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ईयरफोन की आदत आपको बना सकती है बहरा, जानें कैसे रखें कानों का ख्याल - EXCESSIVE USE OF EARPHONE

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jun 19, 2024, 8:41 PM IST

Updated : Jun 19, 2024, 10:00 PM IST

Excessive use of earphone: IGMC शिमला में ENT विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉक्टर ईशान चौहान ने ईटीवी भारत से खास बातचीत कर कानों की समस्या को लेकर जरूरी जानकारी दी है. आखिर किस तरह कानों की बीमारी और बहरेपन से बचा जा सकता है.

earphone become you Deaf
ईयरफोन की आदत आपको बना सकती है बहरा (कॉन्सेप्ट इमेज)
डॉक्टर ईशान चौहान, ENT विभाग के सहायक प्रोफेसर, IGMC शिमला (ETV Bharat)

शिमला: डिजिटल युग में आज हर किसी के हाथ में मोबाइल है और लोग अकसर अपने कानों में ईयरफोन लगाकर म्यूजिक सुनते हैं. ऐसे में लोगों की सुनने की क्षमता पर असर पड़ने लगा है. लंबे समय तक घंटों तेज साउंड में म्यूजिक सुनने के कारण व्यक्ति बहरा भी हो सकता है.

इसको लेकर आईजीएमसी के ENT विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉक्टर ईशान चौहान ने ईटीवी भारत से खास बातचीत कर जानकारी देते हुए कहा लंबे समय तक कान में हेडफोन लगाने से इंफेक्शन से लेकर बहरेपन का खतरा होता है. उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी के बाद कानों की समस्या को लेकर लोग अस्पताल पहुंच रहे हैं.

कान की बीमारी से ग्रसित लोगों में सुनने की क्षमता में कमी, कानों में सनसनाहट और दर्द होती है. कानों की इस समस्या को लेकर आईजीएमसी में प्रतिदिन 3 से 4 मरीज हर रोज अस्पताल पहुंच रहे हैं.

अस्पताल में आने वाले कुछ मरीजों में किसी संक्रमण के कारण कान की समस्या होती है. वहीं, कुछ मरीजों में ईयरफोन में तेज साउंड में म्यूजिक सुनने से यह समस्या होती है. डॉक्टर ने बताया कि हमारे कानों की सुनने की क्षमता एक दम से नहीं जाती. धीरे-धीरे कर हमारे कानों की सुनने की क्षमता कम होने लगती है.

किसी व्यक्ति के कानों की सुनने की क्षमता को जानने के लिए एक पीटीए नाम का टेस्ट होता है. इस टेस्ट के बाद ही पता लग पाता है कि किसी शख्स के कानों पर कितना असर पड़ा है. वहीं, डॉक्टर ने लोगों को हिदायत दी है कि अगर अपने कान स्वस्थ रखने हैं तो वॉर्निंग आने के बाद ईयरफोन की साउंड को नहीं बढ़ानी चाहिए. वहीं, लंबे समय तक ईयरफोन का प्रयोग नहीं करना है.

बच्चों को रखें ईयरफोन से दूर:

डॉक्टर ईशान ने कहा कि बच्चों को ईयरफोन से दूर रखना चाहिए दूसरा अगर आप बच्चों के पास फोन दे रहे हैं तो ध्यान रखें कि बच्चा नॉर्मल साउंड में ईयरफोन का इस्तेमाल कर रहा हो. इन दिनों बच्चे ऑनलाइन गेम खेलने, म्यूजिक और फिल्म देखने के लिए ईयरफोन का इस्तेमाल करने लगे हैं, लेकिन इस आदत के चलते पिछले कई सालों से कान से जुड़ी समस्याएं भी बढ़ती जा रही हैं. कुछ समय के लिए तो ठीक है, लेकिन अधिक समय तक या रोज ईयरफोन का इस्तेमाल कानों पर बुरा असर डालता है.

ईयरफोन से आने वाली आवाज ईयरड्रम से करीब से टकराती है और इससे ईयरड्रम को स्थायी नुकसान हो सकता है इसलिए अगर आप ज्यादा समय तक ईयरफोन या हेडफोन लगाकर रखते हैं तो कृपया अपनी आदत बदल लें. एक बार कानों में सुनने की क्षमता कम हुई तो इस नुकसान की भरपाई नहीं हो सकती.

लंबे समय तक हेडफोन या इयरफोन का यूज करने से कानों में दर्द होना शुरू हो जाता है. पहले ये दर्द हल्का होता है, लेकिन लंबे समय बाद ये दर्द तेज और कानों में भारीपन लगने लगता है. इसका असर आपके दिमाग पर भी पड़ता है. ईयरफोन से निकलने वाली इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेव्स दिमाग पर बहुत बुरा असर डालती हैं. इससे आवाज आने का भ्रम होने लगता है.

ईयर वैक्स की अधिकता:

लगातार ईयर फोन लगाना आपके कानों में ईयर वैक्स (कानों के मैल) की अधिकता का कारण बनता है. कान में मैल जमा होने से कई बार कान में संक्रमण, सुनने की समस्या की शिकायत हो जाती है.

ईयरफोन और हेडफोन को बहुत ज्यादा देर तक प्लग इन रहने से कान की नसों पर दबाव पड़ने लगता है. इससे कई बार नसें फूल जाती हैं और कान में पस जमने लगता है. कंपन के कारण हियरिंग सेल्स अपनी संवेदनशीलता खो देते हैं जिससे व्यक्ति को कम या फिर बिल्कुल सुनाई नहीं देता.

ये भी पढ़ें: मनाली में दुकानदार पर दिनदहाड़े दराट से हमला, CCTV कैमरे में कैद हुई वारदात

डॉक्टर ईशान चौहान, ENT विभाग के सहायक प्रोफेसर, IGMC शिमला (ETV Bharat)

शिमला: डिजिटल युग में आज हर किसी के हाथ में मोबाइल है और लोग अकसर अपने कानों में ईयरफोन लगाकर म्यूजिक सुनते हैं. ऐसे में लोगों की सुनने की क्षमता पर असर पड़ने लगा है. लंबे समय तक घंटों तेज साउंड में म्यूजिक सुनने के कारण व्यक्ति बहरा भी हो सकता है.

इसको लेकर आईजीएमसी के ENT विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉक्टर ईशान चौहान ने ईटीवी भारत से खास बातचीत कर जानकारी देते हुए कहा लंबे समय तक कान में हेडफोन लगाने से इंफेक्शन से लेकर बहरेपन का खतरा होता है. उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी के बाद कानों की समस्या को लेकर लोग अस्पताल पहुंच रहे हैं.

कान की बीमारी से ग्रसित लोगों में सुनने की क्षमता में कमी, कानों में सनसनाहट और दर्द होती है. कानों की इस समस्या को लेकर आईजीएमसी में प्रतिदिन 3 से 4 मरीज हर रोज अस्पताल पहुंच रहे हैं.

अस्पताल में आने वाले कुछ मरीजों में किसी संक्रमण के कारण कान की समस्या होती है. वहीं, कुछ मरीजों में ईयरफोन में तेज साउंड में म्यूजिक सुनने से यह समस्या होती है. डॉक्टर ने बताया कि हमारे कानों की सुनने की क्षमता एक दम से नहीं जाती. धीरे-धीरे कर हमारे कानों की सुनने की क्षमता कम होने लगती है.

किसी व्यक्ति के कानों की सुनने की क्षमता को जानने के लिए एक पीटीए नाम का टेस्ट होता है. इस टेस्ट के बाद ही पता लग पाता है कि किसी शख्स के कानों पर कितना असर पड़ा है. वहीं, डॉक्टर ने लोगों को हिदायत दी है कि अगर अपने कान स्वस्थ रखने हैं तो वॉर्निंग आने के बाद ईयरफोन की साउंड को नहीं बढ़ानी चाहिए. वहीं, लंबे समय तक ईयरफोन का प्रयोग नहीं करना है.

बच्चों को रखें ईयरफोन से दूर:

डॉक्टर ईशान ने कहा कि बच्चों को ईयरफोन से दूर रखना चाहिए दूसरा अगर आप बच्चों के पास फोन दे रहे हैं तो ध्यान रखें कि बच्चा नॉर्मल साउंड में ईयरफोन का इस्तेमाल कर रहा हो. इन दिनों बच्चे ऑनलाइन गेम खेलने, म्यूजिक और फिल्म देखने के लिए ईयरफोन का इस्तेमाल करने लगे हैं, लेकिन इस आदत के चलते पिछले कई सालों से कान से जुड़ी समस्याएं भी बढ़ती जा रही हैं. कुछ समय के लिए तो ठीक है, लेकिन अधिक समय तक या रोज ईयरफोन का इस्तेमाल कानों पर बुरा असर डालता है.

ईयरफोन से आने वाली आवाज ईयरड्रम से करीब से टकराती है और इससे ईयरड्रम को स्थायी नुकसान हो सकता है इसलिए अगर आप ज्यादा समय तक ईयरफोन या हेडफोन लगाकर रखते हैं तो कृपया अपनी आदत बदल लें. एक बार कानों में सुनने की क्षमता कम हुई तो इस नुकसान की भरपाई नहीं हो सकती.

लंबे समय तक हेडफोन या इयरफोन का यूज करने से कानों में दर्द होना शुरू हो जाता है. पहले ये दर्द हल्का होता है, लेकिन लंबे समय बाद ये दर्द तेज और कानों में भारीपन लगने लगता है. इसका असर आपके दिमाग पर भी पड़ता है. ईयरफोन से निकलने वाली इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेव्स दिमाग पर बहुत बुरा असर डालती हैं. इससे आवाज आने का भ्रम होने लगता है.

ईयर वैक्स की अधिकता:

लगातार ईयर फोन लगाना आपके कानों में ईयर वैक्स (कानों के मैल) की अधिकता का कारण बनता है. कान में मैल जमा होने से कई बार कान में संक्रमण, सुनने की समस्या की शिकायत हो जाती है.

ईयरफोन और हेडफोन को बहुत ज्यादा देर तक प्लग इन रहने से कान की नसों पर दबाव पड़ने लगता है. इससे कई बार नसें फूल जाती हैं और कान में पस जमने लगता है. कंपन के कारण हियरिंग सेल्स अपनी संवेदनशीलता खो देते हैं जिससे व्यक्ति को कम या फिर बिल्कुल सुनाई नहीं देता.

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Last Updated : Jun 19, 2024, 10:00 PM IST
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