छपरा: सारण जिला प्रशासन के द्वारा एक बच्चे के दत्तक ग्रहण की प्रक्रिया पूरी की गई. डीडीसी प्रियंका रानी ने अपने कार्यालय कक्ष में बच्चे को उसके नए परिवार को सौंप दिया. अडॉप्शन की प्रक्रिया पूरी होते ही नए माता-पिता चेहरे खिल उठे और उन्होंने भावविह्वल होकर जिला प्रशासन को धन्यवाद किया. इस बच्चे को अमेरिका के दंपत्ति ने गोद लिया है.
2015 में अमेरिकी दंपत्ति ने दिया आवेदन: अमेरिका के दंपत्ति ने 2015 में बच्चा गोद लेने के लिए CARA पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन किया था. इनका नंबर आने और सारी प्रक्रिया से गुजरने के बाद सोमवार को फाइनल अडॉप्शन की प्रक्रिया पूर्ण की गई. बता दें कि समाज कल्याण विभाग अन्तर्गत जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा संचालित विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान, सारण के माध्यम से बच्चों के दत्तक ग्रहण की कारवाई की जाती है.
यहां होता है बच्चों का भरपूर पालन पोषण: संस्थान में अनाथ बच्चों को पूरी सुरक्षा और सुविधाओं के बीच रखकर उनका भरपूर पालन पोषण किया जाता है. वहीं इस मौके पर प्रभारी सहायक निदेशक बाल संरक्षण इकाई, पूजा कुमारी, बाल संरक्षण पदाधिकारी (सीपीओ) पंकज प्रसाद, समन्वयक कहकशां रशीद, दीपांशु राज आदि उपस्थित रहे.
बच्चों गोद लेने के नियम: कोई भी ऐसा दंपती जिसकी शारीरिक एवं मानसिक स्थिति सुदृढ़ हो बच्चा गोद लेने के लिए पात्र हो सकता है. यदि उन्होंने कम से कम दो वर्ष का स्थिर वैवाहिक जीवन व्यतीत किया हो और दत्तक ग्रहण के लिए दोनों की आपसी सहमति जरूरी है. अलग-अलग उम्र वाले दंपति को अलग-अलग उम्र के बच्चे की पात्रता होती है. बच्चा गोद लेने के लिए केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण के वेबसाइट carings.wcd.gov.in पर रजिस्ट्रेशन करना होता है. जांच के बाद बच्चा गोद लेने के पात्र माता-पिता को बच्चा गोद दिया जाता है.
एकल महिला-पुरुष भी ले सकते हैं गोद: एकल पुरुष अभिभावक को केवल लड़का गोद दिया जा सकता है, जबकि एकल महिला अभिभावक को लड़का और लड़की दोनों को गोद दिया जा सकता है. दो संतान वाले दंपति सामान्य बालक के दत्तक ग्रहण के लिए पात्र नहीं है. वह सिर्फ विशेष आवश्यकता वाले बालक को ही दत्तक ग्रहण कर सकते हैं. देश में किसी अन्य माध्यम से बच्चा गोद लेना और देना कानूनी अपराध है.