वाराणसी: ज्ञानवापी में व्यास तहखाने में पूजा-पाठ शुरू करने के आदेश के बाद शुक्रवार को जुमे की नमाज सकुशल संपन्न हुई. जुमे की नमाज को लेकर काफी ज्यादा सतर्कता बढ़ती गई थी. पुलिस प्रशासन ने करीब 16 थानों के साथ तीन नजदीकी जिलों से हजारों की संख्या में पुलिस फोर्स पूरे बनारस के चप्पे-चप्पे पर तैनात कर दी गई थी. ज्ञानवापी से लेकर चौक थाने और मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में पुलिस की चहलकदमी देखने को मिली. इन सब के बीच ज्ञानवापी से बड़ी संख्या में नमाज अदा कर निकले लोगों ने अपनी बात खुल कर रखी. हर किसी ने अमन चैन कायम रखने की बात कही.आप भी सुनिए और क्या कहा.
एक नमाजी मोहम्मद यासीन ने कहा कि हम अमन-चैन चाहते हैं. हमारे युवा और आपके युवा समझदार हो गए हैं. उनको पता है कि शांति व्यवस्था बनाए रखने में ही फायदा है. हम सब एक साथ मिलकर रहने वाले लोग हैं. यह शहर बिस्मिल्लाह खान, कबीर और रविदास का है. जहां पर हर धर्म, हर संप्रदाय के लोग मिलकर रहते हैं. कोर्ट ने जो निर्णय दिया, वह कोर्ट का काम है और हमारा काम है शहर में अमन चैन कायम रखना. मुस्लिम पक्ष के लोगों को भी मिलजुल कर इस बात को समझना चाहिए. कहना था कि नाराजगी नहीं है. हम सब मिलजुल कर रहेंगे, जो भी फैसला आएगा उसे स्वीकार करेंगे. न्यायालय को हमारी बात भी सुननी चाहिए थी. इसलिए दुकान बंद करके अपना विरोध दर्ज किया है.
वहीं नमाज अदा करके बाहर निकले शकील अहमद का कहना था कि यह शहर अमनोचैन का है. हमारे पूर्वज शुरू से यहां मिलजुल कर रहे हैं. एक साथ बैठते-उठते रहे हैं. ऐसे में कोई बात पर विवाद नहीं होना चाहिए. प्रशासन बड़े ही शांतिपूर्ण तरीके से सब काम पूरा करवा रहा है और हमें भी उनके साथ देना चाहिए. शकील का कहना था आज नमाज के बाद तकरीर में भी हमको यही कहा गया कि अमन चैन कायम रखें और सबके साथ मिलजुल कर रहे हैं. शांति व्यवस्था बनी रहे यह ज्यादा महत्वपूर्ण है.
वहीं मुख्तार अहमद का कहना था कि उनकी बात नहीं सुनी गई. व्यास जी के तहखाने में हमने कभी कोई मूर्ति नहीं देखी. हमारी बात सुने बिना कोई निर्णय दिया गया. इस बात की तकलीफ है. बाकी हम लोग अमन चैन कायम रखने वाले शहर बनारस से हैं. जहां गंगा जमुना तहजीब की मिसाल दी जाती है. इसलिए सब मिलजुल कर रहेंगे और न्यायालय अपना काम कर रहा है. हमने न्यायालय की शरण में है. हमें पूरा विश्वास है कि हमारे साथ भी न्याय होगा.