रांची: खान-खनिज और प्राकृतिक संसाधनों से परिपूर्ण राज्य होने के बावजूद झारखंड की गिनती पिछड़े राज्यों में होती है. इसकी गिनती उन राज्यों में भी होती है जहां से हर साल बड़ी संख्या में लोग रोजी-रोटी की तलाश में दूसरे राज्यों की ओर पलायन करते हैं.
राज्य में बनी नई सरकार के मुखिया हेमंत सोरेन और श्रम एवं उद्योग मंत्री संजय प्रसाद यादव अब इस स्थिति को बदलना चाहते हैं. राज्य के गरीब और मजदूर वर्ग के लोगों को रोजी-रोटी के लिए अपने गांव परिवार और माटी से दूर नहीं जाना पड़े. उन्हें अपने ही राज्य में रोजगार के साधन उपलब्ध हो, इसको लेकर श्रम विभाग बेहद गंभीर है.
इस विभाग के मंत्री बने संजय प्रसाद यादव ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. जिसमें उन्होंने कहा कि झारखंड में मजदूरों के कल्याण के साथ-साथ उद्योग धंधों का विकास हो, यह सरकार की प्राथमिकता है. जो बातें बीत गयी उस पर बात करके समय बर्बाद करने से अच्छा है कि आगे की चिंता हम करें.
राजद कोटे से नई सरकार में श्रम, कौशल विकास और उद्योग विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे संजय प्रसाद यादव ने कहा कि हमारे राज्य से किसी को वक्त की रोटी और आजीविका के लिए बाहर नहीं जाना पड़े. इसके लिए सरकार और उनका विभाग काम करेगा.
राज्य में ही बेहतर जीवन जीने का मौका उपलब्ध कराएगी सरकार
झारखंड के श्रम, कौशल विकास एवं उद्योग मंत्री संजय प्रसाद यादव ने कहा कि हमारी सरकार का लक्ष्य राज्य वासियों को बेहतर जीवन उपलब्ध कराने की है. इसके लिए विभाग गंभीर है. असंगठित क्षेत्र के मजदूरों की जहां सरकार को चिंता है, वहीं राज्य के मजदूरों को पलायन का दंश न झेलना पड़े, इसकी कोशिश वह करेंगे.
विभागीय मंत्री ने कहा कि अभी वह लगातार बैठकें और समीक्षा कर हालात का जायजा ले रहे हैं. विभाग में जो भी खाली पद हैं उसे भरने के लिए काम होगा. वहीं राज्य में बंद पड़े उद्योग धंधों को खोलने के साथ साथ नए नए इंडस्ट्रीज के लिए क्या कुछ किया जा सकता है, इसकी रूपरेखा तय की जा रही है.
राजद में गुटबाजी बर्दाश्त नहीं, निष्क्रिय पदाधिकारियों की छुट्टी होगी
राज्य के श्रम, कौशल विकास एवं उद्योग मंत्री संजय प्रसाद यादव झारखंड राजद के प्रदेश प्रधान महासचिव भी हैं. लिहाजा ईटीवी भारत ने उनसे झारखंड में राजद की स्थिति और आगे के रोडमैप को लेकर सवाल किया. इसपर उन्होंने कहा कि अब राजद में गुटबाजी बर्दाश्त नहीं की जाएगी. प्रदेश अध्यक्ष के निर्देशों को हूबहू मानना अनिवार्य होगा. राजद संगठन की मजबूती के लिए निष्क्रिय पदाधिकरियों की छुट्टी होगी और नए एवं सक्रिय लोगों को काम करने का मौका मिलेगा.
04 से 14 होना है हमारा लक्ष्य
संजय प्रसाद यादव ने ईटीवी भारत से खास मुलाकात में कहा कि जब वर्ष 2000 में झारखंड राज्य का गठन हुआ था तब झामुमो के 13, कांग्रेस के 11 और राजद के 09 विधायक हुआ करते थे. आरएसएस और भाजपा से सीधी लड़ाई, गठबंधन की राजनीति में लगातार हम त्याग करते रहे. इसका नतीजा यह हुआ कि हमारी सीटें घटती चली गयी.
अब संगठन को हम इतना मजबूत करेंगे कि हम 04 से 14 विधायक वाली पार्टी बन जाए. पार्टी के प्रधान महासचिव के रूप में संजय प्रसाद यादव ने कहा कि जब राजद के संगठन मजबूत होगा, हम बेहतर करेंगे तो मुख्यमंत्री भी हमारा सहयोग करेंगे.
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