत में निवास करना था. अवधि पूरी होने के बाद भारत सरकार ने तीनों को अब भारतीय नागरिकता प्रदान की है. उन्होंने बताया कि सन 1990 के बाद से ही पाकिस्तान में हालात सामान्य नहीं रहे थे. ऐसे में वहां से निकलकर अजमेर में उन्होंने शरण ली थी.

रामा देवी की पाकिस्तान के हंसराज से हुई थी शादी: सोनी परिवार में बुजुर्ग रामा देवी सोनी ने बताया कि 45 वर्ष पहले उनका विवाह पाकिस्तान के कराची निवासी हंसराज सोनी से हुआ था. उस वक्त उनकी आयु 16 वर्ष थी. हंसराज सोनी अपने रिश्तेदार से मिलने पाकिस्तान से केकड़ी आए हुए थे. इस दौरान किसी रिश्तेदार ने परिवार में शादी का प्रस्ताव रखा और शादी हो गई. शादी के बाद रामादेवी 2-2 वर्ष के भारतीय पासपोर्ट पर वीजा लेकर पाकिस्तान जाती रही.

उन्होंने बताया कि 2004 में उनकी बहन की शादी अजमेर में थी. पूरा परिवार शादी में शरीक होने के लिए पाकिस्तान से अजमेर आया था. यहां का माहौल देखकर मन यहीं बसने का हुआ. परिवार ने यहीं शरण ले ली. परिवार के सभी सदस्यों ने 2004 में नागरिकता के लिए आवेदन किया था. इनमें से पांच सदस्यों को 2019 में नागरिकता मिल गई. जबकि 3 सदस्यों को अब नागरिकता मिली है. महेश राज सोनी ने बताया कि 20 वर्ष के लंबे इंतजार के बाद आज कारगिल दिवस पर उन्हें और उनके भाई-बहन को भारतीय नागरिकता मिली है. यह भारत सरकार की तरफ से उनके लिए विशेष तोहफा है.

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