कोरिया: जिले के पटना क्षेत्र के डुमरिया गांव के जामपारा मोहल्ले के लोगों ने बताया कि तीन दिन पहले स्वास्थ्य विभाग की टीम सर्वे करनी पहुंची. जिसके बाद टीम ने लोगों को नल के पानी का इस्तेमाल नहीं करने को कहा. सर्वे में पता चला कि गांव के बच्चों, युवाओं, और बुजुर्गों में फ्लोरोसिस बीमारी के लक्षण देखने को मिल रहे हैं. छोटे बच्चों के दांत पीले हो रहे हैं. महिलाओं, बुजुर्गों में हड्डियां कमजोर और दर्द की शिकायत हो रही है.
जामपारा मोहल्ले में फ्लोरोसिस बीमारी के लक्षण: जामपारा इलाके में लगभग 45 घर है. जहां 247 लोग बसते हैं. गांव के लोग पहले पीने के लिए कुएं के पानी का उपयोग करते थे लेकिन पिछले 10 साल से गांव में लगे नल के पानी पर निर्भर है. इसी पानी का यूज लोग खाने पीने और दूसरे कामों के लिए करते हैं. लेकिन इस पानी के इस्तेमाल से अब यहां के लोगों में फ्लोरोसिस बीमारी के लक्षण देखने को मिल रहे हैं.
पूरे जामपारा के लोग इसी नल का पानी पीते हैं. स्वास्थ्य विभाग की टीम आई थी उन्होंने बताया कि पानी में फ्लोराइड की मात्रा बढ़ गई है. जिससे छोटे बच्चे के दांत और हड्डियां कमजोर हो रही है. बुजुर्गों को भी परेशानी हो रही है. हमें अभी पता चला कि पानी पीने लायक नहीं है. -नरेंद्र राजवाड़े, ग्रामीण
एक नल है. पूरे मोहल्ले के लोग इसी का पानी पीते हैं. इसका पानी पीने से मना किया है. इस हैंडपंप को बंद कर देंगे तो पानी कहां से पीएंगे. पानी मिलेगा तभी तो पानी पीएंगे. -फूल साय राजवाड़े, ग्रामीण
जांच में बताया कि नलजल का पानी खराब है. इसी से हड्डी और दांत की समस्या बढ़ रही है. बोले कि कुएं का पानी उबालकर पीने को बोले हैं. -धनेश्वर प्रसाद राजवाड़े, ग्रामीण
पानी का सैंपल ले गए हैं. जांच कर बताएंगे. नलजल का पानी पीने से मना किए हैं. पहले सभी कुएं का पानी पीते थे. -रमेश यादव, ग्रामीण
हाथ पैर में दर्द होता है. कमजोरी लगती है. पानी पीने से ठीक ही लगता है. अब बता रहे हैं कि पानी ठीक नहीं है. -रागमानी, ग्रामीण महिला
स्वास्थ्य विभाग ने पानी का इस्तेमाल करने से किया मना: स्वास्थ्य विभाग की सर्वे टीम जब जामपारा पहुंची, तो उन्होंने पाया कि गांव के बच्चों, युवाओं, और बुजुर्गों में फ्लोरोसिस के लक्षण उभर चुके हैं. 32 बच्चे इस बीमारी से गंभीर रूप से प्रभावित पाए गए. जांच के बाद, पानी का सैंपल लेकर लोक स्वास्थ्य यांत्रिक विभाग को भेजा गया है. ग्रामीणों को उस पानी का सेवन करने से मना कर दिया गया है.
डुमरिया गांव में पानी में फ्लोराइड मिलने पर सीएमएचओ का बयान: सीएमएचओ ने बताया कि "पानी में फ्लोराइड की मात्रा ज्यादा होने से दांतों को सबसे ज्यादा नुकसान होता है. पानी का सैंपल जांच के लिए भेजा गया है, और अगर रिपोर्ट में फ्लोराइड की मात्रा ज्यादा मिलती है तो पानी के स्रोत को बंद कर दिया जाएगा." गांव में लोगों को हड्डी में परेशानी बढ़ने के सवाल पर सीएमएचओ ने कहा- "इसकी जानकारी टीम से नहीं मिली है इसकी जांच करवाई जाएगी. "