बांका: बिहार मत्स्य पालन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो चुका है. 2005 में 2.88 लाख मीट्रिक टन मछली का उत्पादन होता था, आज बढ़कर 8.73 लाख हो गया है. अब मछली के लिए बिहार को दूसरे राज्यों पर निर्भर नहीं रहना पड़ता है. मछली पालन को और हाईटेक करने की तैयारी चल रही है. सरकार मत्स्य पलकों को अब ड्रोन तकनीक के जरिए मत्स्य पालन करने की सुविधा मुहैया कराएगी. लेकिन, कुछ असामाजिक तत्व पोखर में जहर डालकर मत्स्य पालन को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करते हैं.
क्या है मामलाः बांका के अमरपुर प्रखंड के भिखनपुर गांव में ऐसा ही एक मामला सामने आया है. यहां के नीलमाहा कोठी पोखर में असमाजिक तत्वों के द्वारा जहर डाल देने का मामला सामने आया है. जहर डालने की वजह से करीब एक क्विंटल मछली की मौत हो गई. इन मछलियों का बाजार मूल्य करीब दो लाख रुपये आंका जा रहा है. आशंका जतायी जा रही है कि रविवार की देर रात पोखर में जहर डाला गया होगा.
पहले भी पोखर में डाला था जहर: इस मामले को लेकर प्रगतिशील किसान मंच के मत्स्य पालक प्रियवर्त शर्मा ने बताया कि पुश्तैनी पोखर में मछली पालन किया था. जिसमें हजारों रुपये की मछली का बीज डाला था. देर रात्रि कुछ ग्रामीणों ने सूचना दी कि पोखर के किनारे सैकड़ों मछलियां मृत पड़ी हुई है. सूचना मिलने पर जब वह पोखर के किनारे पहुंचा तो देखा कि काफी संख्या में पोखर के किनारे मछलियां मृत पड़ी हुई थी. पीड़ित मछली पालक ने बताया कि पूर्व में भी असमाजित तत्वों ने पोखर में जहर डाल दिया था.
"देर रात्रि असमाजिक तत्वों द्वारा पोखर में जहर डालने से मछली की मौत होने की सूचना है. पीड़ित मछली पालक ने थाने में आवेदन दिया है. मामले की जांच की जा रही है."- पंकज कुमार झा, अमरपुर थाना अध्यक्ष
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