सरगुजा: जिले के मैनपाट में भूमि माफियाओं पर प्रशासन लगातर एक्शन ले रही है. इस बीच मैनपाट में हजार एकड़ जमीन फर्जीवाड़ा मामले में संलिप्त पाए जाने पर प्रशासन ने सहकारी समिति नर्मदापुर के लिपिक को बर्खास्त कर दिया है. ईटीवी भारत ने 22 अगस्त को इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था. खबर प्रकाशन के बाद प्रशासन हरकत में आया और जांच में दोषी पाए जाने पर नर्मदापुर के लिपिक मोहन यादव को बर्खास्त कर दिया गया है.
1000 एकड़ जमीन फर्जीवाड़ा मामला: दरअसल कुछ दिनों पहले मैनपाट में 1000 एकड़ जमीन फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया था. जानकारी के मुताबिक मैनपाट में हजार एकड़ शासकीय भूमि को भूमाफिया ने कब्जा कर रखा था. इसमें 496 एकड़ शासकीय भूमि को वापस शासकीय मद में करा लिया. मामले में समिति के लिपिक मोहन यादव ने शासकीय भूमि के फर्जी पट्टे बनवाकर धान विक्रय समिति में किया था. लगातार जांच के बाद दोषी पाए जाने पर सहकारी समिति के लिपिक मोहन यादव को उनके पद से बर्खास्त कर दिया गया है.
समिति के लिपिक बर्खास्त: इस बारे में सीतापुर एसडीएम रवि राही ने कहा कि मैनपाट के नर्मदापुर सहित तीन चार गांवों में जमीन माफियाओं ने फर्जी पट्टे बनाए थे, जिसमें अब तक 496 एकड़ भूमि को वापस शासकीय मद में करा लिया गया है. इस बीच नर्मदापुर समिति के लिपिक मोहन यादव ने फर्जी पट्टे की मदद से धान विक्रय लोन लिया था, जिसकी जांच की गई. जांच में दोषी पाए जाने पर मोहन यादव को बर्खास्त कर दिया गया. इसमें जिन लोगों ने गलत तरीके से धान बेचा होगा या लोन लिया होगा, सभी के ऊपर एफआईआर दर्ज किया जाएगा.