श्रीगंगानगर : गजल सम्राट जगजीत सिंह ने दुनियाभर के संगीत प्रेमियों के दिलों पर राज किया. उनकी गजले आज भी सुनी जाती हैं. जब वे गाते थे तो समां बंध जाता था. 10 अक्टूबर को इस महान गजल गायक जगजीत सिंह की पुण्यतिथि है.
श्रीगंगानगर में पैदा हुए और पले बढ़े : जगजीत सिंह श्रीगंगानगर में पैदा हुए और पले बढ़े. श्रीगंगानगर के सिविल लाइंस स्तिथ उनके मकान की जगह पर अब एक स्मारक बनाया गया है, जिसका उद्घाटन जल्द किया जाएगा. इस स्मारक में जगजीत सिंह से जुड़ी यादों को संजोया जाएगा. उनके दोस्त सुभाष गोगी का कहना है कि श्रीगंगानगर हमेशा जगजीत सिंह के दिल में रहा. वे मुंबई जाने के बाद भले ही श्रीगंगानगर कम आ पाए, लेकिन यहां के लोगों को और यहां की जगहों को वे हमेश याद करते रहे. राष्ट्रीय कला मंदिर से जुड़े गौरीशंकर बंसल का कहना है कि जब जगजीत सिंह ने श्रीगंगानगर में शो किया था तो इस शो की सारी कमाई उन्होंने राष्ट्रीय कला मंदिर के भवन के निर्माण के लिए डोनेट कर दिया था. साहित्यकार सन्देश त्यागी का कहना है कि जब वे श्रीगंगानगर आए तो उन सभी जगहों पर जा कर आए, जहां वे अपने शुरुआत के दिनों में अक्सर जाया करते थे.
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बच्चों ने भी गजलें गाकर किया याद : गजल सम्राट जगजीत सिंह की गजल गायकी से प्रभावित होकर श्रीगंगानगर के एक निजी स्कूल में एक म्यूजिक हॉल का निर्माण किया गया है. इस म्यूजिक हॉल में बड़ी संख्या में बच्चे गजल गायकी सीख रहे हैं. इस म्यूजिक हॉल में आज विशेष रूप से सजावट की गई और उन्हें याद किया गया. बच्चों ने भी कहा कि जगजीत सिंह की गजलें उन्हें तनावमुक्त करती हैं और वे उनकी गजलें सुनना पसंद करते हैं. जगजीत सिंह के दीवानें दुनिया के हर कोने में मिल जाएंगे. श्रीगंगानगर के लोगों ने कोशिश की है कि उनसे जुड़ी यादों को हमेशा के लिए संजोया जाए.