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यूपी बोर्ड परीक्षा पेपर लीक मामले में बड़ा खुलासा, 20 हजार में लिया था नकल का ठेका, एग्जाम से पहले सॉल्वर को भेजा जाता था पेपर - Agra

Agra: बोर्ड परीक्षा पेपर लीक (up board exam)मामले में आरोपी से किए जा रहे पूछताछ में चौकाने वाले जानकारी सामने आ रहे हैं. और परत दर परत नकल के इस खुले खेल का पर्दाफाश हो रहा है.

Revelation in the interrogation of main accused Vinay Choudhary
मुख्य आरोपी विनय चौधरी की पूछताछ में खुलासा
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Mar 2, 2024, 11:07 PM IST

आगरा: यूपी बोर्ड परीक्षा पेपर लीक मामले में लगातार खुलासे हो रहे हैं. इंटरमीडिएट की परीक्षा में जीव विज्ञान और गणित के पेपर वायरल करने के मुख्य आरोपी विनय चौधरी ने कई खुलासे किए हैं. उसने कई छात्रों को पास कराने का ठेका लिया था. 18 से 20 हजार रुपये में नकल कराने का सौदा तय हुआ था. इसके लिए परीक्षा से पहले ही विनय चैधरी पेपर के फोटोज खींच कर साॅल्वर के पास भेजता था. फिर पेपर के कोड के आधार पर छात्रों को नकल कराता था. वहीं सबूत खत्म करने के लिए आरोपी ने मोबाइल की सिम तोड दी और उसका डेटा भी डिलिट कर दिया है. जिसे पुलिस साइबर सेल की मदद से रिकवर कर रही है. अभी इस बारे में पुलिस अधिकारी कुछ नहीं बोल रहे हैं.

वाट्सएप ग्रुप में पोस्ट करने के खुलासा बता दें कि, 29 फरवरी को एग्जाम की दूसरी पाली में गणित और जीव विज्ञान की परीक्षा थी. दोपहर करीब सवा तीन बजे व्हाट्सऐप ग्रुप ऑल प्रिंसिपल ग्रुप में जीव विज्ञान के पेपर का कोड 368 जीएल और सीरियल 153 के साथ ही गणित के पेपर का कोड 324 एफ पोस्ट किया गया. जिसको अतर सिंह इंटर कॉलेज के कंप्यूटर ऑपरेटर विनय चौधरी ने अपने मोबाइल नंबर से पोस्ट किए थे. फिर डिलीट कर दिए. पेपर लीक होने की जानकारी मिलते ही शिक्षा विभाग और पुलिस डिपार्टमेंट में खलबली मच गई. इस मामले में फतेहपुर सीकरी थाना में मामला दर्ज कराया गया. इसके बाद पुलिस ने अब तक केंद्र व्यवस्थापक, प्रिंसिपल, काॅलेज प्रबंधक राजेंद्र सिंह और अतिरिक्त केंद्र व्यवस्थापक गंभीर सिंह के साथ ही मुख्य आरोपी विनय चैधरी को गिरफ्तार कर चुकी है.

एग्जाम से पहले साॅल्वर को भेजा जाता था पेपर पुलिस की पूछताछ में मुख्य आरोपी विनय चौधरी ने बताया कि, हर दिन परीक्षा से पहले ही पेपर खुलते ही उसे साॅल्वर के पास भेजता था. 29 फरवरी को भी दूसरी पाली में ऐसा किया था. जैसे ही पेपर खुला तो पहले मोबाइल से फोटो खीचें और पेपर बंटने से पहले ही उसका फोटोज खींचकर सॉल्वर के पास भेज दिए. लेकिन गलती से 29 फरवरी को करीब सवा तीन बजे पेपर के फोटोज ऑल प्रिंसिपल्स आगरा ग्रुप में पोस्ट हो गए. जिससे उसके नकल कराने के राज का पर्दाफाॅश हो गया.

ये भी पढ़ेंः पुलिस भर्ती परीक्षा निरस्त होने पर छात्रा ने की खुदकुशी, परिजन बोले - नौकरी न लगने से तनाव में रहती थी

आगरा: यूपी बोर्ड परीक्षा पेपर लीक मामले में लगातार खुलासे हो रहे हैं. इंटरमीडिएट की परीक्षा में जीव विज्ञान और गणित के पेपर वायरल करने के मुख्य आरोपी विनय चौधरी ने कई खुलासे किए हैं. उसने कई छात्रों को पास कराने का ठेका लिया था. 18 से 20 हजार रुपये में नकल कराने का सौदा तय हुआ था. इसके लिए परीक्षा से पहले ही विनय चैधरी पेपर के फोटोज खींच कर साॅल्वर के पास भेजता था. फिर पेपर के कोड के आधार पर छात्रों को नकल कराता था. वहीं सबूत खत्म करने के लिए आरोपी ने मोबाइल की सिम तोड दी और उसका डेटा भी डिलिट कर दिया है. जिसे पुलिस साइबर सेल की मदद से रिकवर कर रही है. अभी इस बारे में पुलिस अधिकारी कुछ नहीं बोल रहे हैं.

वाट्सएप ग्रुप में पोस्ट करने के खुलासा बता दें कि, 29 फरवरी को एग्जाम की दूसरी पाली में गणित और जीव विज्ञान की परीक्षा थी. दोपहर करीब सवा तीन बजे व्हाट्सऐप ग्रुप ऑल प्रिंसिपल ग्रुप में जीव विज्ञान के पेपर का कोड 368 जीएल और सीरियल 153 के साथ ही गणित के पेपर का कोड 324 एफ पोस्ट किया गया. जिसको अतर सिंह इंटर कॉलेज के कंप्यूटर ऑपरेटर विनय चौधरी ने अपने मोबाइल नंबर से पोस्ट किए थे. फिर डिलीट कर दिए. पेपर लीक होने की जानकारी मिलते ही शिक्षा विभाग और पुलिस डिपार्टमेंट में खलबली मच गई. इस मामले में फतेहपुर सीकरी थाना में मामला दर्ज कराया गया. इसके बाद पुलिस ने अब तक केंद्र व्यवस्थापक, प्रिंसिपल, काॅलेज प्रबंधक राजेंद्र सिंह और अतिरिक्त केंद्र व्यवस्थापक गंभीर सिंह के साथ ही मुख्य आरोपी विनय चैधरी को गिरफ्तार कर चुकी है.

एग्जाम से पहले साॅल्वर को भेजा जाता था पेपर पुलिस की पूछताछ में मुख्य आरोपी विनय चौधरी ने बताया कि, हर दिन परीक्षा से पहले ही पेपर खुलते ही उसे साॅल्वर के पास भेजता था. 29 फरवरी को भी दूसरी पाली में ऐसा किया था. जैसे ही पेपर खुला तो पहले मोबाइल से फोटो खीचें और पेपर बंटने से पहले ही उसका फोटोज खींचकर सॉल्वर के पास भेज दिए. लेकिन गलती से 29 फरवरी को करीब सवा तीन बजे पेपर के फोटोज ऑल प्रिंसिपल्स आगरा ग्रुप में पोस्ट हो गए. जिससे उसके नकल कराने के राज का पर्दाफाॅश हो गया.

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