देवघर: जिला सदर अस्पताल में इन दिनों कर्मचारियों के लिए प्रबंधन के द्वारा एक फरमान जारी किया गया है. जिसे देवघर सदर अस्पताल में काम करने वाले कर्मचारी एक तुगलकी फरमान मान रहे हैं. वे सभी मिलकर इस आदेश का पुरजोर विरोध भी कर रहे हैं.
दरअसल देवघर सदर अस्पताल के सिविल सर्जन डॉक्टर युगल किशोर चौधरी के द्वारा एक आदेश जारी किया गया है. जिसमें यह कहा गया है कि जो भी सदर अस्पताल के कर्मचारी परिसर में बने आवास में रह रहे हैं वो जल्द से जल्द खाली करें. क्योंकि वहां पर अस्पताल का विस्तार किया जाएगा.
इसको लेकर देवघर सदर अस्पताल के कर्मचारियों का कहना है कि जब सदर अस्पताल का निर्माण किया गया था, उसी समय भवन निर्माण विभाग द्वारा यहां काम करने वाले कर्मचारियों के लिए उनके लिए आवास का निर्माण कराया गया. फिर किस आधार पर अस्पताल विस्तार के लिए कर्मचारियों को हटाने का आदेश जारी किया गया है.
कर्मचारियों की परेशानी को लेकर जिला कर्मचारी संघ के नेता और सदर अस्पताल के कर्मचारी मनोज मिश्रा ने कहा कि जिस तरह का आदेश जारी किया गया है यह तुगलकी फरमान है. क्योंकि नियमों के अनुसार जो आवास कर्मचारियों के रहने के लिए बनाए जाते हैं, उन आवासों में अस्पताल का विस्तार नहीं कराया जाता है. इसके बावजूद भी सिविल सर्जन अपनी मनमानी करेंगे तो कर्मचारी कानून का सहारा लेकर अपने आवास को बचाने की कोशिश करेंगे.
वहीं सदर अस्पताल कर्मचारी पारसनाथ बताते हैं कि उनकी पदस्थापना ही सदर अस्पताल में हुई है, ऐसे में वह आवास लेकर सदर अस्पताल परिसर में वर्षों से रह रहे हैं. वर्षों से रहने के बावजूद प्रत्येक कर्मचारी के घर में कई ऐसे समान हैं. जिसे एक जगह से दूसरे जगह ले जाना काफी मुश्किल होता है. साथ ही आवास खाली करने की सूचना मिलने के बाद सभी कर्मचारी और उनके परिवारों की मानसिक परेशानी बढ़ गई है.
पूरे मामले पर ईटीवी भारत की टीम ने देवघर के सिविल सर्जन डॉक्टर युगल किशोर चौधरी से बात की. उन्होंने कहा कि हाल फिलहाल में ही राज्य के उच्च अधिकारियों ने निरीक्षण कर यह आदेश दिया था. जिसमें ओपीडी और अस्पताल के कुछ विभागों के विस्तार के लिए आवासीय परिसर को खाली कराया जाए, इसीलिए यह आदेश जारी किया गया है. अगर किसी कर्मचारी को इस आदेश के खिलाफ जाना है तो उच्च अधिकारी से अनुमति लें अन्यथा आदेश का पालन करें.
बता दें कि देवघर सिविल सर्जन के इस आदेश को कर्मचारी तुगलकी फरमान बता रहे हैं. स्वास्थ्य कर्मचारियों ने कहा कि अगर सिविल सर्जन अपने आदेश को वापस नहीं लेते हैं तो आने वाले समय में इसको लेकर आवासीय परिसर में रहने वाले कर्मचारी और स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के नेतृत्व में आंदोलन करना पड़ेगा.
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