देहरादून: उत्तराखंड में पहली बार अंतरराष्ट्रीय आयुर्वेद सम्मेलन होने जा रहा है. इस सम्मेलन को उत्तराखंड सरकार केंद्र के आयुष मंत्रालय के साथ करवाने जा रही है. इस आयुर्वेद सम्मेलन में देश और विदेश के भी आयुर्वेद विशेषज्ञ शामिल होंगे. खास बात ये है कि सम्मेलन के लिए बड़ी संख्या में आयुर्वेद से जुड़े लोगों का रिस्पांस मिल रहा है. यही नहीं राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सम्मेलन से जुड़ने के लिए तमाम विशेषज्ञ अपनी सहमति भी जता रहे हैं. यही वजह है कि उत्तराखंड में हो रहे इस सम्मेलन के लिए अब तक करीब 4500 पंजीकरण कर लिए गए हैं.
उत्तराखंड में 12 से 15 दिसंबर तक अंतरराष्ट्रीय आयुर्वेद सम्मेलन आयोजित किया जाएगा. इस आयोजन में वैसे तो 100 से ज्यादा देशों के विशेषज्ञों के पहुंचने की उम्मीद है, लेकिन फिलहाल करीब 55 देश के प्रतिनिधियों द्वारा ही आयोजन में आने की सहमति दी गई है, जबकि बाकी देशों के प्रतिनिधियों से लगातार बातचीत की जा रही है.
यह पहला मौका है, जब आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए इस तरह अंतरराष्ट्रीय स्तर का आयुर्वेद सम्मेलन आयोजित हो रहा है. प्रयास यह भी है कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की आयुर्वेद से जुड़ी तमाम कंपनियां भी इस सम्मेलन में शामिल हो. इस तरह आयुर्वेद चिकित्सा के विशेषज्ञों के साथ ही आयुर्वेद दवाइयों की कंपनियां भी इसमें जुड़ेगी.
कार्यक्रम के दौरान 200 से भी ज्यादा आयुर्वेद उत्पादों की प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी. इस आयोजन के जरिए देश और विदेशों में भी आयुर्वेद को बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा है. खासतौर पर आयुर्वेद के क्षेत्र में अग्रणीय रूप से काम कर रहे उत्तराखंड में अंतर्राष्ट्रीय आयुर्वेद सम्मेलन इस क्षेत्र को और भी अधिक बढ़ावा देगा. फिलहाल तैयारी को आयुष विभाग के स्तर पर किया जा रहा है और जल्द ही मुख्य सचिव राधा रतूड़ी भी इस संदर्भ में तैयारी का जायजा लेने जा रही है.
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