अयोध्या: रामलला की आरती में शामिल होने के लिए फर्जी पास श्रद्धालुओं को बेचने का पुलिस ने खुलासा किया है. फर्जीवाड़ा करने वाले पहले अपने नाम से पास बुक करते और फिर नाम और डेट एडिट कर हार्ड कॉपी निकाल लेते. इसके बाद इसे श्रद्धालुओं को बेचा जाता. हर पास के 1500 रुपये वसूले जाते. पुलिस ने इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया है. जबकि बाकी की तलाश की जा रही है.
मामले का खुलासा उस वक्त हुआ जब सुरक्षाकर्मी राममंदिर के इंट्री गेट पर श्रद्धालुओं को जारी पास की जांच कर रहे थे. इसमें चार श्रद्धालुओं के जब बारकोड स्कैन किए गए तो पास फर्जी पाया गया. फिर चारों श्रद्धालुओं को थाने ले जाया गया, जहां पूछताछ की गई. चारों ने पुलिस को बताया कि होटल के मैनेजर ने दो टूरिस्ट गाइड से संपर्क कराया था, उन्हीं ने पास दिया है. इसके बदले 15 सौ रुपए भी लिए हैं.
राम जन्मभूमि थाने पुलिस ने पूछताछ के बाद श्रद्धालुओं को छोड़ दिया, लेकिन पास देने वाले दोनों टूरिस्ट के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है. वहीं पुलिस अभी और लोगों की तलाश में है. वहीं इस प्रकरण के सामने आने के बाद पास को लेकर विशेष निगरानी शुरू कर दी गई है.
जानकारी देते हुए एसपी सिटी मधुबन सिंह ने बताया कि प्रकरण राम जन्मभूमि का है. राम मंदिर में प्रभु श्री राम की शयन आरती के लिए राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा पास निशुल्क उपलब्ध कराए जाते हैं. शयन आरती में सम्मिलित होने के लिए श्रद्धालु पास लेकर राम मंदिर पहुंचते हैं, जहां सुरक्षा कर्मियों द्वारा पास को चेक किया गया तो पास संदिग्ध पाए गए. राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में जो पास बनाते हैं, उन कर्मचारियों को बुलाकर उनसे पूछा गया तो पास फर्जी पाए गए.
बताया कि अजय कुमार मौर्य व नरेंद्र कुमार पांडे जो टूरिस्ट का काम करते हैं, के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत किया गया है. श्रद्धालुओं द्वारा बताया गया है अजय व नरेंद्र ने ही उन्हें पास दिए थे. दोनों को गिरफ्तार किया गया है और उनसे पूछताछ की जा रही है.