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पीला गमछा गले में डाल थाने में रौब जमाने पहुंचा ओपी राजभर का कार्यकर्ता, पुलिस ने गमछा-मोबाइल छीन निकाली हेकड़ी - Omprakash Rajbhar Yellow Gamchha

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के मुखिया ओम प्रकाश राजभर का पीला गमछा से माध्यम से जोश भरना कार्यकर्ताओं को भारी पड़ रहा है. फर्रुखाबाद जिले में एक कार्यकर्ता को पुलिस पर रौब जमाना उल्टा पड़ गया. आरोप है कि पुलिस ने कार्यकर्ता का पीला गमछा उतरवा लिया और फोन जमा करके कई घंटों तक थाने पर बैठाए रखा. Omprakash Rajbhar Yellow Gamchha

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Mar 13, 2024, 7:59 AM IST

Updated : Mar 13, 2024, 9:21 AM IST

पुलिस के रवैए पर भड़की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी.

फर्रुखाबाद : यूपी के फर्रुखाबाद जिले में ओपी राजभर की पार्टी के कार्यकर्ता के साथ कथित तौर पर पुलिसकर्मियों ने अभद्र व्यवहार किया. सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) नेताओं का आरोप है कि दारोगा ने उनके कार्यकर्ता का गमछा छीन लिया और मोबाइल फोन रखवा लिया. इसको लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं ने नवाबगंज थाने पर विरोध प्रदर्शन किया. इसका घटना का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो गया है. हालाकि ईटीवी भारत इस वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता है. लोगों में चर्चा है कि बुधवार को मुख्यमंत्री का दौरा लगा हुआ है. इसी को लेकर किसी ने यह मनगढ़ंत योजना के तहत यह भ्रमित खबर फैलाई है.



योगी कैबिनेट में शामिल होने के बाद सुभासपा चीफ ओमप्रकाश राजभर ने कार्यकर्ताओं से कहा था कि जब भी थाने में जाओ तो सफेद नहीं पीला गमछा डालकर जाना. इससे दारोगा को तुम्हारी शक्ल में ओमप्रकाश राजभर दिखेगा. इसी जोश में नवाबगंज पुलिस थाने में पीला गमछा डालकर पहुंचे राजभर की पार्टी के एक कार्यकर्ता की दारोगा ने हेकड़ी निकाल दी और गमछा-मोबाइल फोन रखवा लिया. इस घटना से नाराज सुभासपा कार्यकर्ताओं ने पुलिस थाने के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. इस कृत्य का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है.

वायरल वीडियो में सुभासपा कार्यकर्ताओं ने नवाबगंज पुलिस थाना पहुंचकर पुलिसकर्मियों की कार्यशैली पर नाराजगी जताई. कार्यकर्ताओं ने कहा कि अगर थाना प्रभारी और पुलिसकर्मियों की कार्य शैली में सुधार नहीं हुआ तो हम लोग उच्च अधिकारियों से बातचीत करेंगे और उनके खिलाफ कार्रवाई कराई जाएगी. थाना प्रभारी आमोद ने बताया कि 10 मार्च को एक प्रार्थना पत्र की जांच के प्रकरण में एक व्यक्ति संतराम पुत्र राधेश्याम को थाने पर बुलाया गया था. इसी कारण एक राजनीतिक दल के कुछ तथाकथित पदाधिकारियों द्वारा समूह बनाकर थाने पर आकर दबाव बनाने का प्रयास किया गया था. राजनीतिक दल के तथाकथित पदाधिकारी को कानून के शासन के बारे में शिष्ट शब्द में समझा कर वापस कर दिया गया. किसी प्रकार के दुर्व्यवहार की बात असत्य है.

यह भी पढ़ें : ओम प्रकाश राजभर का विवादित बयान: बोले- दारू, मुर्गा और पैसे देकर नेता लेते हैं वोट

यह भी पढ़ें : ओपी राजभर बोले- आजमगढ़ से चुनाव लड़ें अखिलेश यादव, औकात मालूम पड़ जाएगी

पुलिस के रवैए पर भड़की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी.

फर्रुखाबाद : यूपी के फर्रुखाबाद जिले में ओपी राजभर की पार्टी के कार्यकर्ता के साथ कथित तौर पर पुलिसकर्मियों ने अभद्र व्यवहार किया. सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) नेताओं का आरोप है कि दारोगा ने उनके कार्यकर्ता का गमछा छीन लिया और मोबाइल फोन रखवा लिया. इसको लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं ने नवाबगंज थाने पर विरोध प्रदर्शन किया. इसका घटना का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो गया है. हालाकि ईटीवी भारत इस वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता है. लोगों में चर्चा है कि बुधवार को मुख्यमंत्री का दौरा लगा हुआ है. इसी को लेकर किसी ने यह मनगढ़ंत योजना के तहत यह भ्रमित खबर फैलाई है.



योगी कैबिनेट में शामिल होने के बाद सुभासपा चीफ ओमप्रकाश राजभर ने कार्यकर्ताओं से कहा था कि जब भी थाने में जाओ तो सफेद नहीं पीला गमछा डालकर जाना. इससे दारोगा को तुम्हारी शक्ल में ओमप्रकाश राजभर दिखेगा. इसी जोश में नवाबगंज पुलिस थाने में पीला गमछा डालकर पहुंचे राजभर की पार्टी के एक कार्यकर्ता की दारोगा ने हेकड़ी निकाल दी और गमछा-मोबाइल फोन रखवा लिया. इस घटना से नाराज सुभासपा कार्यकर्ताओं ने पुलिस थाने के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. इस कृत्य का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है.

वायरल वीडियो में सुभासपा कार्यकर्ताओं ने नवाबगंज पुलिस थाना पहुंचकर पुलिसकर्मियों की कार्यशैली पर नाराजगी जताई. कार्यकर्ताओं ने कहा कि अगर थाना प्रभारी और पुलिसकर्मियों की कार्य शैली में सुधार नहीं हुआ तो हम लोग उच्च अधिकारियों से बातचीत करेंगे और उनके खिलाफ कार्रवाई कराई जाएगी. थाना प्रभारी आमोद ने बताया कि 10 मार्च को एक प्रार्थना पत्र की जांच के प्रकरण में एक व्यक्ति संतराम पुत्र राधेश्याम को थाने पर बुलाया गया था. इसी कारण एक राजनीतिक दल के कुछ तथाकथित पदाधिकारियों द्वारा समूह बनाकर थाने पर आकर दबाव बनाने का प्रयास किया गया था. राजनीतिक दल के तथाकथित पदाधिकारी को कानून के शासन के बारे में शिष्ट शब्द में समझा कर वापस कर दिया गया. किसी प्रकार के दुर्व्यवहार की बात असत्य है.

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Last Updated : Mar 13, 2024, 9:21 AM IST
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