ETV Bharat / state

दो लड़के युवाओं को डॉक्टर बनाने का लेते थे ठेका, क्लीनिक भी खुलवाते थे, यूपी एसटीएफ ने दबोचा - Fake Mark Sheet MBBS Admission

author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : May 19, 2024, 5:02 PM IST

पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि, उनका एक गैंग है जो मेडिकल स्टोर और झोलाछाप क्लीनिक खुलवाने व डी-फार्मा, बी-फार्मा, एकेडमिक मार्कशीट / सर्टिफिकेट बनाकर धोखाधड़ी कर देश-विदेश के अलग अलग मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस सहित मेडिकल के विभिन्न कोर्सों में दाखिला दिलाने के नाम पैसा वसूलने का काम करता है.

Etv Bharat
यूपी एसटीएफ ने गिरोह के दो सदस्यों को किया गिरफ्तार. (फोटो क्रेडिट; UP Police)

लखनऊ: फर्जी मार्कशीट बनवा देश के अलग-अलग मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस में एडमिशन करवाने और झोलाछाप क्लीनिक खुलवाने वाले गैंग के दो सदस्यों को यूपी एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है. एसटीएफ ने देवरिया के सचिन मणि और लखनऊ के शिवानंद वर्मा को गिरफ्तार किया है. दोनों आरोपी बीते कई वर्षों से लोगों को डॉक्टर बनाने के नाम पर करोड़ों की ठगी कर रहे थे.

एएसपी एसटीएफ विशाल विक्रम सिंह ने बताया कि बीते कई माह से जांच के दौरान सामने आया था कि यूपी में एक गैंग फर्जी डी-फार्मा, बी-फार्मा और एकेडमिक मार्कशीट/सर्टिफिकेट बनाकर धोखाधड़ी कर देश-विदेश के अलग अलग मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस सहित मेडिकल के ने कोर्सों में दाखिला दिलाने व अवैध मेडिकल स्टोर और झोलाछाप क्लीनिक खुलवाने के नाम पर मोटी रकम वसूल रहे हैं.

इस गैंग के लोगों की गिरफ्तारी के लिए एक टीम का गठन किया गया था. रविवार को राजधानी लखनऊ के लेखराज मार्केट के पास से दो आरोपी सचिन मणि और शिवानंद को गिरफ्तार किया गया. पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि, उनका एक गैंग है जो मेडिकल स्टोर और झोलाछाप क्लीनिक खुलवाने व डी-फार्मा, बी-फार्मा, एकेडमिक मार्कशीट / सर्टिफिकेट बनाकर धोखाधड़ी कर देश-विदेश के अलग अलग मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस सहित मेडिकल के विभिन्न कोर्सों में दाखिला दिलाने के नाम पैसा वसूलने का काम करता है.

इस काम में पीसीआई के कुछ कर्मचारी समेत अन्य कई लोग भी शामिल हैं. उन्होंने बताया कि बरेली का रहने वाला हरिशंकर बी-फार्मा व डी-फार्मा फर्जी की मार्कशीट व सर्टिफिकेट बनवाता और फिर पीसीआई के कर्मचारियों की मिलीभगत से उसका सत्यापन कराकर लाइसेंस बनवाया जाता है. जिसके लिए इस काम के लिए जरूरतमन्द लोगों से इनके द्वारा पांच लाख रुपए लिए जाते थे. जिसमें से चार लाख रुपये हरिशंकर लेता था.

ये भी पढ़ेंः बिजनौर की निशा बनी राधिका, प्यार के खातिर बदला धर्म, बरेली में हिन्दू रीति रिवाज से रचाई शादी

लखनऊ: फर्जी मार्कशीट बनवा देश के अलग-अलग मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस में एडमिशन करवाने और झोलाछाप क्लीनिक खुलवाने वाले गैंग के दो सदस्यों को यूपी एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है. एसटीएफ ने देवरिया के सचिन मणि और लखनऊ के शिवानंद वर्मा को गिरफ्तार किया है. दोनों आरोपी बीते कई वर्षों से लोगों को डॉक्टर बनाने के नाम पर करोड़ों की ठगी कर रहे थे.

एएसपी एसटीएफ विशाल विक्रम सिंह ने बताया कि बीते कई माह से जांच के दौरान सामने आया था कि यूपी में एक गैंग फर्जी डी-फार्मा, बी-फार्मा और एकेडमिक मार्कशीट/सर्टिफिकेट बनाकर धोखाधड़ी कर देश-विदेश के अलग अलग मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस सहित मेडिकल के ने कोर्सों में दाखिला दिलाने व अवैध मेडिकल स्टोर और झोलाछाप क्लीनिक खुलवाने के नाम पर मोटी रकम वसूल रहे हैं.

इस गैंग के लोगों की गिरफ्तारी के लिए एक टीम का गठन किया गया था. रविवार को राजधानी लखनऊ के लेखराज मार्केट के पास से दो आरोपी सचिन मणि और शिवानंद को गिरफ्तार किया गया. पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि, उनका एक गैंग है जो मेडिकल स्टोर और झोलाछाप क्लीनिक खुलवाने व डी-फार्मा, बी-फार्मा, एकेडमिक मार्कशीट / सर्टिफिकेट बनाकर धोखाधड़ी कर देश-विदेश के अलग अलग मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस सहित मेडिकल के विभिन्न कोर्सों में दाखिला दिलाने के नाम पैसा वसूलने का काम करता है.

इस काम में पीसीआई के कुछ कर्मचारी समेत अन्य कई लोग भी शामिल हैं. उन्होंने बताया कि बरेली का रहने वाला हरिशंकर बी-फार्मा व डी-फार्मा फर्जी की मार्कशीट व सर्टिफिकेट बनवाता और फिर पीसीआई के कर्मचारियों की मिलीभगत से उसका सत्यापन कराकर लाइसेंस बनवाया जाता है. जिसके लिए इस काम के लिए जरूरतमन्द लोगों से इनके द्वारा पांच लाख रुपए लिए जाते थे. जिसमें से चार लाख रुपये हरिशंकर लेता था.

ये भी पढ़ेंः बिजनौर की निशा बनी राधिका, प्यार के खातिर बदला धर्म, बरेली में हिन्दू रीति रिवाज से रचाई शादी

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.