नई दिल्ली: आज सावन का चौथा सोमवार है, सुबह से ही मंदिरों में शिव भक्तों की भीड़ देखने को मिल रही है. राजधानी में मौजूद कई प्राचीन मंदिरों में शिव भक्त भगवान भोलेनाथ पर जलाभिषेक करते हुए दिखाई दिए. वहीं राजधानी के दिल कहे जाने वाले कनॉट प्लेस में स्थित प्राचीन शिव मंदिर में भी भक्तों का तांता लगा रहा. यह मंदिर अपने आप में विशेष है. मान्यता है कि यहां पर पांडवों ने भगवान शिव से वचन लिया था, कि वह हर सावन में यहां दर्शन देंगे. सुबह से ही तमाम भोलेनाथ के भक्त जलाभिषेक करते दिखाई दिए.
मंदिर के महंत कैलाश कौशिक ने बताया कि उनका परिवार पिछले डेढ़ सौ साल से मंदिर की देखरेख कर रहा है. यह बात बिल्कुल सही है कि सावन में भोलेनाथ किसी न किसी रूप में इस मंदिर में जरूर आते हैं. मंदिर में ऐसे कई भक्त आते हैं जो कई वर्षों से लगातार भोलेनाथ का जलाभिषेक करते हैं सावन के महीने में भक्तों को लगता है कि उनको इस मंदिर में आकर भगवान भोलेनाथ के दर्शन होंगे. भक्तों में मान्यता है कि सावन में भोलेनाथ किसी न किसी रूप में मंदिर में अवश्य आते हैं, और अपने दर्शन देते हैं. मंदिर की विशेषता है कि सावन के महीने में मंदिर प्रांगण में विशेष भंडारों का आयोजन किया जाता है. इसके अलावा शिवरात्रि और काल सर्प योग यानी नाग पंचमी के दिन इसकी विशेष पूजन होती है.
मंदिर का इतिहास
मंदिर के महंत कैलाश कौशिक ने बताया कि मंदिर की स्थापना डेढ़ सौ साल पहले हुई थी. लेकिन इस बात का कोई प्रमाण नहीं है कि यहां शिवलिंग कब से मौजूद है, क्योंकि यहां मौजूद शिवलिंग स्वयूं है. जो की अवतरित है. पांडवों ने भगवान भोलेनाथ से इस चीज की अनुमति ली थी कि वह हर सावन मंदिर में भक्तों को दर्शन देने आएंगे. तब भगवान भोलेनाथ ने पांडवों की तपस्या से खुश होकर इस बात को स्वीकारा था कि वह सावन के हर महीने में भक्तों को प्राचीन शिव मंदिर में दर्शन देने आएंगे.
महंत कैलाश कौशिक ने बताया कि शिवलिंग कब स्वयं भू रूप में अवतरित हुई इस चीज का कोई प्रमाण नहीं है. लेकिन पिछले 150 सालों से उनका परिवार इस मंदिर की देखरेख कर रहा है, लेकिन मंदिर की विशेषता यह है कि सावन के महीने में भक्तों के लिए विशेष इंतजाम किए जाते हैं. इस दौरान कई तरीके के भंडारों का आयोजन किया जाता है, जिसमें खीर और फलाहार का प्रसाद होता है. मंदिर की मुख्य विशेषता यह है कि सावन के महीने में भक्तों को प्रसाद के तौर पर एक विशेष अमृत दिया जाता है. सावन में भोलेनाथ का जलाभिषेक करने वाले भक्तों को हर बार यह लगता है कि इस मंदिर में भगवान भोलेनाथ की विशेष कृपा है. वहीं महंत कैलाश कौशिक का भी यह अनुभव है कि उनको इस मंदिर में शंभू के दर्शन होते हैं. भगवान भोलेनाथ सावन के महीने में यहां भक्तों को दर्शन देने अवश्य आते हैं. भोलेनाथ के जो भी भक्त एक बार इस मंदिर में पूजा करने आते हैं, वह कोशिश करते हैं कि सावन के महीने में हर बार इसी मंदिर में जलाभिषेक करें जिससे कि भोलेनाथ उनके सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करें.
कैसे पहुंचे कनॉट प्लेस के प्राचीन शिव मंदिर?
अगर आप चाहते हैं कि इस सावन के महीने में भगवान भोलेनाथ के दर्शन हों तो आप भी कनॉट प्लेस स्थित प्राचीन शिव मंदिर में जा सकते हैं. इस मंदिर तक पहुंचना बेहद आसान है. यहां पहुंचने के लिए दिल्ली मेट्रो के राजीव चौक मेट्रो स्टेशन से चलकर मात्र 500 मीटर की दूरी पर मंदिर पहुंच सकते हैं जहां आप भगवान भोलेनाथ के दर्शन कर सकते हैं. इसके अलावा डीटीसी बस की सेवा लेकर के नजदीकी बस स्टैंड पर पहुंच सकते हैं.
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