ETV Bharat / state

पूर्व सीएम अशोक गहलोत बोले- भारत रत्न का चुनावीकरण कर कम की गई गरिमा, एनडीए को नहीं मिलेगा इसका फायदा

Ashok Gehlot attacks NDA, चुनावी साल में देश की पांच विभूतियों को भारत रत्न देने के मोदी सरकार के फैसले पर राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सवाल खड़े किए हैं. साथ ही उन्होंने भारत रत्न सम्मान का चुनावीकरण और राजनीतिकरण करने का भी आरोप लगाया है.

पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत
author img

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 11, 2024, 6:40 PM IST

जयपुर. चुनावी साल में देश की पांच विभूतियों को भारत रत्न देने के मोदी सरकार के फैसले पर राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सवाल उठाए हैं. उन्होंने मोदी सरकार के इस फैसले को भारत रत्न सम्मान का चुनावीकरण और राजनीतिकरण करने वाला कदम बताया है. साथ ही यह भी कहा कि ऐसे फैसलों से एनडीए को बड़ा लाभ (चुनाव में) नहीं मिलने वाला है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट कर सरकार के इस फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है.

पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने X पर लिखा कि 'भारत सरकार की ओर से 5 विभूतियों को भारत रत्न दिए जाने का स्वागत करते हैं. इन विभूतियों के लिए हमारे दिल में अथाह सम्मान है एवं देश के लिए इनका योगदान अतुलनीय है. हालांकि, ऐसा लगता है कि एक वर्ष में अधिकतम 3 भारत रत्न देने के नियम को तोड़कर आनन-फानन में भारत रत्न देकर इस सम्मान का चुनावीकरण एवं राजनीतिकरण किया गया है एवं सम्मान की गरिमा कम की गई है. मुझे नहीं लगता है कि इन निर्णयों से एनडीए को बहुत बड़ा लाभ मिल सकेगा.'

पढ़ें. पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह, नरसिम्हा राव और वैज्ञानिक MS स्वामीनाथन को भारत रत्न

जिनका सम्मान उन विभूतियों से लें सीख : उन्होंने आगे लिखा कि 'यदि एनडीए सरकार सच में इनके योगदान को सम्मानित करना चाहती है तो कर्पूरी ठाकुर की ओर से पिछड़ों के उत्थान के लिए किए गए प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिए जातिगत जनगणना करवाएं. चौधरी चरण सिंह और एमएस स्वामीनाथन की मांग अनुसार न्यूनतम समर्थन मूल्य का कानून बनाएं.'

...वरना चुनावी लाभ के लिए हैं : अपनी इसी पोस्ट में अशोक गहलोत ने लिखा कि 'पीवी नरसिम्हा राव की ओर से बनाए गए प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट की पालना सुनिश्चित करवाएं, जिसकी आजकल रोज अवहेलना की जा रही है. एनडीए सरकार के दौरान लालकृष्ण अडवाणी की ओर से जताई गई अघोषित आपातकाल जैसी आशंका के माहौल को सामान्य करने का प्रयास करें. अन्यथा सब यही मानेंगे कि ये सम्मान सिर्फ चुनावी लाभ के लिए हैं.

जयपुर. चुनावी साल में देश की पांच विभूतियों को भारत रत्न देने के मोदी सरकार के फैसले पर राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सवाल उठाए हैं. उन्होंने मोदी सरकार के इस फैसले को भारत रत्न सम्मान का चुनावीकरण और राजनीतिकरण करने वाला कदम बताया है. साथ ही यह भी कहा कि ऐसे फैसलों से एनडीए को बड़ा लाभ (चुनाव में) नहीं मिलने वाला है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट कर सरकार के इस फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है.

पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने X पर लिखा कि 'भारत सरकार की ओर से 5 विभूतियों को भारत रत्न दिए जाने का स्वागत करते हैं. इन विभूतियों के लिए हमारे दिल में अथाह सम्मान है एवं देश के लिए इनका योगदान अतुलनीय है. हालांकि, ऐसा लगता है कि एक वर्ष में अधिकतम 3 भारत रत्न देने के नियम को तोड़कर आनन-फानन में भारत रत्न देकर इस सम्मान का चुनावीकरण एवं राजनीतिकरण किया गया है एवं सम्मान की गरिमा कम की गई है. मुझे नहीं लगता है कि इन निर्णयों से एनडीए को बहुत बड़ा लाभ मिल सकेगा.'

पढ़ें. पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह, नरसिम्हा राव और वैज्ञानिक MS स्वामीनाथन को भारत रत्न

जिनका सम्मान उन विभूतियों से लें सीख : उन्होंने आगे लिखा कि 'यदि एनडीए सरकार सच में इनके योगदान को सम्मानित करना चाहती है तो कर्पूरी ठाकुर की ओर से पिछड़ों के उत्थान के लिए किए गए प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिए जातिगत जनगणना करवाएं. चौधरी चरण सिंह और एमएस स्वामीनाथन की मांग अनुसार न्यूनतम समर्थन मूल्य का कानून बनाएं.'

...वरना चुनावी लाभ के लिए हैं : अपनी इसी पोस्ट में अशोक गहलोत ने लिखा कि 'पीवी नरसिम्हा राव की ओर से बनाए गए प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट की पालना सुनिश्चित करवाएं, जिसकी आजकल रोज अवहेलना की जा रही है. एनडीए सरकार के दौरान लालकृष्ण अडवाणी की ओर से जताई गई अघोषित आपातकाल जैसी आशंका के माहौल को सामान्य करने का प्रयास करें. अन्यथा सब यही मानेंगे कि ये सम्मान सिर्फ चुनावी लाभ के लिए हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.