ETV Bharat / state

गुलाब की खेती से महका चमोली का द्वींगतपोण गांव, काश्तकार लिख रहे तरक्की की नई इबारत - Rose cultivation in Chamoli - ROSE CULTIVATION IN CHAMOLI

Chamoli Damask Rose Cultivation चमोली जिले में काश्तकार डेमस्क गुलाब की खेती कर तरक्की की नई इबारत लिख रहे हैं. गुलाब की खेती से काश्तकारों की आर्थिकी मजबूत हो रही है. वहीं गुलाब की खेती को जंगली जानवर भी नुकसान नहीं पहुंचाते हैं.

farmers are cultivating roses
द्वींगतपोण गांव में काश्तकार गुलाब की खेती कर रहे (फोटो- ईटीवी भारत)
author img

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : May 25, 2024, 4:52 PM IST

चमोली: कहते हैं इंसान में जज्बा और जुनून हो तो मिट्टी भी सोना उगल सकती है. चमोली के काश्तकार बंजर जमीन पर पसीना बहाकर इस कहावत को चरितार्थ कर रहे हैं. जिले में काश्तकार परंपरागत खेती से साथ फूलों की खेती भी कर रहे हैं. इन दिनों काश्तकारों के खेत-खलिहान फूलों से महक रहे हैं. जो उनकी आमदनी का स्रोत भी बन रहा है.

Damask Rose Cultivation in Chamoli
गुलाब के फूल से गुलाब जल तैयार करती महिला (फोटो- ईटीवी भारत)

गुलाब जल तैयार कर रहे काश्तकार: सीमांत जनपद चमोली में डेमस्क रोज की खेती काश्तकारों की आजीविका का अच्छा साधन बन रही है. डेमस्क रोज से तैयार गुलाब जल और तेल के विपणन से काश्तकारों को फायदा मिलने लगा है. मनरेगा के तहत जोशीमठ ब्लॉक के ग्राम पंचायत द्वींगतपोण में 35 परिवारों को डेमस्क रोज उत्पादन से जोड़ा गया था. इस सीजन में यहां काश्तकारों ने डेमस्क रोज से 400 लीटर से अधिक गुलाब जल और तेल तैयार कर अच्छी आय अर्जित की है.

Rose cultivation strengthens farmers economy
गुलाब की खेती से काश्तकारों की आर्थिकी हुई मजबूत (फोटो- ईटीवी भारत)

काश्तकारों की आर्थिकी हुई मजबूत: काश्तकारों द्वारा चारधाम यात्रा मार्ग सहित स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से गुलाब जल का विपणन किया जा रहा है. गुलाब जल हाथों हाथ बिक रहा है और इससे अच्छी आय मिलने से काश्तकार बेहद खुश हैं. काश्तकारों ने बताया कि परंपरागत खेती के साथ उन्होंने डेमस्क गुलाब की खेती को भी अपनाया है. गुलाब की खेती को जंगली जानवरों से भी कोई खतरा नहीं रहता है. इसके अलावा असिंचित बंजर भूमि पर भी आसानी से गुलाब की खेती करने से उनको काफी फायदा मिल रहा है. जिला विकास अधिकारी ने बताया कि जनपद में मनरेगा के तहत स्वयं सहायता समूहों को पुष्प वाटिका बनाने के लिए भी प्रेरित किया जा रहा है.

पढ़ें-रंग बिरंगे फूलों से सजा चौबटिया सेब बागान, खूबसूरती और महक से पर्यटक भी हो रहे आकर्षित

चमोली: कहते हैं इंसान में जज्बा और जुनून हो तो मिट्टी भी सोना उगल सकती है. चमोली के काश्तकार बंजर जमीन पर पसीना बहाकर इस कहावत को चरितार्थ कर रहे हैं. जिले में काश्तकार परंपरागत खेती से साथ फूलों की खेती भी कर रहे हैं. इन दिनों काश्तकारों के खेत-खलिहान फूलों से महक रहे हैं. जो उनकी आमदनी का स्रोत भी बन रहा है.

Damask Rose Cultivation in Chamoli
गुलाब के फूल से गुलाब जल तैयार करती महिला (फोटो- ईटीवी भारत)

गुलाब जल तैयार कर रहे काश्तकार: सीमांत जनपद चमोली में डेमस्क रोज की खेती काश्तकारों की आजीविका का अच्छा साधन बन रही है. डेमस्क रोज से तैयार गुलाब जल और तेल के विपणन से काश्तकारों को फायदा मिलने लगा है. मनरेगा के तहत जोशीमठ ब्लॉक के ग्राम पंचायत द्वींगतपोण में 35 परिवारों को डेमस्क रोज उत्पादन से जोड़ा गया था. इस सीजन में यहां काश्तकारों ने डेमस्क रोज से 400 लीटर से अधिक गुलाब जल और तेल तैयार कर अच्छी आय अर्जित की है.

Rose cultivation strengthens farmers economy
गुलाब की खेती से काश्तकारों की आर्थिकी हुई मजबूत (फोटो- ईटीवी भारत)

काश्तकारों की आर्थिकी हुई मजबूत: काश्तकारों द्वारा चारधाम यात्रा मार्ग सहित स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से गुलाब जल का विपणन किया जा रहा है. गुलाब जल हाथों हाथ बिक रहा है और इससे अच्छी आय मिलने से काश्तकार बेहद खुश हैं. काश्तकारों ने बताया कि परंपरागत खेती के साथ उन्होंने डेमस्क गुलाब की खेती को भी अपनाया है. गुलाब की खेती को जंगली जानवरों से भी कोई खतरा नहीं रहता है. इसके अलावा असिंचित बंजर भूमि पर भी आसानी से गुलाब की खेती करने से उनको काफी फायदा मिल रहा है. जिला विकास अधिकारी ने बताया कि जनपद में मनरेगा के तहत स्वयं सहायता समूहों को पुष्प वाटिका बनाने के लिए भी प्रेरित किया जा रहा है.

पढ़ें-रंग बिरंगे फूलों से सजा चौबटिया सेब बागान, खूबसूरती और महक से पर्यटक भी हो रहे आकर्षित

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.