छपरा: बिहार के छपरा में देर रात छोटी लाइन के पुराने बंद पड़े लोको शेड में आग लग गई. इस आग ने धीरे-धीरे पुराने लोको शेड को अपने कब्जे ले लिया और वो फैलती चली गई. इसकी सूचना स्थानीय लोगों के द्वारा फायर ब्रिगेड स्टेशन को दी गई. घटना की जानकारी मिलने पर छपरा फायर स्टेशन की तीन गाड़ियां घटना स्थल पर पहुंची लेकिन फायर ब्रिगेड के कर्मी वहां पहुंच कर स्थिति को देखते रहे. ऐसा इसलिए क्योंकि जहां आग लगी थी वहां तक जाने का कोई साधन नहीं था. वे लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए थे.
तीन दमकल की गाड़िया तैनात: आग को देखते हुए तीम दमकल की गाड़ियों को मौके पर बुलाया गया लेकिन चारों तरफ बाउंड्री होने की वजह से दमकल की गाड़ियां अंदर नहीं लेने जाना मुश्किल था. वहीं बाउंड्री के अंदर तालाब जैसा बना था पानी होने की वजह से भी दमकल कर्मियों को अंदर जाने में परेशानी हो रही थी. आगे जंगली घास होने की वजह से आग तेजी से फैलती जा रही थी. वहीं स्थानीय लोगों में इस बात को लेकर चिंता थी कि अगर हवा से आग रिहायशी इलाकों में फैल गई तो बड़ा अग्निकांड हो सकता था.
1980 से बंद है लोको शेड: बता दें कि पुराने लोको शेड में गर्मी के दिनों में अक्सर आग लग जाती है. इसके पीछे की वजह है कि सभी सरकंडे काफी सूख जाते हैं और जरा सी भी चिंगारी से आग लग जाती है. गौरतलब हो कि पूर्वोत्तर रेलवे वाराणसी मंडल में यह लोको शेड 1980 से बंद पड़ा है. इसमें ज्यादातर जंगल उग आए हैं. घटना की सूचना पाकर छपरा कचहरी आरपीएफ प्रभारी सरोज कुमार भी घटनास्थल पर पहुंचे और उन्होंने भी काफी देर तक स्थिति का जायजा लिया, वहीं जान माल का कोई नुकसान नहीं हुआ है.
"बंद पड़े मीटर गेज लोको शेड में आग लग गई है. छपरा फायर स्टेशन की तीन गाड़ियां घटनास्थल पर तैनात की गई ताकि आग आगे न फैल सके." -सुनील कुमार, फायर ऑफिसर, छपरा
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