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सरकारी नौकरी लगाने का झांसा देकर करोड़ों की ठगी करने वाली गैंग का पर्दाफाश, 4 आरोपी गिरफ्तार, CBI निरीक्षक का फर्जी पहचान पत्र बरामद

Thugs promising government jobs arrested in Jaipur, जयपुर पुलिस कमिश्नरेट की सीएसटी टीम और करणी विहार थाना पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए चार ठगों को गिरफ्तार किया है. ये ठग नौकरी का झांसा देकर युवाओं को अपना शिकार बनाते थे.

Thugs promising government jobs arrested in Jaipur
Thugs promising government jobs arrested in Jaipur
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 28, 2024, 8:52 PM IST

जयपुर. जयपुर पुलिस कमिश्नरेट की सीएसटी टीम और करणी विहार थाना पुलिस ने नौकरी का झांसा देकर करोड़ों की ठगी करने वाली गैंग का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने मामले में करणी विहार निवासी रविंद्र शर्मा, सत्येंद्र जाट, विकास यादव और बिंदायका निवासी मुकेश ज्योतिषी को गिरफ्तार किया है. आरोपियों के कब्जे से नौकरी का फर्जी जॉइन लेटर, सील, लैपटॉप, आईपैड, स्याही पैड समेत अन्य दस्तावेज और वारदात में उपयोग की गई कार को बरामद किया है.

जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जार्ज जोसेफ ने बताया कि जयपुर शहर में नौकरी का झांसा देकर ठगी करने वाली गैंग के खिलाफ कार्रवाई की गई. वहीं, आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए एडिशनल पुलिस कमिश्नर कैलाश चंद बिश्नोई के निर्देशन में स्पेशल टीम का गठन किया. साथ ही जयपुर पुलिस कमिश्नरेट की सीएसटी टीम के इंस्पेक्टर राजेश कुमार सिंह के नेतृत्व में नौकरी का झांसा देकर ठगी करने वाली गैंग के खिलाफ कार्रवाई को अंजाम दिया गया. आरोपी बेरोजगार युवाओं को झांसा देकर राज्य सरकार में संविदा और स्थायी नियुक्ति दिलवाने का झांसा देते थे. आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि काफी दिनों से युवाओं को नौकरी का झांसा देकर वो ठगी के वारदात को अंजाम दे रहे थे. ठगी के रुपयों से घर खर्च और ऐशो आराम की जिंदगी जीते थे.

इसे भी पढ़ें - वेश बदलकर बसों में वारदात करने वाला गिरोह चढ़ा पुलिस के हत्थे, यूपी के बदमाशों को पकड़ा

आरोपी बेरोजगार युवाओं से उनकी 10वीं, 12वीं और स्नातक की अंक तालिकाएं और अन्य जरूरी कागजात लेकर सरकारी नौकरी के लिए राजस्थान सरकार के विभिन्न विभागों के फर्जी नियुक्ति पत्र जारी करके ठगी को अंजाम देते थे. आरोपी रविंद्र शर्मा से पूछताछ में सामने आया कि ई मित्र पर काम करने वाला स्पेशलिस्ट मुकेश ज्योतिषी फर्जी दस्तावेज तैयार करने में सहयोग करता था.

सीबीआई निरीक्षक का फर्जी पहचान पत्र बरामद : आरोपी रविंद्र शर्मा के नाम से सीबीआई निरीक्षक का फर्जी पहचान पत्र भी बरामद हुआ है. आरोपी यात्रा के दौरान रसूक और बेरोजगार युवाओं को झांसे में लेने के लिए इस फर्जी पहचान पत्र का उपयोग करता था. आरोपी रविंद्र के खिलाफ धोखाधड़ी की विभिन्न धाराओं में करीब पांच प्रकरण पहले से दर्ज हैं. आरोपियों की ओर से धोखाधड़ी करने और वारदात में शामिल अन्य आरोपियों के संबंध में पूछताछ की जा रही है. पूछताछ के दौरान और भी कई वारदातों के खुलासा होने की संभावना है.

जयपुर. जयपुर पुलिस कमिश्नरेट की सीएसटी टीम और करणी विहार थाना पुलिस ने नौकरी का झांसा देकर करोड़ों की ठगी करने वाली गैंग का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने मामले में करणी विहार निवासी रविंद्र शर्मा, सत्येंद्र जाट, विकास यादव और बिंदायका निवासी मुकेश ज्योतिषी को गिरफ्तार किया है. आरोपियों के कब्जे से नौकरी का फर्जी जॉइन लेटर, सील, लैपटॉप, आईपैड, स्याही पैड समेत अन्य दस्तावेज और वारदात में उपयोग की गई कार को बरामद किया है.

जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जार्ज जोसेफ ने बताया कि जयपुर शहर में नौकरी का झांसा देकर ठगी करने वाली गैंग के खिलाफ कार्रवाई की गई. वहीं, आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए एडिशनल पुलिस कमिश्नर कैलाश चंद बिश्नोई के निर्देशन में स्पेशल टीम का गठन किया. साथ ही जयपुर पुलिस कमिश्नरेट की सीएसटी टीम के इंस्पेक्टर राजेश कुमार सिंह के नेतृत्व में नौकरी का झांसा देकर ठगी करने वाली गैंग के खिलाफ कार्रवाई को अंजाम दिया गया. आरोपी बेरोजगार युवाओं को झांसा देकर राज्य सरकार में संविदा और स्थायी नियुक्ति दिलवाने का झांसा देते थे. आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि काफी दिनों से युवाओं को नौकरी का झांसा देकर वो ठगी के वारदात को अंजाम दे रहे थे. ठगी के रुपयों से घर खर्च और ऐशो आराम की जिंदगी जीते थे.

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आरोपी बेरोजगार युवाओं से उनकी 10वीं, 12वीं और स्नातक की अंक तालिकाएं और अन्य जरूरी कागजात लेकर सरकारी नौकरी के लिए राजस्थान सरकार के विभिन्न विभागों के फर्जी नियुक्ति पत्र जारी करके ठगी को अंजाम देते थे. आरोपी रविंद्र शर्मा से पूछताछ में सामने आया कि ई मित्र पर काम करने वाला स्पेशलिस्ट मुकेश ज्योतिषी फर्जी दस्तावेज तैयार करने में सहयोग करता था.

सीबीआई निरीक्षक का फर्जी पहचान पत्र बरामद : आरोपी रविंद्र शर्मा के नाम से सीबीआई निरीक्षक का फर्जी पहचान पत्र भी बरामद हुआ है. आरोपी यात्रा के दौरान रसूक और बेरोजगार युवाओं को झांसे में लेने के लिए इस फर्जी पहचान पत्र का उपयोग करता था. आरोपी रविंद्र के खिलाफ धोखाधड़ी की विभिन्न धाराओं में करीब पांच प्रकरण पहले से दर्ज हैं. आरोपियों की ओर से धोखाधड़ी करने और वारदात में शामिल अन्य आरोपियों के संबंध में पूछताछ की जा रही है. पूछताछ के दौरान और भी कई वारदातों के खुलासा होने की संभावना है.

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