अलवर. जिले के गोविन्दगढ़ थाना क्षेत्र के मुंडपुरी खुर्द गांव में एक किसान नरेन्द्र कुमार बेहोशी की हालत में खेत में पड़ा मिला. इसके बाद मौके पर पहुंचे परिजन उसे आनन-फानन में CHC गोविन्दगढ़ लेकर पहुंचे, लेकिन वहां पर कोई भी डॉक्टर मौके पर नहीं मिला, जिसके कारण परिजन मरीज को डॉ के घर पर लेकर पहुचे, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी. डॉक्टर ने स्वास्थ्य परीक्षण करके किसान नरेन्द्र को मृत घोषित कर दिया.
गोविन्दगढ़ थाना एएसआई रूप सिंह ने बताया कि करण सिंह सैनी ने रिपोर्ट दी है कि "उसके पिता नरेंद्र कुमार उम्र 51 साल निवासी मुंडपुरी खुर्द खेत में सोए हुए थे. सुबह 4:00 बजे के आसपास खेत में पानी देने के लिए पानी की मोटर को चलाया था. करीब सात बजे उसका छोटा भाई खेत पर गया, तो पानी के पाइप के पास अचेत अवस्था में किसान पड़ा मिला. परिजनों ने करंट लगने से मौत की आशंकी जताई है. पोस्टमार्टम करा दिया गया है, विसरा सुरक्षित रख दिया गया है. रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा कि करंट से मृत्यु हुई है या फिर कोई अन्य कारण है.
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परिजनों का आरोप : मृकर के परिजनों ने बताया कि "जब वो अचेत अवस्था में किसान को गोविन्दगढ़ हॉस्पिटल लेकर पहुचे, तो वहां पर केवल कंपाउंडर मौजूद था. डॉक्टर ड्यूटी पर नहीं होने पर किसान को डॉक्टर के घर पर लेकर पहुंचे. ड्यूटी डॉक्टर नसीब खान ने उसे मृत घोषित कर दिया. उन्होंने बताया कि फिर मृतक को वापस CHC लेकर पहुंचे और शव को मोर्चरी में रखवाया."
इस बारे में जब CHC प्रभारी मंगतुराम से सवाल पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि डॉक्टर ड्यूटी पर तैनात थे, हो सकता है कि डॉक्टर उस वक्त किसी जरूरी काम से गए हों. उन्होंने कहा कि अगर डॉक्टर की लापरवाही सामने आएगी को उनसे स्पष्टीकरण मांगा जाएगा और कार्रवाई की जाएगी.
सीएमएचओ के निर्देश दरकिनार : बता दें कि कुछ दिन पहले ही सीएमएचओ अलवर योगेंद्र शर्मा के ने CHC का निरक्षण किया था और निर्देश दिए थे कि बोर्ड पर ड्यूटी डॉक्टर का नाम मोबाइल नंबर दर्ज होना चाहिए, लेकिन आज के घटनाक्रम में भी बोर्ड पर किसी भी डॉक्टर या कर्मचारी का नाम दर्ज नहीं था, ना ही उनके मोबाइल नंबर दर्ज थे. इस कारण CHC आने वाले मरीजों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.