लखनऊ : वाहन मालिकों को पेट्रोल, डीजल और सीएनजी की बढ़ी कीमतों से पहले से ही वाहन चलाना मुश्किल हो रहा है. अब नए साल के पहले दिन ही वाहन मालिकों के जेब पर असर पड़ेगा. एक जनवरी से वाहनों के प्रदूषण की फीस में बढ़ोतरी हो जाएगी. दोपहिया, तिपहिया और चार पहिया वाहनों के साथ ही अन्य वाहनों के लिए वाहन मालिकों को वर्तमान शुल्क से पांच प्रतिशत ज्यादा शुल्क चुकाना होगा. ऐसे में महंगाई के दौर में वाहन मालिकों को वाहन चलाने के लिए अपनी जेब और भी ज्यादा ढीली करनी पड़ेगी.
अपर परिवहन आयुक्त राजस्व पुष्पसेन सत्यार्थी ने बताया कि उत्तर प्रदेश ऑनलाइन मोटरयान प्रदूषण जांच केंद्र योजना 2020 के नियम 6 के उप नियम (दो) में प्रावधान है कि ऑनलाइन प्रदूषण प्रमाण पत्र निर्गत किए जाने के लिए हर साल जनवरी माह में पांच प्रतिशत वृद्धि की जा सकती है. यह बढ़ोतरी न्यूनतम पांच रुपए होगी. परिवहन आयुक्त की तरफ से इस पर मुहर लगा दी गई है, जिसके बाद इससे संबंधित आदेश जारी कर दिया गया. उन्होंने बताया कि प्रदूषण जांच के लिए बढ़ा हुआ शुल्क एक जनवरी 2025 से लागू हो जाएगा. नई दरें लागू होने के बाद वाहन मालिकों को उसी दर पर प्रदूषण प्रमाण पत्र निर्गत किया जाएगा.
अपर परिवहन आयुक्त राजस्व ने बताया कि पेट्रोल चलित दोपहिया वाहन के लिए वर्तमान शुल्क ₹60 है, लेकिन एक जनवरी से वाहन मालिकों को ₹65 चुकाने होंगे. तिपहिया वाहन (पेट्रोल, एलपीजी और सीएनजी) के लिए अभी तक शुल्क ₹80 है जो अब ₹85 हो जाएगा. चार पहिया वाहन (पेट्रोल, एलपीजी और सीएनजी) के लिए वर्तमान में जो फीस ₹80 है, अब वह ₹85 हो जाएगी. डीजल वाहन की जो प्रदूषण फीस वर्तमान में 110 रुपए है अब एक जनवरी 2025 से 115 रुपए हो जाएगी.