खूंटी: खूंटी उपकारा में बंद महिला कैदी ने जेल में कार्यरत दो कर्मियों पर दुष्कर्म करने और जबरन गर्भपात कराने का आरोप लगाया था. मामले में जिला प्रशासन की ओर से एसडीओ के नेतृत्व में बनी जांच टीम ने शुक्रवार को महिला मजिस्ट्रेट के समक्ष युवती और उसकी मां का बयान दर्ज कराया. जांच के दौरान पाया गया कि युवती के साथ जेल में कोई शारीरिक शोषण नहीं किया गया है और उनके आवेदन पर ही युवती का गर्भपात कराया गया है.
टीम ने जांच में ये भी पाया गया कि जेल में बंद युवती के द्वारा जेल से कोई भी पत्र नहीं लिखा गया था. मेडिकल जांच के बाद ये सामने आया कि युवती की गिरफ्तारी से पहले ही वह गर्भवती थी. युवती के साथ किसी भी प्रकार का शारीरिक शोषण नहीं हुआ था. डीसी लोकेश मिश्रा ने जांच रिपोर्ट आने के बाद इसकी पुष्टि की है.
उपायुक्त लोकेश मिश्रा ने बताया कि गलत आवेदन लिखने और वायरल करने के मामले पर एक एफआईआर दर्ज कराई जा रही है. डीसी ने कहा कि इस मामले की जांच करा कर छवि धूमिल करने वाले के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई की जाएगी.
गुरुवार को खूंटी जेल में बंद एक युवती की एक चिट्ठी वायरल हुई थी, जिसमें युवती ने जेल के दो कर्मियों पर दुष्कर्म और जबरन गर्भपात कराने का आरोप लगाया था. जिसके बाद डीसी लोकेश मिश्रा ने एसडीओ के नेतृत्व में महिला मजिस्ट्रेट और महिला चिकित्सक की एक टीम बनाई थी. टीम ने शुक्रवार को जेल ने बंद युवती की मेडिकल जांच की और युवती और उसकी मां का बयान भी दर्ज कराया. जांच में किसी भी आरोप की पुष्टि नहीं हुई.
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