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बालकनी में सोलर पैनल लगाकर बना सकेंगे 100 यूनिट बिजली, पहली बार जयपुर में किया गया परीक्षण - Balcony Solar System - BALCONY SOLAR SYSTEM

Balcony Solar System, फ्लैट में रहने वाले लोगों के लिए खास तौर पर बालकनी सोलर सिस्टम इजाद किया गया है. इसका पहली बार जयपुर में परीक्षण किया गया. गाइडलाइन बनने के बाद छह महीने में आम उपभोक्ता इस सिस्टम को अपने बालकनी में लगवा सकेंगे. एक किलोवाट के बालकनी सोलर सिस्टम पर 50 हजार रुपए खर्च आने की संभावना है.

Balcony Solar System
सोलर पैनल लगाकर बना सकेंगे 100 यूनिट बिजली (ETV BHARAT JAIPUR)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 31, 2024, 1:26 PM IST

अब बालकनी में पैदा होगी बिजली (ETV BHARAT JAIPUR)

जयपुर. आमतौर पर घर या फ्लैट की बालकनी में हरे-भरे पौधे लगे मिलते हैं, लेकिन अब बालकनी में सोलर सिस्टम लगाकर बिजली पैदा की जा सकेगी. खास बात यह है कि इस सोलर सिस्टम को ग्रिड से जोड़ने की दरकार नहीं होगी. इसे एक माइक्रो इन्वर्टर से जोड़कर सोलर सिस्टम से बनने वाली बिजली को सीधे घर में उपयोग में लिया जा सकेगा. सबसे अहम बात यह है कि बालकनी सोलर पैनल का देश में सबसे पहले जयपुर में परीक्षण किया गया. राजस्थान विद्युत नियामक आयोग (आरईआरसी) के भवन में बालकनी सोलर सिस्टम लगाया गया है. इसके साथ ही बालकनी सोलर सिस्टम की शुरुआत और परीक्षण करने के मामले में राजस्थान देश का पहला राज्य बन गया है.

छह महीने बाद उपभोक्ता लगा सकेंगे ये सिस्टम : हालांकि, प्रायोगिक तौर पर बालकनी सोलर सिस्टम का परीक्षण और शुरुआत हो गई है, लेकिन आम उपभोक्ताओं को अपने घर या फ्लैट में यह सोलर सिस्टम लगाने के लिए अभी इंतजार करना पड़ेगा. अभी इसके लिए गाइडलाइन बनना बाकी है, जिसमें करीब छह महीने लगने की संभावना है. गाइडलाइन बनने के बाद ही इस तकनीक का आम उपभोक्ताओं के लिए उपयोग संभव हो सकेगा.

इसे भी पढ़ें - राजस्थान में मुफ्त बिजली पाने वाले उपभोक्ताओं को पीएम सूर्य घर योजना से जोड़ने की कवायद तेज, मंत्री नागर ने कही ये बड़ी बात - PM Surya Ghar Yojana

एक किलोवाट के सिस्टम पर खर्च होंगे 50 हजार : फिलहाल कहा जा रहा है कि बालकनी सोलर सिस्टम लगाने पर आम उपभोक्ताओं को सब्सिडी नहीं मिलेगी. इसे ग्रिड से भी कनेक्ट नहीं किया जाएगा. एक माइक्रो इन्वर्टर के जरिए इससे बनी बिजली का उपयोग सीधा घरों में किया जा सकेगा. बालकनी में एक किलोवाट का सोलर सिस्टम लगाने पर 50 हजार रुपए का खर्चा आएगा. जिससे हर महीने 100 यूनिट तक बिजली मिल सकेगी.

तीन केवी क्षमता के 75 लाख उपभोक्ता : राजस्थान विद्युत नियामक आयोग के चेयरमैन बीएन शर्मा ने बताया कि बालकनी सोलर सिस्टम की विधिवत शुरुआत की गई है. राजस्थान सोलर एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनील बंसल के अनुसार बालकनी सोलर सिस्टम आम उपभोक्ताओं तक सुलभ होने में करीब छह महीने का समय लगेगा. अभी प्रदेश में तीन किलोवाट क्षमता के सोलर कनेक्शन वाले 75 लाख उपभोक्ता हैं, जिसे अगले एक साल में एक करोड़ तक पहुंचाने का लक्ष्य है.

रेडी टू यूज सोलर सिस्टम, एक घंटे में होगा इंस्टॉल : बालकनी सोलर सिस्टम खास तौर पर उन लोगों के लिए बड़ा उपयोगी साबित हो सकता है, जिनके घरों में अपनी छत नहीं है. यानि जो लोग फ्लैट में रहते हैं. उनके लिए यह सिस्टम उपयोगी साबित होगा. यह रेडी टू यूज सिस्टम होगा. जिसे इंस्टॉल करने में महज एक घंटा लगेगा. फिलहाल, घरों में दो किलोवाट क्षमता के सोलर सिस्टम ही लगाए जा रहे हैं. आने वाले समय में सोलर पैनल से घर की दीवारें भी बनाई जा सकेंगी, जिससे ज्यादा बिजली पैदा की जा सकेगी.

अब बालकनी में पैदा होगी बिजली (ETV BHARAT JAIPUR)

जयपुर. आमतौर पर घर या फ्लैट की बालकनी में हरे-भरे पौधे लगे मिलते हैं, लेकिन अब बालकनी में सोलर सिस्टम लगाकर बिजली पैदा की जा सकेगी. खास बात यह है कि इस सोलर सिस्टम को ग्रिड से जोड़ने की दरकार नहीं होगी. इसे एक माइक्रो इन्वर्टर से जोड़कर सोलर सिस्टम से बनने वाली बिजली को सीधे घर में उपयोग में लिया जा सकेगा. सबसे अहम बात यह है कि बालकनी सोलर पैनल का देश में सबसे पहले जयपुर में परीक्षण किया गया. राजस्थान विद्युत नियामक आयोग (आरईआरसी) के भवन में बालकनी सोलर सिस्टम लगाया गया है. इसके साथ ही बालकनी सोलर सिस्टम की शुरुआत और परीक्षण करने के मामले में राजस्थान देश का पहला राज्य बन गया है.

छह महीने बाद उपभोक्ता लगा सकेंगे ये सिस्टम : हालांकि, प्रायोगिक तौर पर बालकनी सोलर सिस्टम का परीक्षण और शुरुआत हो गई है, लेकिन आम उपभोक्ताओं को अपने घर या फ्लैट में यह सोलर सिस्टम लगाने के लिए अभी इंतजार करना पड़ेगा. अभी इसके लिए गाइडलाइन बनना बाकी है, जिसमें करीब छह महीने लगने की संभावना है. गाइडलाइन बनने के बाद ही इस तकनीक का आम उपभोक्ताओं के लिए उपयोग संभव हो सकेगा.

इसे भी पढ़ें - राजस्थान में मुफ्त बिजली पाने वाले उपभोक्ताओं को पीएम सूर्य घर योजना से जोड़ने की कवायद तेज, मंत्री नागर ने कही ये बड़ी बात - PM Surya Ghar Yojana

एक किलोवाट के सिस्टम पर खर्च होंगे 50 हजार : फिलहाल कहा जा रहा है कि बालकनी सोलर सिस्टम लगाने पर आम उपभोक्ताओं को सब्सिडी नहीं मिलेगी. इसे ग्रिड से भी कनेक्ट नहीं किया जाएगा. एक माइक्रो इन्वर्टर के जरिए इससे बनी बिजली का उपयोग सीधा घरों में किया जा सकेगा. बालकनी में एक किलोवाट का सोलर सिस्टम लगाने पर 50 हजार रुपए का खर्चा आएगा. जिससे हर महीने 100 यूनिट तक बिजली मिल सकेगी.

तीन केवी क्षमता के 75 लाख उपभोक्ता : राजस्थान विद्युत नियामक आयोग के चेयरमैन बीएन शर्मा ने बताया कि बालकनी सोलर सिस्टम की विधिवत शुरुआत की गई है. राजस्थान सोलर एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनील बंसल के अनुसार बालकनी सोलर सिस्टम आम उपभोक्ताओं तक सुलभ होने में करीब छह महीने का समय लगेगा. अभी प्रदेश में तीन किलोवाट क्षमता के सोलर कनेक्शन वाले 75 लाख उपभोक्ता हैं, जिसे अगले एक साल में एक करोड़ तक पहुंचाने का लक्ष्य है.

रेडी टू यूज सोलर सिस्टम, एक घंटे में होगा इंस्टॉल : बालकनी सोलर सिस्टम खास तौर पर उन लोगों के लिए बड़ा उपयोगी साबित हो सकता है, जिनके घरों में अपनी छत नहीं है. यानि जो लोग फ्लैट में रहते हैं. उनके लिए यह सिस्टम उपयोगी साबित होगा. यह रेडी टू यूज सिस्टम होगा. जिसे इंस्टॉल करने में महज एक घंटा लगेगा. फिलहाल, घरों में दो किलोवाट क्षमता के सोलर सिस्टम ही लगाए जा रहे हैं. आने वाले समय में सोलर पैनल से घर की दीवारें भी बनाई जा सकेंगी, जिससे ज्यादा बिजली पैदा की जा सकेगी.

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