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सासाराम में नाबालिग टोटो चालक पर 25 हजार जुर्माना, सोशल मीडिया पर परिवहन विभाग की 'ऐसी की तैसी'

सासाराम में परिवहन विभाग ने टोटो चला रहे नाबालिग चालक पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया, तो सोशल मीडिया पर भड़क उठे लोग.

Sasaram
सोशल मीडिया. (सांकेतिक तस्वीर) (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Oct 25, 2024, 8:31 PM IST

Updated : Oct 25, 2024, 9:23 PM IST

सासारामः बिहार के सासाराम के करगहर मोड़ पर एक नाबालिग द्वारा टोटो चलाने पर परिवहन विभाग ने 25 हजार रुपये का जुर्माना ठोक दिया. जिसके बाद सोशल मीडिया पर लोग भड़क उठे हैं. महज कुछ पैसे कमाने की कोशिश में जुटे इस नाबालिग पर इतनी बड़ी सजा को लेकर लोग सवाल उठा रहे हैं. कुछ लोग परिवहन विभाग को ट्रोल करते हुए इसे 'सरकारी खजाना भरने का नया तरीका' बता रहे हैं तो कुछ कह रहे हैं कि 'जैसे कोई आतंकवादी पकड़ लिये हो'.

खजाना भरने के आरोपः सोशल मीडिया पर सुमन कुमार नामक यूजर लिखते हैं कि 'दीपावली-छठ के पहले वेतन जो लेना है, हर्जाना वसूल कर खजाना तो भरना पड़ेगा ना'. वहीं सासाराम के राजेश गुप्ता लिखते हैं की 'गजबे है जिला रोहतास'. प्रकाश मौर्य लिखते हैं कि 'सारे पुलिसकर्मी फोटो तो ऐसे खिंचवा रहे हैं, जैसे एक आतंकवादी को पकड़ लिया हो. जिसको पकड़ना है उसे पकड़ नहीं रहे हैं. नियम बनाए रखना जरूरी है लेकिन नियम के आड़ में लूट खसोट नहीं होना चाहिए.'

परिवहन विभाग को किया सपोर्टः पंकज प्रताप मौर्य नामक यूजर परिवहन विभाग को डिफेंड करते हुए लिखते हैं कि 'अगर इसी नाबालिग की वजह से किसी की जान चली जाए तो टोटो नहीं मौत गाड़ी लेकर घूम जा रहा है सब...कभी इनके म्यूजिक सिस्टम पर रुख करिए चलता फिरता ऑर्केस्ट्रा लेकर घूमता है.' अजय सिंह लिखते हैं कि 'यह लोग पके कद्दू में तीर मार के वीर बना रहे हैं.' दिवाकर कुमार लिखते हैं कि 'सासाराम में 70% नाबालिग ड्राइविंग और बिना लाइसेंस के चल रहे हैं.'

कुछ तो मजबूरी रही होगीः सिद्धांत पांडे लिखते हैं कि 'बच्चा समझ कर पहली बार माफ करना चाहिए, मजबूरी होगी उसकी कि वह ऐसा कार्य कर रहा है.' विश्वनाथ सिंह लिखते हैं कि 'पुलिस वालों और सरकार में रहने वालों के लिए कोई भी कानून पुलिस की नजर में नहीं है. सरकार की बहुत सारी गाड़ियां जिसमें कैदी वाहन भी है बिना नंबर प्लेट के या कहीं बिना रजिस्ट्रेशन के ही सड़क पर दौड़ रही हैं. इनको बोलने और जुर्माना ठोकने वाला कोई भी नहीं है.'

ऑनलाइन फाइन को बताया लूटः अमित सिंह नामक यूजर लिखते हैं कि 'ऑनलाइन फाइन बहुत बड़ा टेंशन है, फ्री में सरकार लूट मचा दिया है.' इस पूरे मामले को लेकर ईटीवी भारत के संवाददाता ने डीटीओ रामबाबू से उनका पक्ष जानने के लिए फोन किया तो उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया. पर कुछ देर बाद ही एक दूसरे नंबर से कॉल कर कर बताया गया कि 'साहब अभी मीटिंग में व्यस्त हैं.' बहरहाल इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर धमाल मचा है.

इसे भी पढ़ेंः बाइक चलाने वाले हो जाएं सावधान, बिहार में हेलमेट जांच का अभियान होगा तेज - Helmet checking campaign In Bihar

सासारामः बिहार के सासाराम के करगहर मोड़ पर एक नाबालिग द्वारा टोटो चलाने पर परिवहन विभाग ने 25 हजार रुपये का जुर्माना ठोक दिया. जिसके बाद सोशल मीडिया पर लोग भड़क उठे हैं. महज कुछ पैसे कमाने की कोशिश में जुटे इस नाबालिग पर इतनी बड़ी सजा को लेकर लोग सवाल उठा रहे हैं. कुछ लोग परिवहन विभाग को ट्रोल करते हुए इसे 'सरकारी खजाना भरने का नया तरीका' बता रहे हैं तो कुछ कह रहे हैं कि 'जैसे कोई आतंकवादी पकड़ लिये हो'.

खजाना भरने के आरोपः सोशल मीडिया पर सुमन कुमार नामक यूजर लिखते हैं कि 'दीपावली-छठ के पहले वेतन जो लेना है, हर्जाना वसूल कर खजाना तो भरना पड़ेगा ना'. वहीं सासाराम के राजेश गुप्ता लिखते हैं की 'गजबे है जिला रोहतास'. प्रकाश मौर्य लिखते हैं कि 'सारे पुलिसकर्मी फोटो तो ऐसे खिंचवा रहे हैं, जैसे एक आतंकवादी को पकड़ लिया हो. जिसको पकड़ना है उसे पकड़ नहीं रहे हैं. नियम बनाए रखना जरूरी है लेकिन नियम के आड़ में लूट खसोट नहीं होना चाहिए.'

परिवहन विभाग को किया सपोर्टः पंकज प्रताप मौर्य नामक यूजर परिवहन विभाग को डिफेंड करते हुए लिखते हैं कि 'अगर इसी नाबालिग की वजह से किसी की जान चली जाए तो टोटो नहीं मौत गाड़ी लेकर घूम जा रहा है सब...कभी इनके म्यूजिक सिस्टम पर रुख करिए चलता फिरता ऑर्केस्ट्रा लेकर घूमता है.' अजय सिंह लिखते हैं कि 'यह लोग पके कद्दू में तीर मार के वीर बना रहे हैं.' दिवाकर कुमार लिखते हैं कि 'सासाराम में 70% नाबालिग ड्राइविंग और बिना लाइसेंस के चल रहे हैं.'

कुछ तो मजबूरी रही होगीः सिद्धांत पांडे लिखते हैं कि 'बच्चा समझ कर पहली बार माफ करना चाहिए, मजबूरी होगी उसकी कि वह ऐसा कार्य कर रहा है.' विश्वनाथ सिंह लिखते हैं कि 'पुलिस वालों और सरकार में रहने वालों के लिए कोई भी कानून पुलिस की नजर में नहीं है. सरकार की बहुत सारी गाड़ियां जिसमें कैदी वाहन भी है बिना नंबर प्लेट के या कहीं बिना रजिस्ट्रेशन के ही सड़क पर दौड़ रही हैं. इनको बोलने और जुर्माना ठोकने वाला कोई भी नहीं है.'

ऑनलाइन फाइन को बताया लूटः अमित सिंह नामक यूजर लिखते हैं कि 'ऑनलाइन फाइन बहुत बड़ा टेंशन है, फ्री में सरकार लूट मचा दिया है.' इस पूरे मामले को लेकर ईटीवी भारत के संवाददाता ने डीटीओ रामबाबू से उनका पक्ष जानने के लिए फोन किया तो उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया. पर कुछ देर बाद ही एक दूसरे नंबर से कॉल कर कर बताया गया कि 'साहब अभी मीटिंग में व्यस्त हैं.' बहरहाल इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर धमाल मचा है.

इसे भी पढ़ेंः बाइक चलाने वाले हो जाएं सावधान, बिहार में हेलमेट जांच का अभियान होगा तेज - Helmet checking campaign In Bihar

Last Updated : Oct 25, 2024, 9:23 PM IST
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