देहरादून, किरनकांत शर्मा: दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन महाकुंभ का पौष पूर्णिमा के पहले स्नान के साथ आगाज हो गया है. यूपी के प्रयागराज में 144 साल बाद महाकुंभ का आयोजन हुआ है. आधिकारिक रूप से 13 जनवरी से शुरू हुए महाकुंभ में मकर संक्रांति पर्व पर करीब चार करोड़ लोगों ने अमृत स्नान किया. खास बात है कि दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन में यूपी सरकार और प्रशासन के क्राउड मैनेजमेंट की जमकर प्रशंसा की जा रही है. हालांकि, इसके अलावा कुंभ में पहुंचे खास दो लोगों की चर्चाएं भी खूब हो रही हैं. इसमें एक एप्पल के को-फाउंडर स्टीव जॉब्स की पत्नी पॉवेल और दूसरी हैं हर्षा.
महाकुंभ में स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन का कल्पवास: निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि के शिष्य एप्पल के को-फाउंडर स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल जॉब्स प्रयागराज महाकुंभ में कल्पवास के लिए भारत आई हैं. लगभग 10 दिनों तक वह अपने परिवार के साथ कुंभ नगरी में आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि के सानिध्य में रहकर स्नान, ध्यान और दान के साथ-साथ हिंदू संस्कृति को जानेंगी.
मीडिया और सोशल मीडिया में चर्चा: आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि ने लॉरेन पॉवेल को न केवल कमला नाम दिया है. बल्कि अपना गोत्र भी दिया है. हालांकि स्वामी कैलाशानंद गिरि ने स्पष्ट किया कि वह हिंदू धर्म नहीं अपना रही हैं. बल्कि हिंदू धर्म का अध्ययन और उसे जानने, महसूस करने आई हैं. उनकी आस्था गंगा, शिव और संतों में अत्यधिक है. दुनिया की अमीर महिलाओं में शुमार पॉवेल की कुंभ में पहुंचने के बाद से आज तक चर्चा हो रही है.
हर्षा हुईं वायरल: कैलाशानंद गिरि की शिष्या, जो सबसे अधिक कुंभ में चर्चा का विषय बनीं, वह हैं हर्षा रिछारिया. हर्षा वैसे भोपाल की रहने वाली हैं. लेकिन बीते कुछ दिनों से हरिद्वार और ऋषिकेश में उन्हें देखा गया है. पेशे से इन्फ्लुएंसर हर्षा कुछ महीने पहले ही स्वामी कैलाशानंद से मिली हैं. लेकिन प्रयागराज महाकुंभ में संतों के रथ पर सवार जब हर्षा पर मीडिया की नजर पड़ी, तो लोगों ने उन्हें संत ही समझा. इतना ही नहीं, शुरुआती दौर में उन्होंने खुद से भी कुछ ऐसा कहा जो इस बात की पुष्टि करता है. हालांकि, अब हर्षा कह रही हैं कि वह संत नहीं बल्कि स्वामी कैलाशानंद की शिष्या हैं. इतना ही नहीं, उनके बालों में लगी जटाएं आर्टिफिशियल हैं. जबकि संतों की जटा बनने में लगभग तीन से चार साल का समय लग जाता है.
एक दिन में बढ़ गए फॉलोअर्स: हर्षा जैसे ही महाकुंभ में वायरल हुई, वैसे ही उनके इंस्टाग्राम पर फॉलोअर्स की संख्या में इजाफा लाखों में हो गया. दरअसल, 14 जनवरी तक लगभग उनके फॉलोअर्स 9 लाख के करीब थे. लेकिन अब उनके फॉलोअर्स की संख्या बढ़कर 1.3 मिलियन हो गई है.
क्या कहते हैं अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष: अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी का कहना है कि शिष्य, संत या साध्वी में हमें अंतर समझना चाहिए. शिष्य कोई भी हो सकता है. जरूरी नहीं कि जिसने भगवा वस्त्र पहना है, वो संत ही हो. और ऐसा भी नहीं है की कोई गृहस्थी संत नहीं हो सकता है. प्रयागराज महाकुंभ में दुनिया से लोग आए हैं. इनमें कोई ना कोई किसी ना किसी के शिष्य हैं. रही बात संत बनने की तो कुंभ मेले में अब आगे-आगे कई नए संत भी बनेंगे.
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