भोपाल। अपने बेबाक बयानों से सुर्खियों में रहने वाले कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व राज्यपाल अजीज कुरैशी का इंतकाल हो गया, वे 83 साल के थे. अजीज कुरैशी लंबे समय से बीमार चल रहे थे. उनका भोपाल के अपोलो हॉस्पिटल में इलाज चल रहा था, जहां सुबह उनका निधन हो गया. अजीज कुरैशी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मिजोरम में राज्यपाल रह चुके हैं. अजीज कुरैशी के भतीजे सुफियान अली के मुताबिक पिछले कई दिनों से उनकी तबीयत ठीक नहीं थी.
इंदिरा के सुपर 100 में से एक थे अजीज
अजीज कुरैशी की गिनती मध्य प्रदेश के दिग्गज नेताओं में रही है. 24 अप्रैल 1940 को भोपाल में जन्मे कुरैशी ने पार्टी में जमीनी कार्यकर्ता से काम शुरू किया था. अजीज कुरैशी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के करीबी नेता माने जाते रहे. इंदिरा गांधी द्वारा चुने गए 100 कांग्रेस कार्यकर्ताओं में से वह एक थे. उन्होंने 1959 में प्रदेश कांग्रेस सहकारी आयोजक के रूप में काम करना शुरू किया. वे कांग्रेस चुनाव समिति के 1980 में सचिव बनाए गए. कुरैशी भारतीय युवा कांग्रेस के संस्थापक सदस्य और भोपाल में उसके पहले महासचिव थे.
अजीज कुरैशी ने पहली बार 1972 में विधानसभा का चुनाव लड़ा और सीहोर सीट से चुनकर विधानसभा पहुंचे. उन्हें कांग्रेस सरकार में सिंचाई एवं ऊर्जा मंत्री बनाया गया. 1976 से 77 तक वे प्रदेश के शिक्षा एवं धर्मस्व मंत्री भी रहे. 1981 से 84 तक वे राज्य मत्स्य विकास निगम के अध्यक्ष रहे. 1984 में हुए लोकसभा चुनाव में पार्टी ने उन्हें सतना लोकसभा सीट से मैदान में उतारा, जहां से वे जीतकर लोकसभा पहुंचे.
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तीन राज्यों में रहे राज्यपाल
अजीज कुरैशी तीन राज्यों में राज्यपाल भी रहे हैं. 2014 में उन्हें उत्तर प्रदेश के राज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था. इसके पहले 2012 में वे उत्तराखंड के राज्यपाल रहे. वे मिजोरम के राज्यपाल भी रह चुके हैं. कमलनाथ की सरकार में अजीज कुरैशी को मध्य प्रदेश ऊर्दू अकादमी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था. अजीज कुरैशी हमेशा अपने बेबाक बयानों के लिए चर्चाओं में बने रहे. हालांकि कई बार उनके निशाने पर अपनी ही कांग्रेस पार्टी रहती थी. पार्टी को लेकर किए गए अपने बयानों पर उन्होंने एक बार यह भी कह दिया कि यदि बयान किसी को चुभते हों, तो पार्टी यदि उन्हें चाहे तो कांग्रेस से निकाल सकती है.