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चिराग के खास रुपौली में निर्दलीय ठोकेंगे ताल, JDU के कलाधर मंडल को देंगे चुनौती - Bihar Assembly By Election 2024

पूर्णिया के रुपौली से चिराग के खास निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे. उन्होंने जेडीयू के खिलाफ बिगुल फूंक दिया है. खास दिन नॉमिनेशन की भी घोषणा कर दी है. खास बात ये है कि 2005 में शंकर सिंह विधायक भी रह चुके हैं. इस बार रुपौली सीट एनडीए के घटक दल जेडीयू के पास जाने से शंकर सिंह धैर्य खो बैठे और निर्दलीय ही चुनाव में कूद पड़ने का ऐलान भी कर दिया है. पढ़ें पूरी खबर

शंकर सिंह ने दिया एलजेपी से इस्तीफा
शंकर सिंह ने दिया एलजेपी से इस्तीफा (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jun 15, 2024, 11:05 PM IST

पूर्णिया : रुपौली विधानसभा उपचुनाव के लिए रुपौली के पूर्व विधायक शंकर सिंह ने लोजपा (रामविलास) से सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने निर्दलीय ही चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. शंकर सिंह का कहना है कि वो रुपौली सीट पर चुनाव लड़ने के लिए चिराग पासवान से अनुरोध किया लेकिन चिराग ने साफ कहा कि ये सीट जेडीयू के खाते में है इसलिए वो इस सीट से टिकट नहीं दे सकते.

शंकर सिंह ने दिया एलजेपी से इस्तीफा : चिराग पासवान का ये जवाब सुनकर शंकर सिंह ने लोजपा रामविलास के प्रदेश सचिव के पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ऐलान किया कि आने वाले 20 जून को वो रुपौली विधानसभा के लिए निर्दलीय ही नामांकन करेंगे. विधानसभा क्षेत्र की जनता उनके साथ खड़ी है. एनडीए का प्रत्याशी मुखिया का चुनाव भी जीतने के लायक नहीं है.

रुपौली से निर्दलीय लड़ेंगे चुनाव : बता दें कि 10 जुलाई 2024 को रुपौली विधानसभा के उपचुनाव का मतदान होना है. शंकर सिंह ने बगावत करके निर्दलीय मैदान में आने का मन बनाया है. उन्होंने कहा कि लोजपा की स्थापना से लेकर अब तक वो मजबूती के साथ रहे, समर्पित भाव से काम किया. चुनाव भी लड़ा और लड़ाया. हार जीत का मामूली अंतर भी रहा. इस बार के लोकसभा चुनाव में अपने रुपौली क्षेत्र से लीड भी कराया.

''दशकों तक लोजपा (रामविलास) में रहते हुए, पार्टी के लिए समर्पित भाव से काम किया. पार्टी का जब जो निर्णय हुआ मजबूती से उस निर्णय के साथ खड़ा रहा. पार्टी ने 2005 में मुझे रूपौली विधानसभा से प्रत्याशी बनाया. तब न सिर्फ मैने मजबूती से चुनाव लड़ा बल्कि चुनाव जीतने का काम किया. सरकार न बन पाने के कारण फिर से चुनाव हुआ. जबकि चुनाव जीतने के बाद कई प्रलोभन दिये गये. लेकिन मैं पार्टी के सिद्धांत पर रहकर उस समय के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामविलास पासवान के विचारधारा के साथ खड़ा रहा. अब उपचुनाव को लेकर पार्टी में क्या खेल हुआ नहीं पता''- शंकर सिंह, निर्दलीय उम्मीदवारी का दावा करने वाले प्रत्याशी

बीमा भारती के इस्तीफा देने से खाली हुई थी सीट : बता दें कि बीमा भारती ने आरजेडी ज्वाइन करके रुपौली विधानसभा की सीट से इस्तीफा दे दिया था. बीमा भारती ने लोकसभा चुनाव भी लड़ा लेकिन वो चुनाव हार गईं. बीमा भारती के सीट छोड़ने की वजह से ये रुपौली विधानसभा के लिए उपचुनाव हो रहे हैं. ऐसे में एलजेपी रामविलास के एक कर्मठ कार्यकर्ता द्वारा दावेदारी करने से मुकाबला दिलचस्प हो गया है.

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पूर्णिया : रुपौली विधानसभा उपचुनाव के लिए रुपौली के पूर्व विधायक शंकर सिंह ने लोजपा (रामविलास) से सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने निर्दलीय ही चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. शंकर सिंह का कहना है कि वो रुपौली सीट पर चुनाव लड़ने के लिए चिराग पासवान से अनुरोध किया लेकिन चिराग ने साफ कहा कि ये सीट जेडीयू के खाते में है इसलिए वो इस सीट से टिकट नहीं दे सकते.

शंकर सिंह ने दिया एलजेपी से इस्तीफा : चिराग पासवान का ये जवाब सुनकर शंकर सिंह ने लोजपा रामविलास के प्रदेश सचिव के पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ऐलान किया कि आने वाले 20 जून को वो रुपौली विधानसभा के लिए निर्दलीय ही नामांकन करेंगे. विधानसभा क्षेत्र की जनता उनके साथ खड़ी है. एनडीए का प्रत्याशी मुखिया का चुनाव भी जीतने के लायक नहीं है.

रुपौली से निर्दलीय लड़ेंगे चुनाव : बता दें कि 10 जुलाई 2024 को रुपौली विधानसभा के उपचुनाव का मतदान होना है. शंकर सिंह ने बगावत करके निर्दलीय मैदान में आने का मन बनाया है. उन्होंने कहा कि लोजपा की स्थापना से लेकर अब तक वो मजबूती के साथ रहे, समर्पित भाव से काम किया. चुनाव भी लड़ा और लड़ाया. हार जीत का मामूली अंतर भी रहा. इस बार के लोकसभा चुनाव में अपने रुपौली क्षेत्र से लीड भी कराया.

''दशकों तक लोजपा (रामविलास) में रहते हुए, पार्टी के लिए समर्पित भाव से काम किया. पार्टी का जब जो निर्णय हुआ मजबूती से उस निर्णय के साथ खड़ा रहा. पार्टी ने 2005 में मुझे रूपौली विधानसभा से प्रत्याशी बनाया. तब न सिर्फ मैने मजबूती से चुनाव लड़ा बल्कि चुनाव जीतने का काम किया. सरकार न बन पाने के कारण फिर से चुनाव हुआ. जबकि चुनाव जीतने के बाद कई प्रलोभन दिये गये. लेकिन मैं पार्टी के सिद्धांत पर रहकर उस समय के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामविलास पासवान के विचारधारा के साथ खड़ा रहा. अब उपचुनाव को लेकर पार्टी में क्या खेल हुआ नहीं पता''- शंकर सिंह, निर्दलीय उम्मीदवारी का दावा करने वाले प्रत्याशी

बीमा भारती के इस्तीफा देने से खाली हुई थी सीट : बता दें कि बीमा भारती ने आरजेडी ज्वाइन करके रुपौली विधानसभा की सीट से इस्तीफा दे दिया था. बीमा भारती ने लोकसभा चुनाव भी लड़ा लेकिन वो चुनाव हार गईं. बीमा भारती के सीट छोड़ने की वजह से ये रुपौली विधानसभा के लिए उपचुनाव हो रहे हैं. ऐसे में एलजेपी रामविलास के एक कर्मठ कार्यकर्ता द्वारा दावेदारी करने से मुकाबला दिलचस्प हो गया है.

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