जयपुर. राजधानी जयपुर के एक शख्स को एक महिला से नजदीकी की कीमत अपनी जान देकर चुकानी पड़ी. महिला और गिरोह के बदमाशों ने उसे दिल्ली बुलाया और बंधक बनाकर परिजनों से 50 लाख की डिमांड की. आरोपियों ने रुपए नहीं मिलने पर हत्या की वारदात को अंजाम दिया और शव को गंदे नाले में फेंक दिया.
पुलिस ने पूरे मामले का खुलासा करते हुए महिला सहित चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है. सोमवार को पुलिस ने आरोपी महिला, विजय, संतोष कुमार और प्रदीप को गिरफ्तार किया है.
डीसीपी (जयपुर उत्तर) राशि डोगरा डूडी ने बताया कि गलता गेट थाने में पीयूष सांवरिया ने 28 मई को रिपोर्ट दर्ज करवाई कि उसके पिता दिलीप सांवरिया 20 मई की रात को फरीदाबाद जाने की कहकर घर से निकले थे और वापस नहीं लौटे. जांच के दौरान सामने आया कि एक महिला ने अपने जानकारों के साथ मिलकर दिलीप सांवरिया की दिल्ली में हत्या कर दी और शव को नाले में फेंक दिया. पुलिस ने करीब एक दर्जन से ज्यादा गंदे नालों में तलाश करके शव को ढूंढ निकाला. पुलिस ने आरोपी महिला, दिल्ली के विजय धानक, संतोष कुमार और महिला के पति को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी महिला के साथ मिलकर अमीर लोगों को सौंदर्य के जाल में फंसाकर वसूली करते थे.
पहले खुद दिल्ली गई और रची साजिश : पुलिस की पड़ताल में सामने आया है कि महिला का मृतक के साथ संबंध था. जिसके चलते वह परेशान हो गई और अपने पति के साथ दिल्ली गई, जहां दिलीप को मिलने के लिए बुलाया. वह 20 मई को दिल्ली पहुंचा तो उसे एक कमरे पर ले गए और बंधक बना लिया. इसके बाद उसी के मोबाइल से वाट्सएप कॉल करके परिजनों से उसकी जान की सलामती के बदले 50 लाख रुपए मांगे. परिजनों ने रुपए नहीं दिए तो महिला के सामने विजय, संतोष, मनीष, मुकेश और गोविंदा ने उसके हाथ-पैर बांध दिए और मुंह पर टेप चिपका दी.
स्विच ऑफ कर दिया मोबाइल : पड़ताल में यह भी सामने आया है कि महिला 21 मई को जयपुर आ गई और दिलीप उसके साथियों के कब्जे में दिल्ली में था. दो दिन बाद विजय दिल्ली से जयपुर आया और महिला व उसके पति प्रदीप को बताया कि दिलीप सांवरिया की हत्या कर शव फेंक दिया. उन्होंने दिलीप का मोबाइल भी जयपुर लाकर स्विच ऑफ कर दिया. इसके बाद वे लोग जयपुर से दिल्ली चले गए.
चार दिन की मशक्कत के बाद मिला फ्लैट : डीसीपी राशि डोगरा डूडी ने बताया कि जयपुर से एक टीम दिल्ली भेजी गई. इस टीम ने दिल्ली में फ्लैट की जगह को काफी तलाश किया तलाश करने में लगभग चार दिन का समय लगा फ्लैट चिन्हित हो जाने के बाद आसपास लगे 300 सीसीटीवी फुटेज चेक किए गए. जिसमें एक गाड़ी को चिन्हित किया गया. फ्लैट के आसपास कई किलोमीटर के दायरे में सभी गंदे नालों में उतरकर मृतक के शव की काफी तलाश की गई.
दिल्ली में स्थित सुल्तानपुरी माजरा सरकारी स्कूल के पास एक गंदे नाले में बिस्तरों का बंडल पड़ा मिला. गंदे नाले में उतरकर चेक किया, तो उसमें तकिए, प्लास्टिक के कट्टे, बेडशीट लिपटी हुई थी, जिसके अंदर मृतक दिलीप सांवरिया का शव बरामद हुआ. स्थानीय पुलिस की मदद से शव को निकाल कर दिल्ली में पोस्टमार्टम करवा कर परिजनों को सुपुर्द कर दिया गया. सीसीटीवी फुटेज के आधार पर गाड़ी की लोकेशन और आरोपियों की तलाश की गई.
फरारी काटने के लिए चार धाम रवाना हुए आरोपी : पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि आरोपी फरारी काटने के लिए चार धाम के लिए रवाना हो गए हैं. पुलिस की टीम तुरंत रवाना हुई. चम्बोली में गोपेश्वर मंदिर में बैठे मिले. आरोपी विजय और संतोष कुमार को पकड़ लिया गया. दोनों आरोपियों में से एक आरोपी विजय दिलीप सांवलिया का मर्डर करने के बाद पुलिस को गुमराह करने के लिए मृतक का फोन लेकर जयपुर भी आया था, जिसने मृतक का फोन जयपुर में अलग-अलग जगह पर ऑन करके लोकेशन सेट की, ताकि पुलिस को इस बात का पता नहीं चल सके की गुमशुदा का मर्डर हो गया है. लास्ट लोकेशन कानोता साइड का सेट करके वापस दिल्ली रवाना हो जाता था. इस दौरान आरोपी विजय महिला के घर पर आकर उसके पति प्रदीप गोस्वामी के साथ में फिरौती मांगने के लिए गुमशुदा दिलीप सांवरिया के मकान की रेकी करता था.
अमीर आदमी को फंसा कर मांगते थे फिरौती, नहीं देने पर हत्या : आरोपी अपनी परिचित लड़की से किसी रुपए वाले आदमी को फंसाने का काम करते थे. फंसे हुए आदमी को विश्वास में लेकर लड़की शारीरिक संबंध भी बनाती थी. उसको अपने जाल में फंसा कर भावुक बना लेती थी. अपने अड्डे पर बुलाकर अपने दोस्तों से मिलकर उसके घर वालों से फिरौती की मांग करते थे. फिरौती की रकम नहीं मिलने पर उसका मर्डर कर देते थे. पुरानी जगह से फरार होकर नए शिकार की तलाश में जुट जाते थे.