बांसवाड़ा. नवंबर 2022 में हुई वन रक्षक भर्ती परीक्षा का पेपर लीक हुआ था. पुलिस की जांच में सामने आया है कि एग्जाम से करीब 2 घंटे पहले पेपर पढ़ा कर जवाब रटा दिए गए थे. अब इस मामले में राजतालाब थाने में 15 अभ्यर्थियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है. गौरतलब है कि पुलिस को इस भर्ती के इनपुट डमी अभ्यर्थियों की जांच के दौरान मिले थे. इसके बाद पुलिस ने लगातार कार्रवाई करते हुए देर रात राज तालाब थाने में प्रकरण दर्ज किया है.
दर्ज प्रकरण अनुसार प्रतापगढ़ जिले के रहने वाले और हाल ही में हाउसिंग बोर्ड से गिरफ्तार किए गए प्रवीण मालवीया ने पूरा राज खोला है. रिपोर्ट में बताया गया है कि एक अन्य दलाल सकन खड़िया ने उससे वन रक्षक भर्ती परीक्षा के लिए अभ्यर्थियों से 8- 8 लाख में सौदा तय कर लेने को कहा. पेपर लेकर आने वालों में बाड़मेर के गुड़ा मलानी अरटवाव निवासी हरीश उर्फ हीराराम पुत्र रतना और डूंगरपुर के चिकली निवासी अभिमन्यू सिंह चौहान पुत्र हिम्मत सिंह चौहान था. परीक्षा के दिन उसके घर कुशलगढ़ के मगरदा निवासी ईश्वर पुत्र नाथूलाल की पत्नी शीला, कुशलगढ़ के नवा गांव निवासी शिल्पी पुत्री कन्हैयालाल और कुशलगढ़ में कार्यरत वीर सिंह पुत्र कन्हैयालाल भी आए.
उसने बताया कि इस संबंध में इसके बाद कुशलगढ़ के बगायचा निवासी सुखराम पुत्र रमेश, एक अन्य दलाल मोर कुशलगढ़ निवासी विनिश पुत्र कालू सिंह और कोठारिया निवासी सुभाष पुत्र रमेश से भी बातचीत हुई थी. परीक्षा के दिन सभी उसके किराए के घर हाउसिंग बोर्ड आए. तब घर पर उसकी शिक्षिका पत्नी सविता भी थी. 13 नवंबर को सुबह सभी को शहर में होटल मून के पास ले जाया गया. अहिंसापुरी के एक मकान में सभी को पर्चा हल कराया गया. वहां पर अन्य अभ्यर्थियों को भी पेपर हल कराया गया.
दूसरी पारी का पेपर प्रवीण के घर पर हल कराया : रिपोर्ट के अनुसार दूसरी पारी का पेपर हाउसिंग बोर्ड स्थित प्रवीण के घर पर हल किया गया. यहां पर बुलाए गए अभ्यर्थियों के साथ ही पांच छह अन्य अभ्यर्थियों को भी लाया गया. यहां पर सभी के मोबाइल बंद करा दिए गए. हरीश ने अपने मोबाइल में देख-देख कर प्रश्न पत्र और उसके उत्तर रटवाए. इस तरह कई लोगों को यहां पर पेपर हल कराया गया.
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ऐसे हुआ था पैसे का लेन-देन : रिपोर्ट में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि दलाल प्रवीण ने सुभाष से एक लाख रुपए लेकर सकन खड़िया को दिए तो सुखराम से 2 लाख रुपए लेकर दिए. सुखराम की पत्नी निरमा के पेटे 4 लाख रुपए लेकर दिए गए हैं. आरोपी के जिम्मे यह 3 अभ्यर्थी थे. इसके बाद जब रिजल्ट आया तो इनका सलेक्शन हो गया था.
" असली अनुसंधान व कई चीजें रिपोर्ट दर्ज होने के बाद ही सामने आती है. ऐसे में रिपोर्ट दर्ज होने के बाद जांच होगी तो इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि और इस गिरोह के तार कई जिलों तक फैले हुए हैं" - विनय चौधरी व शिवन्या सिंह, डीएसपी
" एक दलाल ने बांसवाड़ा के 15 अभ्यर्थियों को परीक्षा से करीब 2 घंटे पहले की पेपर बता दिया था. इसके बाद उनको जवाब रटवाए गए थे. इन लोगों ने बांसवाड़ा के अलग-अलग सेंटर पर परीक्षा दी थी. इसमें वन विभाग के किसी अधिकारी या कर्मचारी की संलिप्तता अभी तक सामने नहीं आई है. मुख्य सरगना की तलाश कर रहे हैं. उसके पकड़ में आने के बाद ही जानकारी होगी कि उसके पास पेपर कहां से आया था " - हर्षवर्धन अग्रवाला, एसपी बांसवाड़ा