बाराबंकी : यूपी की बाराबंकी पुलिस ने करोड़ों की धोखाधड़ी करने वाले पांच शातिर अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है. पुलिस का दावा है कि आरोपियों ने एक फर्जी चिटफंड कंपनी के माध्यम से तकरीबन 1200 से ज्यादा लोगों से करीब 12 करोड़ रुपयों की धोखाधड़ी की है. पुलिस ने इनके कब्जे से 28 पासबुक, 07 डायरी और एक कम्प्यूटर सेट बरामद किया है. शनिवार को पुलिस ने इन्हें न्यायालय में पेश किया, जहां से इन्हें जेल भेज दिया गया.
एडिशनल एसपी डॉ अखिलेश नारायण सिंह ने बताया कि कुछ लोगों ने मिलकर साल 2021 में एक फर्जी चिटफंड कंपनी बनाई और इसका चिटफंड सोसायटी के तहत रजिस्ट्रेशन कराया. कंपनी ने नगर कोतवाली के एलआईसी ऑफिस के निकट आवास विकास स्थित साईं प्लाजा में रिच डायमंड इंडिया लिमिटेड के नाम से दफ्तर खोला. कंपनी के कर्मचारियों ने भोले लोगों को डेढ़ गुना ब्याज देने का लालच देकर उनसे हर माह रुपये जमा कराए. कुछ लोगों की मैच्योरिटी का समय पूरा हुआ तो कम्पनी ने उनको भुगतान नहीं किया.
उन्होंने बताया कि यही नहीं कंपनी के कर्मचारियों ने इन लोगों के साथ और भी फ्राॅड किया. इनसे जो रुपये जमा कराए गए उनमें भी हेरफेर की गई. रुपये ज्यादा जमा कराए गए, लेकिन अभिलेखों में कम दर्ज किया गया. यह जानकारी जब कुछ जमाकर्ताओं को हुई तो उन्होंने पुलिस में शिकायत की. मामले की गम्भीरता को देखते हुए पुलिस ने जब छानबीन शुरू की तो कम्पनी का अवैध धंधा उजागर हो गया. लिहाजा पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार सिंह के निर्देश पर नगर कोतवाली पुलिस ने कार्यवाही कर कंपनी के 5 कर्मचारियों को गिरफ्तार कर लिया है.
उन्होंने बताया कि पुलिस ने कर्मचारियों में सूरतगंज निवासी कंपनी डायरेक्टर शैलेन्द्र कुमार वर्मा, सीतापुर निवासी ब्रांच मैनेजर सौरभ वर्मा, बाराबंकी निवासी ऑफिस असिस्टेंट उपेन्द्र कुमार, जहांगीराबाद निवासी फील्ड वर्कर अंकित कुमार यादव और बाराबंकी की रहने वाली एजेंट रेखा उर्फ धर्मावती को गिरफ्तार किया है. एडिशनल एसपी डॉ अखिलेश नारायण सिंह ने बताया कि बरामद किए गए दस्तावेजों की पड़ताल की जा रही है. इस मामले में जो भी संलिप्त होगा, उस पर विधिसम्मत कार्रवाई की जाएगी.
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