शिवहरः बिहार के शिवहर में बाढ़ का कहर देखने को मिला. रविवार की रात जिले के तरियानी छपरा में बागमती नदी पर बना तटबंध टूट गया है. एसडीएम अविनाश कुणाल ने बताया कि तरियानी छपरा में करीब 20 फीट तटबंध टूटा है. पानी का बहाव तेज होने से सैकड़ों घरों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. अचानक कई इलाके में पानी घुस जाने से अफरा-तफरी का माहौल बना हुआ है.
"तरियानी छपरा में करीब 20 फीट तटबंध टूटा है. जिला प्रशासन की टीम रेस्क्यू कर लोगों को सुरक्षित स्थल पहुंचा रही है. पानी का तेज बहाव के कारण गांव में पानी घुस रहा है." -अविनाश कुणाल, एसडीएम
चूहा के कारण टूट बांधः बता दें कि बांध टूटने के बाद भी बागमती नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 195 सेंटीमीटर ऊपर है. बांध टूटने की खबर मिलते ही जिला प्रशासन की टीम तरियानी छपरा गांव में पहुंचकर रेस्क्यू ऑपरेशन चलायी. ग्रामीणों ने बताया कि सुबह से ही तटबंध में रिसाव हो रहा था. जिसकी सूचना बागमती डिवीजन के अधिकारियों को दी गई थी लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. जिसके कारण शाम में तटबंध टूट गया है.
"प्रशासन की लापरवाही से तटबंध टूट गया. सुबह 7:30 बजे धीरे-धीरे बांध टूटने लगा था. चूहा पहले से बिल कर रखा था. संध्या 7:30 बजे बांध पूरी तरह टूट गया. प्रशासन ने कोई व्यवस्था नहीं की. बहुत बड़ी लापरवाही हुई है. पूरा -पूरा गांव प्रभावित है. सभी लोग घर से बाहर निकलकर रोड पर आ गए हैं." -अमरेंद्र कुमार सिंह, ग्रामीण
प्रशासन की लापरवाहीः ग्रामीण चंदन सिंह ने बताया की महिलाएं बच्चे सभी मजबूर हो गए हैं. सभी लोग रोड पर आ गए हैं. उन्होंने बताया कि हम लोग सुबह से देख रहे हैं कि प्रशासन की लापरवाही हुई है? इस वजह से खामयाजा लोगों को भोगना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि बांध नहीं टूटे इसकी व्यवस्था सुबह से ही करना चाहिए था. टूटने के बाद कोई व्यवस्था होती है क्या?
3 हजार से अधिक घर डूबेः ग्रामीणों के मुताबिक 3000 से अधिक घर पर तरियानी छपरा गांव में है. इस गांव में 16 वार्ड है. बाढ़ के बाद हालत यह हो चुकी है कि लोग अब अपने घरों से बाहर निकालने के बाद पिकअप और गाड़ियों में बैठकर दूसरे गांव में जा रहे हैं. सगे संबंधियों के यहां लोग शिफ्ट कर रहे हैं. महिलाएं, बच्चे, बूढ़े और मवेशियों को बाहर निकाला जा रहा है.
डीएम-एसपी कर रहे कैंपः डीएम विवेक रंजन मैत्रेय, एसपी शैलेश कुमार सिन्हा, एसडीएम अविनाश कुणाल व एसडीपीओ अनिल कुमार लगातार कैंप कर रहे हैं. राहत बचाव कार्य किया जा रहा है. बाढ़ का बिकराल रूप को देख लोगों ऊंचे स्थान पर भेजने का काम युद्धस्तर पर चल रहा है.
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