धनबाद: जिले के गौशाला ओपी अंतर्गत सेल की महत्वाकांक्षी टासरा परियोजना में एमडीओ कल्याणश्वरी टासरा माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड द्वारा कोयला डिस्पैच शुरू होते ही विवाद खड़ा हो गया. विवाद इस कदर बढ़ा कि यहां दो मजदूर संगठनों और ग्रामीणों के बीच हिंसक झड़प की घटना हो गई. दोनों तरफ से जमकर लाठियां चलीं. मारपीट की इस घटना में कई लोग घायल हो गये. देखते ही देखते यह इलाका पूरी तरह रणक्षेत्र में तब्दील हो गया.
बाद में सूचना पाकर गौशाला ओपी पुलिस दल बल के साथ मौके पर पहुंची. पुलिस को स्थिति पर नियंत्रण पाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी. फिलहाल इलाके में तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है. मौके पर पुलिस के जवान तैनात कर दिए गए हैं. ये पूरी घटना बुधवार की है. गुरुवार को भी स्थिति तनावपूर्ण बनी रही.
वॉल्वो रोकने के बाद बढ़ा विवाद
प्राप्त जानकारी के अनुसार सेल टासरा परियोजना के लिए एमडीओ की अधिकृत कंपनी कल्याणकारी टासरा माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड द्वारा कोयले का प्रेषण शुरू किया गया था. कंपनी टासरा परियोजना से कोयला लोड कर दो वॉल्वो जा रही थी. इस दौरान दोनों वॉल्वो को बीच रास्ते में ही रोक दिया गया. इसके बाद विवाद बढ़ गया.
बताया जा रहा है कि डिस्पैच शुरू होने के बाद जनता मजदूर संघ के टासरा शाखा अध्यक्ष बिरजू सिंह ने अपने समर्थक ग्रामीणों के साथ झरिया-सिंदरी मुख्य मार्ग पर गौशाला के पास कोयला लदे वॉल्वो को रोक दिया. जनता मजदूर संघ की इस कार्रवाई से नाराज ग्रामीण विरोध में उतर आये और वॉल्वो को छुड़ाने लगे. इसके बाद मारपीट शुरू हो गई.
मारपीट में मासस नेता जीतू सिंह, झामुमो नेता गोवर्धन मंडल समेत कई ग्रामीण शामिल थे. पुलिस की मौजूदगी में दोनों पक्षों में जमकर लाठी-डंडे और झंडे चले. इसमें कई लोग घायल हो गये. घायलों में रैयत ग्रामीण विनोद सिंह, कालीपदो मंडल राजू सिंह उर्फ काली, रिकी कुमार, राहुल सिंह का नाम शामिल है.
7 से 8 घंटे तक स्थिति बनी रही विस्फोटक
बताया जा रहा है कि जनता मजदूर संघ के शाखा अध्यक्ष बिरजू सिंह, उपाध्यक्ष दीपक सिंह, अरुणा देवी, रोहित सिंह और सिंह समेत कई लोग भी घायल हुए हैं. करीब 7 से 8 घंटे तक स्थिति विस्फोटक बनी रही. बाद में गौशाला ओपी के हस्तक्षेप के बाद स्थिति नियंत्रित हुई.
जनता मजदूर संघ टासरा शाखा के बिरजू सिंह का कहना है कि उनकी 13 सूत्री मांगों को लेकर कंपनी की ओर से कोई पहल नहीं की गयी है. जिसके कारण कोयला डिस्पैच रोका गया. वहीं मासस नेता जीतू सिंह का कहना है कि प्रोजेक्ट को चलने देना चाहिए. इस बीच, कल्याणकारी टासरा माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक टी रमेशन ने कहा कि डिस्पैच शुरू होने के पहले ही दिन अनावश्यक विवाद पैदा हो गया.
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