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प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट पर SC के फैसले का गहलोत ने किया स्वागत, कहा- इससे शरारती तत्वों पर लगेगी रोक - PLACES OF WORSHIP ACT

प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपनी प्रतिक्रिया दी है.

फैसले का गहलोत ने किया स्वागत
फैसले का गहलोत ने किया स्वागत (फाइल फोटो)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 13, 2024, 10:16 AM IST

जयपुर. प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट की ओर से धार्मिक स्थलों पर नए वाद दायर नहीं कर सके जाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि राजनीतिक फायदे के लिए सांप्रदायिक ताकतों द्वारा ऐसी याचिकाएं लगाई जा रही थी. जिससे तनाव पैदा हो रहा था. अब सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश से ऐसे शरारती तत्वों पर रोक लगेगी और शांति कायम होगी.

अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर बयान जारी कर कहा, 'सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट को लेकर धार्मिक स्थलों पर नए वाद दायर ना कर सकने एवं कोई भी अदालती फैसला देने पर रोक लगाने का आदेश स्वागतयोग्य है. पिछले कुछ समय से देश में सांप्रदायिक ताकतों द्वारा राजनीतिक लाभ के लिए ऐसी याचिकाएं लगाई जा रहीं थीं, जिससे देश में तनाव पैदा हो रहा था. ऐसे आदेश से इन शरारती तत्वों पर रोक लगेगी एवं शांति कायम होगी.'

पढ़ें: सुप्रीम कोर्ट के फैसले का अंजुमन कमेटी ने किया स्वागत, तो परिवादी विष्णु गुप्ता बोले- दरगाह पर लागू नहीं होता एक्ट

अजमेर दरगाह से जुड़े वाद पर कही थी यह बात : अजमेर दरगाह से जुड़ा वाद दायर होने पर पिछले दिनों गहलोत ने कहा था, अजमेर दरगाह करीब आठ सौ साल पुरानी है. जहां पंडित नेहरू से लेकर नरेंद्र मोदी तक सभी प्रधानमंत्रियों की ओर से चादर चढ़ती है. एक तरफ आप चादर चढ़ा रहे हैं और दूसरी तरफ आपकी पार्टी के लोग केस कर रहे हैं. भ्रम फैला रहे हैं. उन्होंने कहा था,यह कानून पास किया गया है कि 15 अगस्त 1947 तक धार्मिक स्थलों की जो स्थिति है. उस पर कोई सवाल नहीं उठाया जाना चाहिए. ताकि शांति कायम रहे. लंबे समय तक शांति रही भी है. अब दो-चार साल में जब से भाजपा और आरएसएस की सरकारें बनी हैं. कुछ लोग धर्म के नाम पर राजनीति कर रहे हैं.

जयपुर. प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट की ओर से धार्मिक स्थलों पर नए वाद दायर नहीं कर सके जाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि राजनीतिक फायदे के लिए सांप्रदायिक ताकतों द्वारा ऐसी याचिकाएं लगाई जा रही थी. जिससे तनाव पैदा हो रहा था. अब सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश से ऐसे शरारती तत्वों पर रोक लगेगी और शांति कायम होगी.

अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर बयान जारी कर कहा, 'सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट को लेकर धार्मिक स्थलों पर नए वाद दायर ना कर सकने एवं कोई भी अदालती फैसला देने पर रोक लगाने का आदेश स्वागतयोग्य है. पिछले कुछ समय से देश में सांप्रदायिक ताकतों द्वारा राजनीतिक लाभ के लिए ऐसी याचिकाएं लगाई जा रहीं थीं, जिससे देश में तनाव पैदा हो रहा था. ऐसे आदेश से इन शरारती तत्वों पर रोक लगेगी एवं शांति कायम होगी.'

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अजमेर दरगाह से जुड़े वाद पर कही थी यह बात : अजमेर दरगाह से जुड़ा वाद दायर होने पर पिछले दिनों गहलोत ने कहा था, अजमेर दरगाह करीब आठ सौ साल पुरानी है. जहां पंडित नेहरू से लेकर नरेंद्र मोदी तक सभी प्रधानमंत्रियों की ओर से चादर चढ़ती है. एक तरफ आप चादर चढ़ा रहे हैं और दूसरी तरफ आपकी पार्टी के लोग केस कर रहे हैं. भ्रम फैला रहे हैं. उन्होंने कहा था,यह कानून पास किया गया है कि 15 अगस्त 1947 तक धार्मिक स्थलों की जो स्थिति है. उस पर कोई सवाल नहीं उठाया जाना चाहिए. ताकि शांति कायम रहे. लंबे समय तक शांति रही भी है. अब दो-चार साल में जब से भाजपा और आरएसएस की सरकारें बनी हैं. कुछ लोग धर्म के नाम पर राजनीति कर रहे हैं.

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