लखनऊ: जल की स्वच्छता जल संरक्षण और जल जीवन मिशन की बातों के मंथन सेविचारों का अमृत निकलेगा. इन्हीं विचारों के जरिए पूरे देश में पानी के संकट को दूर करने संबंधी बड़ा एजेंडा लखनऊ में तय किया जाएगा. पहले भी उत्तर प्रदेश जल जीवन मिशनदेशभर में सबसे बेहतरीन काम कर रहा है. उत्तर प्रदेश के इस गौरवशाली ट्रैक रिकॉर्ड को देखते हुए इस बार राष्ट्रीय जल सम्मेलन की जिम्मेदारी उसे दी गई है.
दो दिवसीय सम्मेलन शुक्रवार से शुरू होगा, केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत इसके मुख्य अतिथि होंगे जबकि पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय की सचिव विनी महाजन इस कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन करेंगी. सभी राज्यों के जलशक्ति विभाग के प्रमुख सचिव और डायरेक्टरों की जुटान में जल जीवन मिशन के हर पहलू पर मंथन होगा. इस चिंतन से ही राष्ट्रीय जल नीति का मार्ग प्रशस्त होगा.
जल इसकी स्वच्छता और स्वास्थ्य से जुड़े पहलुओं से ही इस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत होगी. मोदी सरकार ने जब से जल जीवन मिशन लॉन्च किया है और तय किया है कि हर घर नल से ही साफ पानी पहुंचेगा, तब से स्वास्थ्य क्षेत्र में क्या बदलाव आए हैं, उनपर बातचीत होगी. सभी राज्य अपने-अपनी कोशिशों के बारे में बताएंगे. वे उन का आंकड़ों को साझा करेंगे, जिससे जनता के सामाजिक और स्वास्थ्य आयामों में आए बदलावों को रेखांकित किया जा सकेगा. शुक्रवार को ही एक सत्र इस थीम पर रखा गया है, जिसमें सभी राज्य अपनी-अपनी बेस्ट प्रैक्टिस साझा करेंगे. वे बताएंगे कि जल जीवन मिशन के तहत उन्होंने क्या किया है. उत्तर प्रदेश भी अपने विविध पहलुओं को साझा करेगा. बताएगा कि कैसे उसने पूरी परियोजना को सोलर पावर से जोड़ा है. मिशन पूरा होने मे बाद परियोजना की निरंतरता कैसे बनाए रखी जाए, उसके लिए जो उसने मॉडल तैयार किया है, उसे वह साझा करेगा। परियेाजना की निरंतरता के लिए योगी सरकार ने बजट का प्राविजन करके, जिस तरह से सभी प्रदेशों को रास्ता दिखाया है, उस पर भी बात होगी.
दिन भर के इस चिंतन के बाद केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत इस कॉन्फ्रेंस का औपचारिक उद्घाटन करेंगे. वे इस परियोजना पर बात रखेंगे.इस सत्र में उनके साथ यूपी के जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह भी रहेंगे.इस दौरान वह इस परियोजना में यूपी का रिपोर्ट कार्ड सार्वजनिक करेंगे.वे विंध्य और बुंदेलखंड क्षेत्र की उन चुनौतियों को रेखांकित करेंगे, जिनसे निपटकर यह राज्य देश में नंबर वन बना है। बताएंगे कि कैसे इस परियोजना ने बुंदेलखंड और विंध्य समेत पूरे प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में लोगों का जीवन बदला है.
दूसरे दिन के सत्र में परियोजना से आए जीवन में बदलावों के आगे की बात होगी, शनिवार को सभी प्रदेशों में जल नीति बनाने में अहम रोल अदा कर रहे प्रशासनिक अधिकारी इस परियोजना के भविष्य और इसके दूसरे पहलुओं पर बात करते हुए एक राष्ट्रीय जल नीति बनाने के रास्ते पर आगे बढ़ेंगे.
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