बलरामपुर: इंग्लैंड के रहने वाले जैलेस पेशे से सेल्फ एंप्लॉई हैं. उन्हें घूमने का शौक है. लेकिन बड़े ही सस्ते खर्च पर ये यात्रा पर निकल जाते हैं. इन्हें जब भी घूमने का मन करता है, अपनी साइकिल उठाते हैं एक बैग लटकाते हैं और टूर पर निकल जाते हैं. लेकिन इस बार जैलेस इंग्लैंड के आसपास नहीं बल्कि साइकिल से भारत घूमने पहुंच गए हैं.
घूमने का शौक ले आया इंग्लैंड से भारत: इंग्लैंड के एक छोटे से गांव के रहने वाले जैलेस को बचपन से ही घूमने फिरने और नयी जगहों को एक्सप्लोर करने का शौक था. उम्र बढ़ने के साथ शौक इस कदर परवान चढ़ा है कि अब ये सात समंदर पार की यात्रा भी साइकिल से कर रहे हैं. इस समय इंग्लैंड का ये यात्री बलरामपुर पहुंचा है. रामानुजगंज घूमने के दौरान ETV भारत संवाददाता की नजर इन पर पड़ी. उन्होंने बताया कि साइकिल से घूमने का उन्हें शौक है. जब भी उन्हें मन करता है वो साइकलि से ही कहीं भी घूमने निकल जाते हैं.
जैलेस ने बताया कि वो हर साल भारत आता हूं. इस बार जनवरी के आखिरी में यात्रा शुरू की. पिछले बार कन्याकुमारी से यात्रा शुरू करते हुए कर्नाटक और उसके आसपास का सफर किया था. साइकिल से घूमने का कोई उद्देश्य नहीं है शौक से साइकिल से घूमने निकला हूं- जैलेस, इंग्लैंड के साइकिल यात्री
भारतीय संस्कृति को समझने कर रहे भारत भ्रमण: जैलेस ने गुजरात के पोरबंदर शहर से अपनी साइकिल यात्रा शुरू की. वहां से कोलकाता पहुंचा. इसके बाद दार्जिलिंग होते हुए बिहार की राजधानी पटना गया. जैसेस शुक्रवार को रामानुजगंज से होते हुए मध्यप्रदेश के रास्ते वापस पोरबंदर जा रहे हैं. इस दौरान वह पांच से छह हजार किलोमीटर की यात्रा साइकिल से करेंगे.