काशीपुर: कुंडा थाना क्षेत्र अंतर्गत आने वाले गांव गढ़ीनेगी में प्रसव के बाद प्रसूता की मौत होने के मामले में परिजन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे और जमकर हंगामा काटा. इसी बीच परिजनों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया.
दरअसल गांव गढ़ीनेगी निवासी कृष्ण कुमार ने कुंडा थाना पुलिस को तहरीर दी है, जिसमें बताया गया कि जब उसकी पत्नी किरन गर्भवती थी, तो उसका इलाज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गढ़ीनेगी में कार्यरत जीएनएम सुभाषिनी की देखरेख में किया जा रहा था. बीते 2 दिन पूर्व पीएचसी गढ़ीनेगी में उसकी पत्नी किरन को भर्ती कराया गया था. वहीं, मृतका किरन की सास ओमवती ने आरोप लगाया कि जब किरन को भर्ती कराया गया, तो जीएनएम सुभाषनी द्वारा किरन को इंजेक्शन लगाए गए. उसके बाद उसकी बहू किरन बेहोश होती गई, जिससे वह हॉस्पिटल में इधर उधर भागी, लेकिन उसे कोई सुविधा नहीं मिली और उसकी बहू की मौत हो गई.
जसपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के सीएमएस डॉ. धीरेंद्र गहलौत ने बताया कि दो दिन पूर्व महिला की प्रसव के दौरान हुई मौत मामले में मृतका के परिजनों ने कार्रवाई के लिए प्रार्थना पत्र दिया था, जिससे वो जांच करने के लिए यहां आए हैं. उन्होंने कहा कि प्रथम दृष्टया स्टाफ नर्स और मृतका के परिजनों से हुई बातचीत के आधार पर प्रतीत होता है कि स्टाफ नर्स की लापरवाही से महिला की मौत हुई है, जिसकी जांच कराई जाएगी. वहीं, मृतका के परिजन स्टाफ नर्स को निलंबित करने की मांग कर रहे थे, जिससे उसे निलंबित कर दिया गया है.
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