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लखनऊ में गन्ना किसानों ने घेरा शुगर मिल का कार्यालय; 1033 करोड़ रुपये बकाए के भुगतान की मांग

किसान यूनियन ने शनिवार को बजाज हिंदुस्तान शुगर मिल के कार्यालय का किया घेराव.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 3 hours ago

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में गन्ना किसानों के भुगतान न होने से नाराज किसान यूनियन ने शनिवार को बजाज हिंदुस्तान शुगर मिल के कार्यालय को घेर लिया. भारी संख्या में पहुंचे किसानों ने जमकर हंगामा किया. किसानों का कहना है कि बजाज हिंदुस्तान शुगर मिल के उत्तर प्रदेश में 14 से अधिक शुगर मिल हैं. उन पर 4 लाख से अधिक किसानों का 4000 करोड़ से अधिक के बकाया है, जबकि पिछले साल का ही केवल 1033 करोड़ रुपए बकाया है.

लखनऊ में गन्ना किसानों ने घेरा शुगर मिल का कार्यालय (Video credit: ETV Bharat)


शनिवार को अपने बकाया भुगतान के लिए नाराज सैकड़ों किसानों ने लखनऊ में स्थित बजाज हिंदुस्तान शुगर लिमिटेड के कार्यालय का घेराव किया. किसानों का कहना है कि जब तक उनका पूरा भुगतान नहीं होगा वह कार्यालय को नहीं छोड़ेंगे. भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) के प्रदेश अध्यक्ष हरि नाम सिंह ने कहा कि प्रदेश में बजाज हिन्दुस्तान शुगर मिल की मुजफ्फरनगर, शामली, बिजनौर, लखीमपुर, पीलीभीत आदि का लगभग 1033 करोड़ रुपये गन्ना किसानों का बकाया है. जिसका भुगतान अब तक नहीं किया गया है. सभी शुगर मिल चल रही हैं और किसानों ने मिलों को गन्ना देना शुरू भी कर दिया है. शनिवार को उत्तर प्रदेश के लखनऊ मंडल के किसानों के नेतृत्व में किसान बजाज भवन गोमतीनगर पर अपना भुगतान लेने के लिए धरने पर बैठ गए.



किसान नेता हरनाम सिंह ने कहा कि बजाज ग्रुप की 14 शुगर मिलों का लगभग 1033 करोड़ बकाया है, जिसमें भैसाना-मुजफ्फरनगर, बिलाई, बिजनौर, सामली, इटईमैदा, बलरामपुर, किनौनी, मेरठ, रूदौली, बस्ती, गंगनौली, सहारनपुर, गोला गोकरननाथ, लखीमपुर खीरी, मकसूदापुर, शाहजहांपुर, बरखेड़ा, पीलीभीत लखीमपुर खीरी, प्रतापगढ़, देवरिया इन मिलों का बकाया भुगतान पीड़ित किसानों का नहीं मिला है, जबकि इस बजाज ग्रुप के द्वारा डिस्टलरी इथेनॉल का उत्पादन, सैकड़ों किलोवाट प्रतिदिन बिजली का उत्पादन किया जाता है, फिर भी किसानों का पैसा भुगतान नहीं किया गया है.

उन्होंने कहा कि हम कम शब्दों में यह कहने के लिए आप के पास आए हैं कि पैसा ना मिलने के कारण किसान अपना किसान क्रेडिट कार्ड, घरेलू बिजली बिल, बच्चों के ठंड के कपड़े नहीं ले पा रहे हैं. संक्रमित बीमारियों का इलाज नहीं करा पा रहे हैं. गेंहू बोआई के लिए खाद नहीं खरीद पा रहे हैं. डिजिटल इंडिया में गन्ना किसानों का पैसा वर्तमान पेराई सत्र में डिजिटल क्यों नहीं हो जा रहा है? उन्होंने कहा कि अगर आज शाम तक कंपनी ने किसानों का भुगतान नहीं किया तो यहां से तब तक नहीं हटेंगे, जब तक सरकार इन शूगर मिल मालिकों से उनका भुगतान नहीं कराती है. उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो प्रदेश के सभी किसान यूनियन को बुलाकर यहां पर पंचायत का भी आयोजन किया जाएगा.

यह भी पढ़ें : चीनी मिल के क्रय केंद्र पर घटतौली का खेल; गन्ना किसानों ने पकड़ी चोरी, जमकर किया हंगामा

यह भी पढ़ें : गन्ना किसानों का भुगतान न करने वाली चीनी मिलों के खिलाफ होगी कार्रवाई : सीएम

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में गन्ना किसानों के भुगतान न होने से नाराज किसान यूनियन ने शनिवार को बजाज हिंदुस्तान शुगर मिल के कार्यालय को घेर लिया. भारी संख्या में पहुंचे किसानों ने जमकर हंगामा किया. किसानों का कहना है कि बजाज हिंदुस्तान शुगर मिल के उत्तर प्रदेश में 14 से अधिक शुगर मिल हैं. उन पर 4 लाख से अधिक किसानों का 4000 करोड़ से अधिक के बकाया है, जबकि पिछले साल का ही केवल 1033 करोड़ रुपए बकाया है.

लखनऊ में गन्ना किसानों ने घेरा शुगर मिल का कार्यालय (Video credit: ETV Bharat)


शनिवार को अपने बकाया भुगतान के लिए नाराज सैकड़ों किसानों ने लखनऊ में स्थित बजाज हिंदुस्तान शुगर लिमिटेड के कार्यालय का घेराव किया. किसानों का कहना है कि जब तक उनका पूरा भुगतान नहीं होगा वह कार्यालय को नहीं छोड़ेंगे. भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) के प्रदेश अध्यक्ष हरि नाम सिंह ने कहा कि प्रदेश में बजाज हिन्दुस्तान शुगर मिल की मुजफ्फरनगर, शामली, बिजनौर, लखीमपुर, पीलीभीत आदि का लगभग 1033 करोड़ रुपये गन्ना किसानों का बकाया है. जिसका भुगतान अब तक नहीं किया गया है. सभी शुगर मिल चल रही हैं और किसानों ने मिलों को गन्ना देना शुरू भी कर दिया है. शनिवार को उत्तर प्रदेश के लखनऊ मंडल के किसानों के नेतृत्व में किसान बजाज भवन गोमतीनगर पर अपना भुगतान लेने के लिए धरने पर बैठ गए.



किसान नेता हरनाम सिंह ने कहा कि बजाज ग्रुप की 14 शुगर मिलों का लगभग 1033 करोड़ बकाया है, जिसमें भैसाना-मुजफ्फरनगर, बिलाई, बिजनौर, सामली, इटईमैदा, बलरामपुर, किनौनी, मेरठ, रूदौली, बस्ती, गंगनौली, सहारनपुर, गोला गोकरननाथ, लखीमपुर खीरी, मकसूदापुर, शाहजहांपुर, बरखेड़ा, पीलीभीत लखीमपुर खीरी, प्रतापगढ़, देवरिया इन मिलों का बकाया भुगतान पीड़ित किसानों का नहीं मिला है, जबकि इस बजाज ग्रुप के द्वारा डिस्टलरी इथेनॉल का उत्पादन, सैकड़ों किलोवाट प्रतिदिन बिजली का उत्पादन किया जाता है, फिर भी किसानों का पैसा भुगतान नहीं किया गया है.

उन्होंने कहा कि हम कम शब्दों में यह कहने के लिए आप के पास आए हैं कि पैसा ना मिलने के कारण किसान अपना किसान क्रेडिट कार्ड, घरेलू बिजली बिल, बच्चों के ठंड के कपड़े नहीं ले पा रहे हैं. संक्रमित बीमारियों का इलाज नहीं करा पा रहे हैं. गेंहू बोआई के लिए खाद नहीं खरीद पा रहे हैं. डिजिटल इंडिया में गन्ना किसानों का पैसा वर्तमान पेराई सत्र में डिजिटल क्यों नहीं हो जा रहा है? उन्होंने कहा कि अगर आज शाम तक कंपनी ने किसानों का भुगतान नहीं किया तो यहां से तब तक नहीं हटेंगे, जब तक सरकार इन शूगर मिल मालिकों से उनका भुगतान नहीं कराती है. उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो प्रदेश के सभी किसान यूनियन को बुलाकर यहां पर पंचायत का भी आयोजन किया जाएगा.

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